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आज़ादी के बाद सन 1947 में [[भारत]] के विभाजन के समय चिनाब और झेलम नदियां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चली गयीं थीं। 20 जिलों के इस ख़ूबसूरत राज्य में अब चार नदियाँ बहती हैं- | आज़ादी के बाद सन 1947 में [[भारत]] के विभाजन के समय चिनाब और झेलम नदियां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चली गयीं थीं। 20 जिलों के इस ख़ूबसूरत राज्य में अब चार नदियाँ बहती हैं- | ||
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भूमि उपजाऊ होने और पानी की अच्छी व्यवस्था होने के कारण एक मुहावरा प्रयोग में लाया जाता है कि यहाँ 'धरती सोना उगलती' है। पंजाब का क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है। पंजाब की राजधानी [[चंडीगढ़]] है जो संयुक्त रूप से पंजाब और हरियाणा प्रदेश की राजधानी है। और 2001 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 243.59 लाख है। राज्य में साक्षरता 52 प्रतिशत है। पंजाब में मुख्य रूप से पंजाबी और हिंदी भाषा बोली जाती हैं। राज्य के मुख्य नगर [[अमृतसर]], [[जालंधर]], [[लुधियाना]] और [[पटियाला]] हैं। | भूमि उपजाऊ होने और पानी की अच्छी व्यवस्था होने के कारण एक मुहावरा प्रयोग में लाया जाता है कि यहाँ 'धरती सोना उगलती' है। पंजाब का क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है। पंजाब की राजधानी [[चंडीगढ़]] है जो संयुक्त रूप से पंजाब और हरियाणा प्रदेश की राजधानी है। और 2001 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 243.59 लाख है। राज्य में साक्षरता 52 प्रतिशत है। पंजाब में मुख्य रूप से [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]] और [[हिंदी भाषा]] बोली जाती हैं। राज्य के मुख्य नगर [[अमृतसर]], [[जालंधर]], [[लुधियाना]] और [[पटियाला]] हैं। | ||
==भूगोल और इतिहास== | ==भूगोल और इतिहास== | ||
प्राचीन समय में पंजाब [[भारत]] और [[ईरान]] का क्षेत्र था। यहाँ [[मौर्य]], बैक्ट्रियन, यूनानी, [[शक]], [[कुषाण]], [[गुप्त]] आदि अनेक शक्तियों का उत्थान और पतन हुआ। पंजाब मध्यकाल में मुस्लिम शासकों के अधीन रहा। यहाँ सबसे पहले [[महमूद ग़ज़नवी|गज़नवी]], [[मुहम्मद ग़ोरी|ग़ोरी]], [[ग़ुलाम वंश]], [[ख़िलजी वंश]], [[तुग़लक वंश|तुग़लक]],[[लोदी वंश|लोदी]] और [[मुग़ल वंश]] के शासकों ने यहाँ राज किया। [[चित्र:Satluj-River.jpg|[[सतलुज नदी]]<br /> Satluj River | प्राचीन समय में पंजाब [[भारत]] और [[ईरान]] का क्षेत्र था। यहाँ [[मौर्य]], बैक्ट्रियन, यूनानी, [[शक]], [[कुषाण]], [[गुप्त]] आदि अनेक शक्तियों का उत्थान और पतन हुआ। पंजाब मध्यकाल में मुस्लिम शासकों के अधीन रहा। यहाँ सबसे पहले [[महमूद ग़ज़नवी|गज़नवी]], [[मुहम्मद ग़ोरी|ग़ोरी]], [[ग़ुलाम वंश]], [[ख़िलजी वंश]], [[तुग़लक वंश|तुग़लक]],[[लोदी वंश|लोदी]] और [[मुग़ल वंश]] के शासकों ने यहाँ राज किया। [[चित्र:Satluj-River.jpg|thumb|250px|left|[[सतलुज नदी]]<br /> Satluj River]] 15वीं और 16वीं शती में गुरु [[नानक देव, गुरु|नानकदेव जी]] की शिक्षाओं से भक्ति आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा। सिख पंथ ने एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन को जन्म दिया, मूल रूप से जिसका उद्देश्य सामाजिक और धार्मिक कुरीतियों को दूर करना था। दसवें गुरु [[गुरु गोविंद सिंह |गोविंद सिंह जी]] ने सिखों को '[[खालसा पंथ]]' के रूप में संगठित किया। मुग़लों के दमन और अत्याचार के ख़िलाफ़ सिक्खों को एकत्र करके 'पंजाबी राज' की स्थापना की। एक फ़ारसी लेखक ने लिखा है कि 'महाराजा [[रणजीत सिंह]] ने पंजाब को 'मदम कदा'('बाग़-ए-बहिश्त')' अर्थात स्वर्ग में बदल दिया था। उनके देहांत के बाद अंग्रेज़ों की साज़िशों से यह साम्राज्य समाप्त हो गया। 1849 में दो युद्धों के बाद पंजाब ब्रिटिश साम्राज्य में आ गया था। | ||
