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मुन्नार का इतिहास काफ़ी रोमांचक है। मुन्नार में कभी ब्रिटिश शासकों का राज हुआ करता था। स्काटिश पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत के मानचित्र में मुन्नार को ढूंढ़ा। ब्रिटिश मुन्नार को चाय की खेती के लिए इस्तेमाल करते थे और शहर की गर्मी से बचने के लिए यहाँ आते थे। [[इतिहास]] में मुन्नार के लोगों का बसना और इस क्षेत्र में सिविलाइजेशन से जुड़े कई तथ्य पाए गए हैं। सबूत यही बताते हैं कि यहाँ जीवन दसवीं शताब्दी से शुरू हुआ था। 19वीं शताब्दी आते-आते यहाँ छोटे-छोटे गाँव बनने शुरू हो गए। [[1895]] के बाद मुन्नार में विकास कार्य भी होने लगा। यहाँ का ख़ूबसूरत वातावरण और दोस्ताना व्यवहार करने वाले निवासी बाहर से आने वालों का दिल जीत लेते है।<ref name="तरंग दर्शन">{{cite web |url=http://tarangdarshan.tv/11235.html |title=केरल का ख़ूबसूरत हिल स्टेशन मुन्नार |accessmonthday=[[26 फ़रवरी]] |accessyear=[[2011]] |last= |first=ईशा |authorlink= |format=एच टी एम एल |publisher=तरंग दर्शन |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | मुन्नार का इतिहास काफ़ी रोमांचक है। मुन्नार में कभी ब्रिटिश शासकों का राज हुआ करता था। स्काटिश पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत के मानचित्र में मुन्नार को ढूंढ़ा। ब्रिटिश मुन्नार को चाय की खेती के लिए इस्तेमाल करते थे और शहर की गर्मी से बचने के लिए यहाँ आते थे। [[इतिहास]] में मुन्नार के लोगों का बसना और इस क्षेत्र में सिविलाइजेशन से जुड़े कई तथ्य पाए गए हैं। सबूत यही बताते हैं कि यहाँ जीवन दसवीं शताब्दी से शुरू हुआ था। 19वीं शताब्दी आते-आते यहाँ छोटे-छोटे गाँव बनने शुरू हो गए। [[1895]] के बाद मुन्नार में विकास कार्य भी होने लगा। यहाँ का ख़ूबसूरत वातावरण और दोस्ताना व्यवहार करने वाले निवासी बाहर से आने वालों का दिल जीत लेते है।<ref name="तरंग दर्शन">{{cite web |url=http://tarangdarshan.tv/11235.html |title=केरल का ख़ूबसूरत हिल स्टेशन मुन्नार |accessmonthday=[[26 फ़रवरी]] |accessyear=[[2011]] |last= |first=ईशा |authorlink= |format=एच टी एम एल |publisher=तरंग दर्शन |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
==उद्योग और व्यापार== | ==उद्योग और व्यापार== | ||
मुन्नार चाय के बागानों के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय है। केरल और [[तमिलनाडु]] में चाय के बागान कईं हिस्सों में हैं पर उनमें सबसे मशहूर मुन्नार के चाय बागान है। मुन्नार में 16 चाय बागान हैं जो 8600 वर्ग हेक्टेयर में फैले हुए है। मुन्नार में अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में चाय की खेती करने का श्रेय एक यूरोपीय व्यक्ति ए.एच. शार्प को जाता है। | मुन्नार [[चाय]] के बागानों के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय है। केरल और [[तमिलनाडु]] में चाय के बागान कईं हिस्सों में हैं पर उनमें सबसे मशहूर मुन्नार के चाय बागान है। मुन्नार में 16 चाय बागान हैं जो 8600 वर्ग हेक्टेयर में फैले हुए है। मुन्नार में अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में चाय की खेती करने का श्रेय एक यूरोपीय व्यक्ति ए.एच. शार्प को जाता है। | ||
