"मुख्य चुनाव आयुक्त": अवतरणों में अंतर
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'''मुख्य चुनाव आयुक्त''' अथवा मुख्य निर्वाचन आयुक्त [[भारत]] में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से राष्ट्र और राज्य के चु्नाव करवाने का जिम्मेदार होता हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भारत का [[राष्ट्रपति]] करता है। [[चुनाव आयोग]] के प्रमुख के रूप में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त / मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त / निर्वाचन आयुक्त होते हैं। | '''मुख्य चुनाव आयुक्त''' अथवा मुख्य निर्वाचन आयुक्त [[भारत]] में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से राष्ट्र और राज्य के चु्नाव करवाने का जिम्मेदार होता हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भारत का [[राष्ट्रपति]] करता है। [[चुनाव आयोग]] के प्रमुख के रूप में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त / मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त / निर्वाचन आयुक्त होते हैं। | ||
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मुख्य चुनाव आयुक्त / मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। पहले ये 65 साल की उम्र तक होती थी। प्रोटोकाल में चुनाव आयुक्त / निर्वाचन आयुक्त का सम्मान और वेतन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के सामान होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता हैं। जब [[1950]] में [[चुनाव आयोग]] गठित हुआ तब से [[15 अक्तूबर]] [[1989]] तक केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित यह एक एकल-सदस्यीय निकाय था। [[16 अक्तूबर]] [[1989]] से [[1 जनवरी]] [[1990]] तक यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया। [[2 जनवरी]] [[1990]] से [[30 सितम्बर]] [[1993]] तक यह पुनः एकल-सदस्यीय निकाय बन गया और फिर [[1 अक्तूबर]] [[1993]] से यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया। | मुख्य चुनाव आयुक्त / मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। पहले ये 65 साल की उम्र तक होती थी। प्रोटोकाल में चुनाव आयुक्त / निर्वाचन आयुक्त का सम्मान और वेतन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के सामान होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता हैं। | ||
==निकाय संरचना== | |||
जब [[1950]] में [[चुनाव आयोग]] गठित हुआ तब से [[15 अक्तूबर]] [[1989]] तक केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित यह एक एकल-सदस्यीय निकाय था। [[16 अक्तूबर]] [[1989]] से [[1 जनवरी]] [[1990]] तक यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया। [[2 जनवरी]] [[1990]] से [[30 सितम्बर]] [[1993]] तक यह पुनः एकल-सदस्यीय निकाय बन गया और फिर [[1 अक्तूबर]] [[1993]] से यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया। | |||
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05:10, 3 अक्टूबर 2012 का अवतरण
मुख्य चुनाव आयुक्त अथवा मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से राष्ट्र और राज्य के चु्नाव करवाने का जिम्मेदार होता हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है। चुनाव आयोग के प्रमुख के रूप में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त / मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त / निर्वाचन आयुक्त होते हैं।
कार्यकाल
मुख्य चुनाव आयुक्त / मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। पहले ये 65 साल की उम्र तक होती थी। प्रोटोकाल में चुनाव आयुक्त / निर्वाचन आयुक्त का सम्मान और वेतन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के सामान होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता हैं।
निकाय संरचना
जब 1950 में चुनाव आयोग गठित हुआ तब से 15 अक्तूबर 1989 तक केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित यह एक एकल-सदस्यीय निकाय था। 16 अक्तूबर 1989 से 1 जनवरी 1990 तक यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया। 2 जनवरी 1990 से 30 सितम्बर 1993 तक यह पुनः एकल-सदस्यीय निकाय बन गया और फिर 1 अक्तूबर 1993 से यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- मुख्य चुनाव आयुक्त सूची
- Election Commission of India (आधिकारिक वेबसाइट)
- मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला
संबंधित लेख