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[[चित्र:Mridula-garg.jpg|thumb|मृदुला गर्ग]]
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'''मृदुला गर्ग''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mridula Garg'', जन्म: 25 अक्तूबर, 1938) [[हिंदी]] की सबसे लोकप्रिय लेखिकाओं में से एक हैं। [[कोलकाता]] में [[25 अक्तूबर]], [[1938]] को पैदा हुई मृदुला जी ने एम.ए. तो किया था [[अर्थशास्त्र]] में, पर उनका मन रमा [[हिंदी साहित्य]] में। कथानक की विविधता और विषयों के नएपन ने उन्हें अलग पहचान दी। शायद यही वजह थी कि उनके उपन्यासों को समालोचकों की सराहना तो मिली ही, वे खूब पसंद भी किए गए।  
==प्रमुख कृतियाँ==
==प्रमुख कृतियाँ==
;उपन्यास  
;उपन्यास  
* 'उसके हिस्से की धूप'
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*'वंशज'
*'वंशज'
*'चितकोबरा'
*'चितकोबरा'
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* 'ग्लेशियर से'
* 'ग्लेशियर से'
* 'शहर के नाम' ।  
* 'शहर के नाम' ।  
;कहानियां
;कहानियाँ
* 'समागम'
* 'समागम'
* 'मेरे देश की मिट्टी अहा'
* 'मेरे देश की मिट्टी अहा'
* 'संगति विसंगति'
* 'संगति विसंगति'
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* 'तीन कैदें'  
* 'तीन कैदें'  
* 'साम दाम दंड भेद'
* 'साम दाम दंड भेद'
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* 'रंग ढंग'  
'रंग ढंग' और 'चुकते नहीं सवाल' उनके दो निबंध संग्रह हैं। 'कुछ अटके कुछ भटके' यात्रा संस्मरण है, जबकि 'कर लेंगे सब हजम' उनके व्यंग्य संग्रह।
* 'चुकते नहीं सवाल' उनके दो निबंध संग्रह हैं। 'कुछ अटके कुछ भटके' यात्रा संस्मरण है, जबकि 'कर लेंगे सब हजम' उनके व्यंग्य संग्रह।
==सम्मान और पुरस्कार==
==सम्मान और पुरस्कार==
* 'कठगुलाब' के लिए उन्हें व्यास सम्मान तथा ज्ञानपीठ के वाग्देवी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।  
* 'कठगुलाब' के लिए उन्हें [[व्यास सम्मान]] (2004) तथा [[भारतीय ज्ञानपीठ|ज्ञानपीठ]] के वाग्देवी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।  
* 'उसके हिस्से की धूप' और 'जादू का कालीन' को मध्य प्रदेश सरकार पुरस्कृत कर चुकी है।
* 'उसके हिस्से की धूप' और 'जादू का कालीन' को मध्य प्रदेश सरकार पुरस्कृत कर चुकी है।



10:04, 9 मार्च 2015 का अवतरण

मृदुला गर्ग
मृदुला गर्ग
मृदुला गर्ग
पूरा नाम मृदुला गर्ग
जन्म 25 अक्तूबर, 1938
जन्म भूमि कोलकाता, पश्चिम बंगाल
मुख्य रचनाएँ 'कठगुलाब', 'उसके हिस्से की धूप', 'जादू का कालीन', 'चितकोबरा', 'कितनी कैदें', 'टुकड़ा टुकड़ा आदमी' आदि
भाषा हिन्दी
शिक्षा एम.ए.
पुरस्कार-उपाधि व्यास सम्मान (2004)
नागरिकता भारतीय
अद्यतन‎
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

मृदुला गर्ग (अंग्रेज़ी: Mridula Garg, जन्म: 25 अक्तूबर, 1938) हिंदी की सबसे लोकप्रिय लेखिकाओं में से एक हैं। कोलकाता में 25 अक्तूबर, 1938 को पैदा हुई मृदुला जी ने एम.ए. तो किया था अर्थशास्त्र में, पर उनका मन रमा हिंदी साहित्य में। कथानक की विविधता और विषयों के नएपन ने उन्हें अलग पहचान दी। शायद यही वजह थी कि उनके उपन्यासों को समालोचकों की सराहना तो मिली ही, वे खूब पसंद भी किए गए।

प्रमुख कृतियाँ

उपन्यास
  • 'उसके हिस्से की धूप'
  • 'वंशज'
  • 'चितकोबरा'
  • 'अनित्या'
  • 'मैं और मैं'
  • 'कठगुलाब'
कविता संग्रह
  • 'कितनी कैदें'
  • 'टुकड़ा टुकड़ा आदमी'
  • 'डैफोडिल जल रहे हैं'
  • 'ग्लेशियर से'
  • 'शहर के नाम' ।
कहानियाँ
  • 'समागम'
  • 'मेरे देश की मिट्टी अहा'
  • 'संगति विसंगति'
  • 'जूते का जोड़ गोभी का तोड़'
नाटक
  • 'एक और अजनबी'
  • 'जादू का कालीन'
  • 'तीन कैदें'
  • 'साम दाम दंड भेद'
अन्य

'रंग ढंग' और 'चुकते नहीं सवाल' उनके दो निबंध संग्रह हैं। 'कुछ अटके कुछ भटके' यात्रा संस्मरण है, जबकि 'कर लेंगे सब हजम' उनके व्यंग्य संग्रह।

सम्मान और पुरस्कार

  • 'कठगुलाब' के लिए उन्हें व्यास सम्मान (2004) तथा ज्ञानपीठ के वाग्देवी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
  • 'उसके हिस्से की धूप' और 'जादू का कालीन' को मध्य प्रदेश सरकार पुरस्कृत कर चुकी है।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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