"चारमीनार": अवतरणों में अंतर
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चारमीनार 1591 में शहर के अंदर प्लेग की समाप्ति की खुशी में मोहम्मद कुली क़ुतुब शाह द्वारा बनवाई गई बृहत वास्तुकला का एक नमूना है। शहर की पहचान मानी जाने वाली चारमीनार चार मीनारों से मिलकर बनी एक चौकोर प्रभावशाली इमारत है। इसके मेहराब में हर शाम रोशनी की जाती है जो एक अविस्मरणीय दृश्य बन जाता है। | चारमीनार 1591 में शहर के अंदर प्लेग की समाप्ति की खुशी में मोहम्मद कुली क़ुतुब शाह द्वारा बनवाई गई बृहत वास्तुकला का एक नमूना है। शहर की पहचान मानी जाने वाली चारमीनार चार मीनारों से मिलकर बनी एक चौकोर प्रभावशाली इमारत है। इसके मेहराब में हर शाम रोशनी की जाती है जो एक अविस्मरणीय दृश्य बन जाता है। | ||
==वास्तु== | ==वास्तु== | ||
यह स्मारक ग्रेनाइट के मनमोहक चौकोर खम्भों से बना है, जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में स्थित चार विशाल आर्च पर निर्मित किया गया है। यह आर्च कमरों के दो तलों और आर्चवे की गेलरी को सहारा देते हैं। चौकोर संरचना के प्रत्येक कोने पर एक छोटी मीनार है जो 24 मी. ऊंचाई की है, इस प्रकार यह भवन लगभग 54 मीटर ऊंचा बन जाता है। ये चार मीनारें हैं, जिनके कारण भवन को यह नाम दिया गया है। प्रत्येक मीनार कमल की पत्तियों के आधार की संरचना पर खड़ी है, जो क़ुतुब शाही भवनों में उपयोग किया जाने वाला तत्कालीन विशेष मोटिफ है। | यह स्मारक ग्रेनाइट के मनमोहक चौकोर खम्भों से बना है, जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में स्थित चार विशाल आर्च पर निर्मित किया गया है। यह आर्च कमरों के दो तलों और आर्चवे की गेलरी को सहारा देते हैं। चौकोर संरचना के प्रत्येक कोने पर एक छोटी [[मीनार]] है जो 24 मी. ऊंचाई की है, इस प्रकार यह भवन लगभग 54 मीटर ऊंचा बन जाता है। ये चार मीनारें हैं, जिनके कारण भवन को यह नाम दिया गया है। प्रत्येक मीनार कमल की पत्तियों के आधार की संरचना पर खड़ी है, जो क़ुतुब शाही भवनों में उपयोग किया जाने वाला तत्कालीन विशेष मोटिफ है। | ||
==विहंगम दृश्य== | ==विहंगम दृश्य== |
13:27, 5 अक्टूबर 2014 के समय का अवतरण
चारमीनार
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विवरण | चारमीनार, भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद का सबसे प्रसिद्ध और महत्त्वपूर्ण स्मारक है। |
राज्य | आंध्र प्रदेश |
ज़िला | हैदराबाद |
निर्माता | मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह |
स्थापना | 1591 |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर-17°21′41″ पूर्व- 78°28′28″ |
मार्ग स्थिति | हैदराबाद बैंगलोर से लगभग 574 किमी दक्षिण में, मुंबई से 750 किमी दक्षिण-पूर्व में, चेन्नई से 700 किमी उत्तर-पश्चिम में है। |
प्रसिद्धि | हैदराबादी बिरयानी |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज, रेल, बस, टैक्सी |
राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, बेगमपेट हवाई अड्डा | |
सिंकदराबाद रेलवे स्टेशन, नामपल्ली रेलवे स्टेशन, काचीगुड़ा रेलवे स्टेशन | |
महात्मा गाँधी (इम्लिबन) बस अड्डा | |
टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, साइकिल रिक्शा, बस आदि। | |
कहाँ ठहरें | होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला |
क्या खायें | हैदराबादी बिरयानी, मिर्ची का सालन, भरवा बैंगन, हलीम, कबाब |
एस.टी.डी. कोड | 040 |
गूगल मानचित्र | |
संबंधित लेख | गोलकुंडा क़िला, हुसैन सागर झील, रामोजी फ़िल्म सिटी
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अन्य जानकारी | चारमीनार, ग्रेनाइट के मनमोहक चौकोर खम्भों से बना है, जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में स्थित चार विशाल आर्च पर निर्मित किया गया है। |
