"राजमहल": अवतरणों में अंतर
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राजमहल पूर्वोत्तर [[भारत]] के [[झारखंड]] राज्य में [[गंगा नदी]] के पश्चिम में स्थित है। राजमहल का मध्ययुगीन नाम [[उगमहल]] है। राजमहल शहर राजमहल पहाड़ियों में हैं, जो गंगा नदी से 190 किलोमीटर उत्तर-दक्षिण में लगभग [[दुमका]] तक फैली हैं। ये 567 मीटर तक ऊँची उठती हैं और यहाँ पर सोरिया पहाड़ियाँ लोगों का वास है। घाटियों में संथाल जनजाति द्वारा खेती की जाती है। | [[चित्र:Akbari-Mosque-Rajmahal.jpg|thumb|250px|अकबर मस्जिद, राजमहल]] | ||
'''राजमहल''' पूर्वोत्तर [[भारत]] के [[झारखंड]] राज्य में [[गंगा नदी]] के पश्चिम में स्थित है। राजमहल का मध्ययुगीन नाम [[उगमहल]] है। राजमहल शहर [[राजमहल पहाड़ियाँ|राजमहल पहाड़ियों]] में हैं, जो गंगा नदी से 190 किलोमीटर उत्तर-दक्षिण में लगभग [[दुमका]] तक फैली हैं। ये 567 मीटर तक ऊँची उठती हैं और यहाँ पर सोरिया पहाड़ियाँ लोगों का वास है। घाटियों में संथाल जनजाति द्वारा खेती की जाती है। | |||
[[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] के सूबेदार [[मुग़ल]] सेनापति [[मानसिंह]] ने तेलियगढ़ दर्रे और गंगा नदी पर सामरिक नियंत्रण के लिए 1595-1596 में इस जगह को अपनी राजधानी के रूप में चुना। 1608 में बंगाल की राजधानी डक्का (वर्तमान ढाका) स्थानांतरित हो गई, लेकिन अस्थायी तौर पर 1639 से 1660 के बीच राजमहल ने अपनी प्रशासनिक स्थिति को वापस हासिल कर लिया। राजमहल में एतिहासिक महत्त्व की अकबर मस्जिद (लगभग 1600 ई.) और बंगाल के नवाब मीर क़ासिम का महल है। | [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] के सूबेदार [[मुग़ल]] सेनापति [[मानसिंह]] ने तेलियगढ़ दर्रे और गंगा नदी पर सामरिक नियंत्रण के लिए 1595-1596 में इस जगह को अपनी राजधानी के रूप में चुना। 1608 में बंगाल की राजधानी डक्का (वर्तमान [[ढाका]]) स्थानांतरित हो गई, लेकिन अस्थायी तौर पर 1639 से 1660 के बीच राजमहल ने अपनी प्रशासनिक स्थिति को वापस हासिल कर लिया। राजमहल में एतिहासिक महत्त्व की अकबर मस्जिद (लगभग 1600 ई.) और बंगाल के नवाब मीर क़ासिम का महल है। | ||
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राजमहल पूर्वोत्तर भारत के झारखंड राज्य में गंगा नदी के पश्चिम में स्थित है। राजमहल का मध्ययुगीन नाम उगमहल है। राजमहल शहर राजमहल पहाड़ियों में हैं, जो गंगा नदी से 190 किलोमीटर उत्तर-दक्षिण में लगभग दुमका तक फैली हैं। ये 567 मीटर तक ऊँची उठती हैं और यहाँ पर सोरिया पहाड़ियाँ लोगों का वास है। घाटियों में संथाल जनजाति द्वारा खेती की जाती है।
बंगाल के सूबेदार मुग़ल सेनापति मानसिंह ने तेलियगढ़ दर्रे और गंगा नदी पर सामरिक नियंत्रण के लिए 1595-1596 में इस जगह को अपनी राजधानी के रूप में चुना। 1608 में बंगाल की राजधानी डक्का (वर्तमान ढाका) स्थानांतरित हो गई, लेकिन अस्थायी तौर पर 1639 से 1660 के बीच राजमहल ने अपनी प्रशासनिक स्थिति को वापस हासिल कर लिया। राजमहल में एतिहासिक महत्त्व की अकबर मस्जिद (लगभग 1600 ई.) और बंगाल के नवाब मीर क़ासिम का महल है।
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वीथिका
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प्रवेश द्वार, राजमहल (अगस्त- 1820)
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प्रवेश द्वार, राजमहल (अगस्त- 1820)
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प्रवेश द्वार, राजमहल (अगस्त- 1820)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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