==यातायात और परिवहन== | ==यातायात और परिवहन== | ||
मुन्नार आप साल में कभी भी जा सकते हैं, लेकिन मुन्नार जाने का सही समय है [[सितम्बर]] से [[मई]] के बीच में। मुन्नार में [[जून]] से लेकर सितम्बर तक मानसून रहता है। सर्दी में मुन्नार के लिए आपको भारी भरकम ऊनी कपड़े ले जाने पड़ेंगे ताकि आप वहाँ की सर्दी से बच सकें। मुन्नार के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग तीनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। | मुन्नार आप साल में कभी भी जा सकते हैं, लेकिन मुन्नार जाने का सही समय है [[सितम्बर]] से [[मई]] के बीच में। मुन्नार में [[जून]] से लेकर सितम्बर तक मानसून रहता है। सर्दी में मुन्नार के लिए आपको भारी भरकम ऊनी कपड़े ले जाने पड़ेंगे ताकि आप वहाँ की सर्दी से बच सकें। मुन्नार के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग तीनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। | ||
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मुन्नार की प्राकृतिक सुन्दरता पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती हैं अगर आप रोमांचक [[खेल]] के शौक़ीन हैं तो मुन्नार में आपके लिए बहुत कुछ है। जैसे ट्रैकिंग, पारा ग्लाइडिंग, रोप क्लाइबिंग और हाइकिंग। मुन्नार में देखने लायक़ जगह हैं राजमाला, चितीरापुरम और इकोपाइंट। मुन्नार में पर्यटकों के लिए आर्कषण हैं, मट्टुपेटी बांध। मुन्नार की असली सुन्दरता पोतैमेदु में है, जो एक महत्त्वपूर्ण बागान है। मन को सम्मोहित करने वाली झीलें और घने जंगल यहाँ की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं। किसी समय मुन्नार ब्रिटिश सरकार का दक्षिणी भारत का गर्मियों का रिजॉर्ट हुआ करता था। मुन्नार की ख़ूबसूरती शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। अगर आप मुन्नार में थोड़ा और घूमना चाहते हैं, तो आसपास कुछ जगह जैसे मैरायूर, नदूकनी और मीनली भी जा सकते हैं। मुन्नार की ख़ूबसूरती का असली मजा वहाँ के फलोरा और फायना में है जो मुन्नार शहर की ख़ूबसूरती को और भी देखने लायक़ और आकर्षक बनाते हैं।<ref name="तरंग दर्शन" /> | मुन्नार की प्राकृतिक सुन्दरता पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती हैं अगर आप रोमांचक [[खेल]] के शौक़ीन हैं तो मुन्नार में आपके लिए बहुत कुछ है। जैसे ट्रैकिंग, पारा ग्लाइडिंग, रोप क्लाइबिंग और हाइकिंग। मुन्नार में देखने लायक़ जगह हैं राजमाला, चितीरापुरम और इकोपाइंट। मुन्नार में पर्यटकों के लिए आर्कषण हैं, मट्टुपेटी बांध। मुन्नार की असली सुन्दरता पोतैमेदु में है, जो एक महत्त्वपूर्ण बागान है। मन को सम्मोहित करने वाली झीलें और घने जंगल यहाँ की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं। किसी समय मुन्नार ब्रिटिश सरकार का दक्षिणी भारत का गर्मियों का रिजॉर्ट हुआ करता था। मुन्नार की ख़ूबसूरती शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। अगर आप मुन्नार में थोड़ा और घूमना चाहते हैं, तो आसपास कुछ जगह जैसे मैरायूर, नदूकनी और मीनली भी जा सकते हैं। मुन्नार की ख़ूबसूरती का असली मजा वहाँ के फलोरा और फायना में है जो मुन्नार शहर की ख़ूबसूरती को और भी देखने लायक़ और आकर्षक बनाते हैं।<ref name="तरंग दर्शन" /> | ||