[[महात्मा गाँधी|गांधी जी]] के [[स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन|स्वतंत्रता आन्दोलन]] से पहले ही ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ पंजाब में संघर्ष प्रारम्भ हो गया था। स्वतंत्रता संग्राम में [[लाला लाजपतराय]] ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। देश हो या विदेश, पंजाब बलिदान में सबसे आगे रहा। विभाजन का कष्ट भी उठाना पड़ा जिसके कारण बड़े पैमाने पर रक्तपात और विस्थापन का दंश उठाया और पुनर्वास के साथ साथ राज्य के नये सिरे से संगठित करने की चुनौती का बख़ूबी सामना किया। | [[महात्मा गाँधी|गांधी जी]] के [[स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन|स्वतंत्रता आन्दोलन]] से पहले ही ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ पंजाब में संघर्ष प्रारम्भ हो गया था। स्वतंत्रता संग्राम में [[लाला लाजपतराय]] ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। देश हो या विदेश, पंजाब बलिदान में सबसे आगे रहा। विभाजन का कष्ट भी उठाना पड़ा जिसके कारण बड़े पैमाने पर रक्तपात और विस्थापन का दंश उठाया और पुनर्वास के साथ साथ राज्य के नये सिरे से संगठित करने की चुनौती का बख़ूबी सामना किया। | ||
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[[भाखड़ा बाँध]], भाखड़ा मेन लाइन, नाँगल पनबिजली योजना, गंगूवाल और कोटला पावर हाउस, हरिके बैराज, सरहिंद फीडर, माधोपुर हेडवर्क को बैराज बनाना और पोग में व्यास नदी का बांध आदि कुछ सिंचाई और पनबिजली परियोजना हैं। माधोपुर व्यास लिंक का निर्माण रावी नदी के अतिरिक्त पानी को व्यास में स्थानांतरित करने के लिए किया गया है। [[चित्र:Jallianwalah-Bagh-Amritsar.jpg|thumb|250px|left|[[जलियांवाला बाग़]], [[अमृतसर]]<br /> Jallianwalah Bagh, Amritsar]] व्यास-सतलुज नदी लिंक परियोजना में व्यास नदी के पानी का प्रयोग बिजली के उत्पादन के बाद इस पानी को [[गोविंद सागर झील]] में भेजने का प्रबंध किया गया है। मुकेरिया और आनंदपुर साहिब पनबिजली योजनाएँ महत्त्वपूर्ण सिंचाई और बिजली परियोजनाएं हैं। | |||
[[भाखड़ा बाँध]], भाखड़ा मेन लाइन, नाँगल पनबिजली योजना, गंगूवाल और कोटला पावर हाउस, हरिके बैराज, सरहिंद फीडर, माधोपुर हेडवर्क को बैराज बनाना और पोग में व्यास नदी का बांध आदि कुछ सिंचाई और पनबिजली परियोजना हैं। माधोपुर व्यास लिंक का निर्माण रावी नदी के अतिरिक्त पानी को व्यास में स्थानांतरित करने के लिए किया गया है। व्यास-सतलुज नदी लिंक परियोजना में व्यास नदी के पानी का प्रयोग बिजली के उत्पादन के बाद इस पानी को [[गोविंद सागर झील]] में भेजने का प्रबंध किया गया है। मुकेरिया और आनंदपुर साहिब पनबिजली योजनाएँ महत्त्वपूर्ण सिंचाई और बिजली परियोजनाएं हैं। | |||
