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'''भरतपुर राजकीय संग्रहालय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bharatpur Government Museum'') [[राजस्थान]] में लोहागढ़ क़िले के परिसर के अंदर स्थित है। इस राजकीय संग्रहालय में सबसे अनोखी और प्राचीन कलाकृतियां और पुरातात्विक संसाधन रखे हैं। संग्रहालय में दुर्लभ प्रकार के कई प्राचीन स्मृति चिन्ह और मूर्तियां भी मौजूद हैं।
'''भरतपुर राजकीय संग्रहालय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bharatpur Government Museum'') [[राजस्थान]] में लोहागढ़ क़िले के परिसर के अंदर स्थित है। इस राजकीय संग्रहालय में सबसे अनोखी और प्राचीन कलाकृतियां और पुरातात्विक संसाधन रखे हैं। संग्रहालय में दुर्लभ प्रकार के कई प्राचीन स्मृति चिन्ह और मूर्तियां भी मौजूद हैं।


*पहले ये संग्रहालय एक बहुत बड़ा भवन था, जिसका नाम 'कचहरी कलां' था। यह [[भरतपुर ज़िला|भरतपुर ज़िले]] के महान शासकों का प्रशासनिक खंड था।
*पहले ये संग्रहालय एक बहुत बड़ा भवन था, जिसका नाम 'कचहरी कलां' था। यह [[भरतपुर ज़िला|भरतपुर ज़िले]] के महान् शासकों का प्रशासनिक खंड था।
*कचहरी कलां को [[1944]] ईस्वी में राजकीय संग्रहालय में बदल दिया गया।
*कचहरी कलां को [[1944]] ईस्वी में राजकीय संग्रहालय में बदल दिया गया।
*[[भरतपुर]] के राजाओं का कमरा, किसी ख़ास या व्यक्तिगत ब्लाॅक संग्रहालय का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।
*[[भरतपुर]] के राजाओं का कमरा, किसी ख़ास या व्यक्तिगत ब्लाॅक संग्रहालय का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।

11:10, 1 अगस्त 2017 का अवतरण

भरतपुर राजकीय संग्रहालय
भरतपुर राजकीय संग्रहालय
भरतपुर राजकीय संग्रहालय
विवरण 'भरतपुर राजकीय संग्रहालय' राजस्थान के पर्यटन स्थलों में से एक है। इस संग्रहालय में कई मूल्यवान मूर्तियाँ रखी हुई हैं।
राज्य राजस्थान
ज़िला भरतपुर
स्थिति संग्रहालय भरतपुर के मुख्य बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से केवल 4 कि.मी. की दूरी पर है।
संबंधित लेख राजस्थान, राजस्थान पर्यटन, राजस्थान का इतिहास, भारत के दुर्ग
अन्य जानकारी पहले ये संग्रहालय एक बहुत बड़ा भवन था, जिसका नाम 'कचहरी कलां' था। इसे 1944 ई. में राजकीय संग्रहालय में बदल दिया गया।

भरतपुर राजकीय संग्रहालय (अंग्रेज़ी: Bharatpur Government Museum) राजस्थान में लोहागढ़ क़िले के परिसर के अंदर स्थित है। इस राजकीय संग्रहालय में सबसे अनोखी और प्राचीन कलाकृतियां और पुरातात्विक संसाधन रखे हैं। संग्रहालय में दुर्लभ प्रकार के कई प्राचीन स्मृति चिन्ह और मूर्तियां भी मौजूद हैं।

  • पहले ये संग्रहालय एक बहुत बड़ा भवन था, जिसका नाम 'कचहरी कलां' था। यह भरतपुर ज़िले के महान् शासकों का प्रशासनिक खंड था।
  • कचहरी कलां को 1944 ईस्वी में राजकीय संग्रहालय में बदल दिया गया।
  • भरतपुर के राजाओं का कमरा, किसी ख़ास या व्यक्तिगत ब्लाॅक संग्रहालय का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • इस संग्रहालय को देखकर दर्शक भरतपुर के राजाओं के वैभव और भव्यता का अंदाज लगा सकते हैं।
  • यहाँ की कलाकृतियां और स्मृति चिन्ह भरतपुर के स्थानीय निकाय ने बहुत ही सावधानी से सहेजे हैं।
  • भरतपुर राजकीय संग्रहालय में बेहद बेशकीमती मूर्तियां भी रखी हैं। यह कीमती सामान मैलाह, नोह, बयाना और बारेह नाम के पुराने गांवों की पुरातात्विक खुदाई के दौरान मिला था।[1]
  • पहली शताब्दी की मूर्तियाँ इस संग्रहालय का प्रमुख आकर्षण हैं। यहाँ की आर्ट गैलरी में लघु चित्रों के अनेक नमूने हैं, जो मूल रूप से अभ्रक, पीपल के वृक्ष और पुराने लिथो पेपर की पट्टियों पर बने हैं। इस गैलरी में भरतपुर के महाराजाओं की अनेक कलाकृतियाँ भी दर्शाई गई है।
  • संग्रहालय में पर्यटक 18वीं शताब्दी की बंदूकें और तोपें भी देख सकते हैं।
  • इस संग्रहालय को चार खण्डों में बाँटा गया है- पुरातत्व, बच्चों की गैलरी, शस्त्रागार, कला और शिल्प और उद्योग।
  • यह संग्रहालय प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है। दुनिया के कोने-कोने से सैलानी यहां आते हैं और इसके पुरातन सौंदर्य को देखकर चकाचैंध हो जाते हैं।
  • संग्रहालय भरतपुर के मुख्य बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से केवल 4 कि.मी. की दूरी पर है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भरतपुर राजकीय संग्रहालय (हिन्दी) मैप्स ऑफ़ इण्डिया। अभिगमन तिथि: 11 मार्च, 2015।

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