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12:19, 31 मार्च 2012 का अवतरण
मुन्नार
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विवरण | मुन्नार केरल का एक ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है। मुन्नार केरल के इडुक्की ज़िले में 6000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। |
राज्य | केरल |
ज़िला | इडुक्की |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 10°07', पूर्व 77°04' |
मार्ग स्थिति | मुन्नार कोच्चि से 127 किमी, मदुरई से 156 किमी, कन्नूर से 365 किमी की दूरी पर स्थित है। |
प्रसिद्धि | मुन्नार की सुन्दरता के कारण मुन्नार को 'ईश्वर का देश' भी कहा जाता है। |
कब जाएँ | सितम्बर से मई |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। |
कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | |
अलुवा रेलवे स्टेशन, एरनाकुलम जंक्शन | |
बस, टैक्सी आदि। | |
क्या देखें | चाय के बागान, राजमाला, चितीरापुरम और इकोपाइंट |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, रिसॉर्ट |
क्या खायें | मसालेदार काजू, फिश करी |
क्या ख़रीदें | चाय, कॉफी, मसाले (दालचीनी, लौंग, इलायची और काली मिर्च) |
एस.टी.डी. कोड | 04865 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
गूगल मानचित्र | |
अन्य जानकारी | मुन्नार में वनों की वनस्पति तथा हरे घास के मैदानों में 'नीलकुरंजी' नामक फूल पाया जाता है। यह फूल बारह वर्षों में केवल एक बार खिलता है जिससे पूरी पहाड़ी नीली हो जाती है। |
अद्यतन | 14:36, 5 अक्टूबर 2011 (IST)
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मुन्नार केरल का एक ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है। मुन्नार केरल के इडुक्की ज़िले में 6000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। मुन्नार की सुन्दरता के कारण मुन्नार को ईश्वर का देश भी कहा जाता है। मुन्नार की ख़ूबसूरती को देखकर ऐसा लगता है, जैसे कि यह धरती का स्वर्ग है।
- मुन्नार मुद्रापुझा, नलथन्नी, कुडंला नाम की तीन पहाड़ियों पर बसा है। मुन्नार समुद्री तल से लगभग 1600 मीटर ऊँचाई पर स्थित है। दक्षिण भारत के इस स्थान पर अंग्रेज़ सरकार का ग्रीष्मकालीन आवास होता था। चाय बागान, दर्शनीय शहर, घुमावदार रास्ते तथा आवास-गृह से यह लोकप्रिय पर्वतीय स्थल है।
- वनों की वनस्पति तथा हरे घास के मैदानों में यहाँ 'नीलकुरंजी' नामक फूल पाया जाता है। यह फूल बारह वर्षों में केवल एक बार पूरी पहाड़ी को नीला कर देता है। मुन्नार में दक्षिणी भारत की सबसे ऊँची चोटी अनाइमुड़ी भी है जिसकी ऊँचाई लगभग 2695 मीटर है। यहाँ ट्रेकिंग के रास्ते में 'इराविकुलम नेशनल पार्क' है। यह अभयारण्य नीलगिरी की जाति को बचाने के लिए स्थापित किया गया था।
- मुन्नार का अन्य आकर्षण 'मेडूपट्टी' बांध है। विशाल पानी का भंडार चारों तरफ की ख़ूबसूरत पहाडि़यों से घिरा हुआ है। यहाँ नौका विहार और स्पीड मोटर बोट की सुविधा है। मुन्नार कोच्चि से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर है। मुन्नार में चाय की खेती सर्वाधिक रूप से की जाती है। चाय बागान, घुमावदार रास्ते और कुहासे में ढंका यह शहर केरल के प्रमुख पर्वतीय स्थलों में से एक है।
इतिहास