रणजीत सागर बांध योजना एक बहु उद्देशीय परियोजना है जिसमें रावी नदी पर 160 मीटर ऊंचा बांध बनाया जा रहा है जिससे 3.48 लाख हेक्टेयरभूमि के लिए सिंचाई की क्षमता है। रणजीत सागर बाँध की चारों इकाइयां सफलतापूर्वक चल रही हैं। इस परियोजना से 2100 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। कुल उत्पादन की 4.6 बिजली जम्मू और कश्मीर को दी जाएगी। | रणजीत सागर बांध योजना एक बहु उद्देशीय परियोजना है जिसमें रावी नदी पर 160 मीटर ऊंचा बांध बनाया जा रहा है जिससे 3.48 लाख हेक्टेयरभूमि के लिए सिंचाई की क्षमता है। रणजीत सागर बाँध की चारों इकाइयां सफलतापूर्वक चल रही हैं। इस परियोजना से 2100 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। कुल उत्पादन की 4.6 बिजली जम्मू और कश्मीर को दी जाएगी। | ||
==परिवहन== | ==परिवहन== | ||
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*राज्य सरकार की सड़कों, पुलों और भवनों के रखरखाव का दायित्व पी.डब्लू.डी. की है। सड़कों की कुल लम्बाई 50,506 कि.मी. है। 'पंजाब सड़क और बाँध विकास बोर्ड' की स्थापना 1998 में हुई। इसका उद्देश्य राज्य की सड़कों के लिए अतिरिक्त साधन जुटाना था। | *राज्य सरकार की सड़कों, पुलों और भवनों के रखरखाव का दायित्व पी.डब्लू.डी. की है। सड़कों की कुल लम्बाई 50,506 कि.मी. है। 'पंजाब सड़क और बाँध विकास बोर्ड' की स्थापना 1998 में हुई। इसका उद्देश्य राज्य की सड़कों के लिए अतिरिक्त साधन जुटाना था। | ||
*राज्य में रेलवे मार्ग की कुल लम्बाई 3,726.06 कि.मी. है। पाकिस्तान से जुड़ा रेल मार्ग भी पंजाब के अमृतसर से है। | *राज्य में रेलवे मार्ग की कुल लम्बाई 3,726.06 कि.मी. है। पाकिस्तान से जुड़ा रेल मार्ग भी पंजाब के अमृतसर से है। | ||
*पंजाब राज्य में चार नागरिक विमान क्लब अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और जालंधर में हैं। इनके अतिरिक्त चंडीगढ़ में एक अंतरराज्यीय हवाई अड्डा, राजासांसी (अमृतसर) में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और पटियाला, सहनेवाल (लुधियाना) में दो हवाई अड्डे हैं। | *पंजाब राज्य में चार नागरिक विमान क्लब अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और जालंधर में हैं। इनके अतिरिक्त चंडीगढ़ में एक अंतरराज्यीय हवाई अड्डा, राजासांसी (अमृतसर) में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और पटियाला, सहनेवाल (लुधियाना) में दो हवाई अड्डे हैं। | ||
==मेले और त्योहार== | ==मेले और त्योहार== | ||
*[[विजय दशमी|दशहरा]] | *[[विजय दशमी|दशहरा]] | ||
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*[[मुक्तसर]] का [[माघी मेला]] | *[[मुक्तसर]] का [[माघी मेला]] | ||
*क़िला [[रायपुर]] में ग्रामीण खेल | *क़िला [[रायपुर]] में ग्रामीण खेल | ||
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*पटियाला का बसंत | *पटियाला का बसंत | ||
*[[आनंदपुर साहिब]] का होला मोहल्ला | *[[आनंदपुर साहिब]] का होला मोहल्ला | ||
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08:23, 22 जनवरी 2011 का अवतरण
पंजाब
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राजधानी | चंडीगढ़ |
राजभाषा(एँ) | पंजाबी भाषा, हिन्दी भाषा |
स्थापना | 1956/11/01 |
जनसंख्या | 24289296 |
· घनत्व | 484 /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 50,362 |
भौगोलिक निर्देशांक | 30.73°N 76.78°E |
वर्षा | 459.5 मिमी |
ज़िले | 20 |
सबसे बड़ा नगर | लुधियाना |
बड़े नगर | अमृतसर, जालंधर |