अद्यतन | 14:07, 30 सितम्बर 2011 (IST)
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भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद का सबसे प्रसिद्ध और महत्त्वपूर्ण स्मारक है। चार मीनार को यहाँ के शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने बनवाया था। हैदराबाद शहर प्राचीन और आधुनिक समय का अनोखा मिश्रण है जो देखने वालों को 400 वर्ष पुराने भवनों की भव्यता के साथ आपस में सटी आधुनिक इमारतों का दर्शन भी कराता है।
वास्तुकला
यह क़ुतुब शाही वास्तुकला के कुछ उत्कृष्ट उदाहरणों को प्रदर्शित करता है -
- जामी मस्जिद
- मक्का मस्जिद
- तौली मस्जिद
- बेशक हैदराबाद का प्रभावशाली चिन्ह, चार मीनार।
निर्माण समय
चारमीनार 1591 में शहर के अंदर प्लेग की समाप्ति की खुशी में मोहम्मद कुली क़ुतुब शाह द्वारा बनवाई गई बृहत वास्तुकला का एक नमूना है। शहर की पहचान मानी जाने वाली चारमीनार चार मीनारों से मिलकर बनी एक चौकोर प्रभावशाली इमारत है। इसके मेहराब में हर शाम रोशनी की जाती है जो एक अविस्मरणीय दृश्य बन जाता है।
वास्तु
यह स्मारक ग्रेनाइट के मनमोहक चौकोर खम्भों से बना है, जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में स्थित चार विशाल आर्च पर निर्मित किया गया है। यह आर्च कमरों के दो तलों और आर्चवे की गेलरी को सहारा देते हैं। चौकोर संरचना के प्रत्येक कोने पर एक छोटी मीनार है जो 24 मी. ऊंचाई की है, इस प्रकार यह भवन लगभग 54 मीटर ऊंचा बन जाता है। ये चार मीनारें हैं, जिनके कारण भवन को यह नाम दिया गया है। प्रत्येक मीनार कमल की पत्तियों के आधार की संरचना पर खड़ी है, जो क़ुतुब शाही भवनों में उपयोग किया जाने वाला तत्कालीन विशेष मोटिफ है।
विहंगम दृश्य
पहले तल को क़ुतुब शाही अवधि के दौरान मदरसे के रूप में उपयोग किया जाता था। दूसरे तल पर पश्चिमी दिशा में एक मस्जिद है, जिसका गुम्बद सड़क से ही दिखाई देता है, यदि कुछ दूरी पर खड़े होकर देखा जाए। चार मीनार की छत पर जाकर शहर का एक विहंगम दृश्य दिखाई देता है, जबकि मीनारों के अंदर अत्यधिक भीड़ के कारण कुछ विशेष अतिथियों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, हैदराबाद वृत की अनुमति से यहाँ जाने दिया जाता है और वे मीनारों के सबसे ऊपरी सिरे पर जाकर हैदराबाद का दृश्य देख सकते हैं। वर्ष 1889 पर उपरोक्त चारों आर्चवे पर घडियां लगाई गई थीं।
चारमीनार के क्षेत्र में टहलते हुए आप इतिहास के अवशेषों को वर्तमान से मिलता हुआ देखकर निरंतर आश्चर्य कर सकते हैं। चार मीनार के दक्षिण पूर्व की ओर निज़ामिया यूनानी अस्पताल की इमारत स्थित है। पश्चिम में लगभग 50 मीटर की दूरी पर लाड बाज़ार की दुकानों के बीच एक पुरानी ढहती भूरी दीवार है जो पुराने निज़ाम के जिलाऊ खाना या परेड के मैदान का प्रवेश दर्शाती है। अब इन मैदानों का उपयोग बड़े वाणिज्यिक संकुल के विकास में किया जा रहा है। पुन: बांईं ओर एक सड़क खिलावत कॉम्प्लेक्स (चौ महाल्ला पैलेस) की ओर जाती है। लाड बाज़ार की सड़क महबूब चौक पर समाप्त होती है जहां 19वीं शताब्दी के दौरान बनाई गई कोमल सफ़ेद मस्जिद पर उसी अवधि के क्लॉक टावर लूम स्थित हैं।
कैसे पहुँचें
- चार मीनार हैदराबाद रेलवे स्टेशन से लगभग 7 किलो मीटर की दूरी पर है।
- यह हैदराबाद बस स्टेशन से 5 किलो मीटर की दूरी पर है।
- दोनों शहरों के सभी हिस्सों से उत्कृष्ट निजी परिवहन सुविधा उपलब्ध है।
- "आर्क डी ट्राइम्फ ऑफ द इस्ट" नामक चार मीनार हैदराबाद की पहचान है।
- शहर जितनी पुरानी ये चार मीनारें इस भवन के साथ पुराने शहर के मध्य में हैं और ये क़ुतुब शाही युग का हॉल मार्क हैं।
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वीथिका
टीका-टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख