"कबीर के पद -कबीर": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Kabirdas-2.jpg |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 32: पंक्ति 32:
<poem>
<poem>
1.
1.
अरे दिल,
प्रेम नगर का अंत न पाया, ज्‍यों आया त्‍यों जावैगा।।
प्रेम नगर का अंत न पाया, ज्‍यों आया त्‍यों जावैगा।।
सुन मेरे साजन सुन मेरे मीता, या जीवन में क्‍या क्‍या बीता।।
सुन मेरे साजन सुन मेरे मीता, या जीवन में क्‍या क्‍या बीता।।

11:10, 8 सितम्बर 2011 का अवतरण

कबीर के पद -कबीर
संत कबीरदास
संत कबीरदास
कवि कबीर
जन्म 1398 (लगभग)
जन्म स्थान लहरतारा ताल, काशी
मृत्यु 1518 (लगभग)
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ साखी, सबद और रमैनी
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कबीर की रचनाएँ

1.
प्रेम नगर का अंत न पाया, ज्‍यों आया त्‍यों जावैगा।।
सुन मेरे साजन सुन मेरे मीता, या जीवन में क्‍या क्‍या बीता।।
सिर पाहन का बोझा ल‍ीता, आगे कौन छुड़ावैगा।।
परली पार मेरा मीता खडि़या, उस मिलने का ध्‍यान न धरिया।।
टूटी नाव, उपर जो बैठा, गाफिल गोता खावैगा।।
दास कबीर कहैं समझाई, अंतकाल तेरा कौन सहाई।।
चला अकेला संग न कोई, किया अपना पावैगा।

2.
रहना नहीं देस बिराना है।
यह संसार कागद की पुडि़या, बूँद पड़े घुल जाना है।
यह संसार कॉंट की बाड़ी, उलझ-पुलझ मरि जाना है।
यह संसार झाड़ और झॉंखर, आग लगे बरि जाना है।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, सतगुरू नाम ठिकाना है।






संबंधित लेख