लिंग अनुपात | 1000:876 ♂/♀ |
साक्षरता | 69.95% |
· स्त्री | 63.55% |
· पुरुष | 75.63% |
राज्यपाल | शिवराज पाटिल |
मुख्यमंत्री | प्रकाश सिंह बादल |
विधानसभा सदस्य | 117 |
राज्यसभा सदस्य | 7 |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 15:51, 24 अप्रॅल 2010 (IST)
|
भारत के उत्तर पश्चिम में पंजाब राज्य है ,जिसकी सीमायें पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर में जम्मू और कश्मीर राज्य, उत्तर पूर्व में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में हरियाणा और राजस्थान राज्य हैं। 'पंजाब' शब्द फारसी के 'पंज' जिसका अर्थ होता है 'पांच' और 'आब' जिसका अर्थ होता है 'पानी' के मेल से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ 'पांच नदियों का क्षेत्र' है। ये पांच नदियां हैं-
आज़ादी के बाद सन 1947 में भारत के विभाजन के समय चिनाब और झेलम नदियां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चली गयीं थीं। 20 जिलों के इस ख़ूबसूरत राज्य में अब चार नदियाँ बहती हैं-
- सतलुज,
- व्यास,
- रावी,और
- घग्गर
भूमि उपजाऊ होने और पानी की अच्छी व्यवस्था होने के कारण एक मुहावरा प्रयोग में लाया जाता है कि यहाँ 'धरती सोना उगलती' है। पंजाब का क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है। पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ है जो संयुक्त रूप से पंजाब और हरियाणा प्रदेश की राजधानी है। और 2001 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 243.59 लाख है। राज्य में साक्षरता 52 प्रतिशत है। पंजाब में मुख्य रूप से पंजाबी और हिंदी भाषा बोली जाती हैं। राज्य के मुख्य नगर अमृतसर, जालंधर, लुधियाना और पटियाला हैं।
भूगोल और इतिहास
प्राचीन समय में पंजाब भारत और ईरान का क्षेत्र था। यहाँ मौर्य, बैक्ट्रियन, यूनानी, शक, कुषाण, गुप्त आदि अनेक शक्तियों का उत्थान और पतन हुआ। पंजाब मध्यकाल में मुस्लिम शासकों के अधीन रहा। यहाँ सबसे पहले गज़नवी, ग़ोरी, ग़ुलाम वंश, ख़िलजी वंश, तुग़लक,लोदी और मुग़ल वंश के शासकों ने यहाँ राज किया।
15वीं और 16वीं शती में गुरु नानकदेव जी की शिक्षाओं से भक्ति आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा। सिख पंथ ने एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन को जन्म दिया, मूल रूप से जिसका उद्देश्य सामाजिक और धार्मिक कुरीतियों को दूर करना था। दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने सिखों को 'खालसा पंथ' के रूप में संगठित किया। मुग़लों के दमन और अत्याचार के ख़िलाफ़ सिक्खों को एकत्र करके 'पंजाबी राज' की स्थापना की। एक फ़ारसी लेखक ने लिखा है कि 'महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब को 'मदम कदा'('बाग़-ए-बहिश्त')' अर्थात स्वर्ग में बदल दिया था। उनके देहांत के बाद अंग्रेज़ों की साज़िशों से यह साम्राज्य समाप्त हो गया। 1849 में दो युद्धों के बाद पंजाब ब्रिटिश साम्राज्य में आ गया था।
गांधी जी के स्वतंत्रता आन्दोलन से पहले ही ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ पंजाब में संघर्ष प्रारम्भ हो गया था। स्वतंत्रता संग्राम में लाला लाजपतराय ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। देश हो या विदेश, पंजाब बलिदान में सबसे आगे रहा। विभाजन का कष्ट भी उठाना पड़ा जिसके कारण बड़े पैमाने पर रक्तपात और विस्थापन का दंश उठाया और पुनर्वास के साथ साथ राज्य के नये सिरे से संगठित करने की चुनौती का बख़ूबी सामना किया। पूर्वी पंजाब की आठ रियासतों को मिलाकर नया राज्य 'पेप्सू' बनाया गया और 'पूर्वी पंजाब राज्य संघ, पटियाला' का निर्माण करके पटियाला को इसकी राजधानी बनाया गया। 1956 में 'पेप्सू' को पंजाब में मिला दिया गया। 1966 में पंजाब के कुछ भाग से 'हरियाणा' राज्य का निर्माण किया गया।
