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भारतीय थल सेना के प्रशासनिक एवं सामरिक कार्य संचालन का नियंत्रण थल सेनाध्यक्ष करता है। सेना को अधिकतर थल सेना ही समझा जाता है, यह ठीक भी है क्योंकि रक्षा-पक्ति में थल सेना का ही प्रथम तथा प्रधान स्थान है। इस समय लगभग 13 लाख सैनिक-असैनिक थल सेना में भिन्न-भिन्न पदों पर कार्यरत हैं, जबकि [[1948]] में सेना में लगभग 2,00,000 सैनिक थे। थल सेना का मुख्यालय [[नई दिल्ली]] में है।  
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08:04, 7 जनवरी 2013 का अवतरण

भारतीय थल सेना का ध्वज

थल सेना दिवस 15 जनवरी को भारतीय थल सेना के लिए पूरे भारत में मनाया जाता है।

  • 15 जनवरी 1949 को पहली बार के. एम. करियप्पा को देश का पहला लेफ्टीनेंट जर्नल घोषित किया गया। इसके पहले ब्रिटिश मूल के फ्रांसिस बूचर इस पद पर थे।
  • 15 जनवरी 1949 के बाद से भारत की सेना ब्रिटिश सेना से पूरी तरह मुक्त हुई थी और इसी लिए 15 जनवरी को थल सेना दिवस घोषित किया गया।

भारतीय थल सेना

भारतीय थल सेना के प्रशासनिक एवं सामरिक कार्य संचालन का नियंत्रण थल सेनाध्यक्ष करता है। सेना को अधिकतर थल सेना ही समझा जाता है, यह ठीक भी है क्योंकि रक्षा-पक्ति में थल सेना का ही प्रथम तथा प्रधान स्थान है। इस समय लगभग 13 लाख सैनिक-असैनिक थल सेना में भिन्न-भिन्न पदों पर कार्यरत हैं, जबकि 1948 में सेना में लगभग 2,00,000 सैनिक थे। थल सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है।



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