मुन्नार का इतिहास काफ़ी रोमांचक है। मुन्नार में कभी ब्रिटिश शासकों का राज हुआ करता था। स्काटिश पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत के मानचित्र में मुन्नार को ढूंढ़ा। ब्रिटिश मुन्नार को चाय की खेती के लिए इस्तेमाल करते थे और शहर की गर्मी से बचने के लिए यहाँ आते थे। इतिहास में मुन्नार के लोगों का बसना और इस क्षेत्र में सिविलाइजेशन से जुड़े कई तथ्य पाए गए हैं। सबूत यही बताते हैं कि यहाँ जीवन दसवीं शताब्दी से शुरू हुआ था। 19वीं शताब्दी आते-आते यहाँ छोटे-छोटे गाँव बनने शुरू हो गए। 1895 के बाद मुन्नार में विकास कार्य भी होने लगा। यहाँ का ख़ूबसूरत वातावरण और दोस्ताना व्यवहार करने वाले निवासी बाहर से आने वालों का दिल जीत लेते है।[1]
उद्योग और व्यापार
मुन्नार चाय के बागानों के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय है। केरल और तमिलनाडु में चाय के बागान कईं हिस्सों में हैं पर उनमें सबसे मशहूर मुन्नार के चाय बागान है। मुन्नार में 16 चाय बागान हैं जो 8600 वर्ग हेक्टेयर में फैले हुए है। मुन्नार में अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में चाय की खेती करने का श्रेय एक यूरोपीय व्यक्ति ए.एच. शार्प को जाता है।
यातायात और परिवहन
मुन्नार आप साल में कभी भी जा सकते हैं, लेकिन मुन्नार जाने का सही समय है सितम्बर से मई के बीच में। मुन्नार में जून से लेकर सितम्बर तक मानसून रहता है। सर्दी में मुन्नार के लिए आपको भारी भरकम ऊनी कपड़े ले जाने पड़ेंगे ताकि आप वहाँ की सर्दी से बच सकें। मुन्नार के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग तीनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वायु मार्ग
मुन्नार के लिए सबसे नज़दीक हवाई अड्डा कोच्चि और मदुरै है, जो मुन्नार से 142 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
रेल मार्ग
मुन्नार के नज़दीक रेलवे स्टेशन कोच्यो और कोट्टायम हैं, जहाँ से मुन्नार के लिए ट्रेन जाती रहती है।
सड़क मार्ग
मुन्नार आप सड़क मार्ग के द्वारा भी जा सकते हैं। लोकल बस और कैब आपको आसानी से शहर में मिल जाएंगे।[1]
पर्यटन
मुन्नार की प्राकृतिक सुन्दरता पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती हैं अगर आप रोमांचक खेल के शौक़ीन हैं तो मुन्नार में आपके लिए बहुत कुछ है। जैसे ट्रैकिंग, पारा ग्लाइडिंग, रोप क्लाइबिंग और हाइकिंग। मुन्नार में देखने लायक़ जगह हैं राजमाला, चितीरापुरम और इकोपाइंट। मुन्नार में पर्यटकों के लिए आर्कषण हैं, मट्टुपेटी बांध। मुन्नार की असली सुन्दरता पोतैमेदु में है, जो एक महत्त्वपूर्ण बागान है। मन को सम्मोहित करने वाली झीलें और घने जंगल यहाँ की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं। किसी समय मुन्नार ब्रिटिश सरकार का दक्षिणी भारत का गर्मियों का रिजॉर्ट हुआ करता था। मुन्नार की ख़ूबसूरती शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। अगर आप मुन्नार में थोड़ा और घूमना चाहते हैं, तो आसपास कुछ जगह जैसे मैरायूर, नदूकनी और मीनली भी जा सकते हैं। मुन्नार की ख़ूबसूरती का असली मजा वहाँ के फलोरा और फायना में है जो मुन्नार शहर की ख़ूबसूरती को और भी देखने लायक़ और आकर्षक बनाते हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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