कृषि
पंजाब कृषि प्रधान राज्य है। पंजाब की भूमि बहुत ही उपजाऊ है। यहाँ गेंहू और चावल की फ़सल मुख्य रूप से होती है्। पंजाब राज्य में दिश के भौगोलिक क्षेत्र के सिर्फ 1.5 प्रतिशत भाग में देश के गेहूं के उत्पादन का 22 प्रतिशत, चावल का 12 प्रतिशत और कपास की भी 12 प्रतिशत पैदावार का उत्पादन करता है। आजकल पंजाब में फ़सल गहनता 186 प्रतिशत से भी अधिक है। पिछले दो तीन दशकों में पंजाब ने गेहूँ का 40 से 50 प्रतिशत अधिक उत्पादन करके 'देश की खाद्य टोकरी' और 'भारत का अनाज भंडार' होने का ख़िताब ले लिया है। पंजाब का विश्व के कुल उत्पादन में, चावल एक प्रतिशत, गेहूं दो प्रतिशत और कपास में 2 प्रतिशत का योगदान है। पंजाब में प्रति हेक्टेयर खाद का उत्पादन 177 कि.ग्रां.है। राष्ट्रीय स्तर पर खाद 90 कि ग्रा प्र्ति हेक्टेयर प्रयोग की जाती है। 1991-92 से 1988-99 तक और 2001 से 2003-04 तक लगातार कृषि विस्तार सेवाओं का राष्ट्रीय उत्पादक पुरस्कार प्राप्त किया है। आनंदपुर साहब में विश्व की सबसे बड़ी अनाज मंडी है।
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सिंचाई
पंजाब में सिंचाई के लिए 1134 सरकारी नहरें हैं, जिनसे भूमि की सिंचाई होती है। यहाँ सभी प्रकार की खेती होती है। कृषि प्रधान राज्य होने के कारण कृषि विकास को प्राथमिकता दी जाती है। पंजाब सरकार फ़सलों के विविधीकरण के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। पानी के सही इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करके विभिन्न ज़िलों के सिंचाई क्षेत्र में 0.97 लाख हेक्टेयर को बढ़ाया लिया है। राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्र 50.36 लाख हेक्टेयर है। कुल भूमि में से 42.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती होती है। राज्य में 33.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नहरों से सिंचाई की जाती है। मुख्य नहरों और उनकी शाखाओं की कुल लम्बाई 14,500 कि.मी. है। रावी नदी पर बना 'रणजीत सागर बाँध' एक बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। 160 मीटर ऊंचे इस बांध में 3.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई उपलब्ध कराने की क्षमता है।
विश्व बैंक की सहायता से पंजाब में सिंचाई और जल परियोजनाओं का दूसरा चरण पूरा हो गया है। 1,0920 कि.मी. नालियों का निर्माण किया जा चुका है। 1260 कि.मी. लम्बी नालियों की मरम्मत और 53 कि.मी. नई नालियों का निर्माण किया गया है। भटिंडा नहर प्रणाली की तीन नहरों की क्षमता बढ़ाने के लिए 18.83 करोड की लागत की परियोजनाएँ पूरी कर ली हैं। रणजीत सागर बाँध के अतिरिक्त पानी के लिए पुनर्निमाण की परियोजना प्रारम्भ की गयी है। 364.10कि.मी. लम्बी मुख्य नहर के निर्माण कार्य में से 298 कि.मी. के लगभग कार्य पूरा किया जा चुका है, 1,507 कि.मी. छोटी नालियों का का निर्माण 140 करोड रुपये की लागत से पूरा हो चुका है। बानुर नहर में सदैव पानी रहे, 38.08 करोड की लागत की योजना का प्रस्ताव नाबार्ड के पास भेजा है। पंजाब के कांदी क्षेत्र के विकास के लिए 11 छोटे बांधों को बनाया गया है जिनसे 12,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई का लक्ष्य है। राज्य में 1,615 टयूबवैल लगे हुए हैं। राज्य के कुल सिंचित क्षेत्र में से 60 प्रतिशत की सिंचाई निजी और सरकारी टयूबवैलों से और 40 प्रतिशत नहरों से सिंचाई होती है।
