"पुर": अवतरणों में अंतर
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|व्याकरण=[[पुल्लिंग]] | |व्याकरण=[[पुल्लिंग]] | ||
|उदाहरण=सुमृति बेद मारग हरि पुर कौ। -[[सूरसागर]] | |उदाहरण=सुमृति बेद मारग हरि पुर कौ। -[[सूरसागर]] | ||
|विशेष= | |विशेष=[[फ़ारसी भाषा]] में इसका अर्थ- भरा हुआ, पूर्ण ([[विशेषण]])। जैसे- पुरअमन (=शांतिपूर्ण); पुरअश्क (= अश्रुपूर्ण); पुरउम्मीद (=आशापूर्ण); पुरग़म (= शोकपूर्ण या दु:खपूर्ण) पुरग़रूर (=गर्वपूर्ण); पुरजोश (= उत्साहपूर्ण) | ||
|विलोम= | |विलोम= | ||
|पर्यायवाची= | |पर्यायवाची= | ||
|संस्कृत=[(धातु) पुर् + क] | |संस्कृत=[(धातु) पुर् + क] | ||
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|संबंधित शब्द= | |संबंधित शब्द= |
14:28, 27 फ़रवरी 2015 का अवतरण
पुर अथवा पुरा नगर या कस्बे के समान होता है। उत्तर भारत में 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' के अनुसार अनेक स्थानों में पुर शब्द का प्रयोग स्थान के नाम के बाद किया जाता था। ऋग्वेद में पुर शब्द का प्रयोग क़िले की प्राचीर, दुर्ग या सुरक्षित स्थान के रूप में किया गया है। दक्षिण भारत में पुर या वुर शब्द का संशोधित रूप- जैसे कि श्रीपुर, श्रीवुर, सिरुर, पूरक और पुरिका (पुडिका का भ्रष्ट रूप) शब्द स्थानों के नामों के अंत में प्रयुक्त किए गए हैं। इन्हें भी देखें: सल्तनत काल की शब्दावली एवं भूगोल शब्दावली
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