बिजली
भाखड़ा बाँध, भाखड़ा मेन लाइन, नाँगल पनबिजली योजना, गंगूवाल और कोटला पावर हाउस, हरिके बैराज, सरहिंद फीडर, माधोपुर हेडवर्क को बैराज बनाना और पोग में व्यास नदी का बांध आदि कुछ सिंचाई और पनबिजली परियोजना हैं। माधोपुर व्यास लिंक का निर्माण रावी नदी के अतिरिक्त पानी को व्यास में स्थानांतरित करने के लिए किया गया है।
व्यास-सतलुज नदी लिंक परियोजना में व्यास नदी के पानी का प्रयोग बिजली के उत्पादन के बाद इस पानी को गोविंद सागर झील में भेजने का प्रबंध किया गया है। मुकेरिया और आनंदपुर साहिब पनबिजली योजनाएँ महत्त्वपूर्ण सिंचाई और बिजली परियोजनाएं हैं।
रणजीत सागर बांध योजना एक बहु उद्देशीय परियोजना है जिसमें रावी नदी पर 160 मीटर ऊंचा बांध बनाया जा रहा है जिससे 3.48 लाख हेक्टेयरभूमि के लिए सिंचाई की क्षमता है। रणजीत सागर बाँध की चारों इकाइयां सफलतापूर्वक चल रही हैं। इस परियोजना से 2100 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। कुल उत्पादन की 4.6 बिजली जम्मू और कश्मीर को दी जाएगी।
परिवहन
- राज्य सरकार की सड़कों, पुलों और भवनों के रखरखाव का दायित्व पी.डब्लू.डी. की है। सड़कों की कुल लम्बाई 50,506 कि.मी. है। 'पंजाब सड़क और बाँध विकास बोर्ड' की स्थापना 1998 में हुई। इसका उद्देश्य राज्य की सड़कों के लिए अतिरिक्त साधन जुटाना था।
- राज्य में रेलवे मार्ग की कुल लम्बाई 3,726.06 कि.मी. है। पाकिस्तान से जुड़ा रेल मार्ग भी पंजाब के अमृतसर से है।
- पंजाब राज्य में चार नागरिक विमान क्लब अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और जालंधर में हैं। इनके अतिरिक्त चंडीगढ़ में एक अंतरराज्यीय हवाई अड्डा, राजासांसी (अमृतसर) में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और पटियाला, सहनेवाल (लुधियाना) में दो हवाई अड्डे हैं।
मेले और त्योहार
- पटियाला का बसंत
- आनंदपुर साहिब का होला मोहल्ला
- तलवंडी साबू में वैशाखी
- सरहिंद में रोज़ा शरीफ़ पर उर्स, छप्पर मेला
- फ़रीदकोट में शेख़ फ़रीद आगम पर्व
- गांव रामतीरथ में राम तीरथ
- सरहिंद में शहीदी जोर मेला
- हरि वल्लभ संगीत सम्मेलन
- जालंधर में बाबा सोदाल आदि
पर्यटन
पंजाब की पावन भूमि से संत भी पैदा हुए और ऐतिहासिक युद्ध भी हुए। पुरातत्त्व ज्ञान का यहाँ भंडार है। राज्य में पर्यटकों की रुचि के बहुत से स्थान हैं। इनमें अमृतसर का स्वर्णमंदिर, दुर्गियाना मंदिर, जलियाँवाला बाग़, स्टील सिटी- गोविन्दगढ़ में, आनंदपुर साहब में तख़्त श्री केशगढ़ साहब, खालसा सांस्कृतिक परिसर, भाखड़ा-नांगल बांध, पटियाला में क़िला अंदरून, मोतीबाग़ राजमहल, हरिके पट्टन में आर्द्र भूमि, पुरातात्विक महत्व का संगोल और छतवीर चिडियाघर, आम ख़ास बाग़ में मुग़लकालीन स्मारक परिसर और सरहिंद में अफ़ग़ान शासकों की क़ब्रें और शेख़ अहमद का रोज़ा शरीफ, जालंधर में सोदाल मंदिर और महर्षि वाल्मीकि का स्मारक आदि मुख्य हैं।
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वीथिका
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