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*राजा सुदास का संवरण से युद्ध हुआ जिसे कुछ विद्वान [[ऋग्वेद]] में वर्णित '[[दाशराज्ञ युद्ध]]' से जानते हैं। राजा सुदास के समय पंचाल राज्य का विस्तार हुआ।  
*राजा सुदास का संवरण से युद्ध हुआ जिसे कुछ विद्वान [[ऋग्वेद]] में वर्णित '[[दाशराज्ञ युद्ध]]' से जानते हैं। राजा सुदास के समय पंचाल राज्य का विस्तार हुआ।  
*राजा सुदास के बाद संवरण के पुत्र [[कुरु]] ने शक्ति बढ़ाकर पंचाल राज्य को अपने अधीन कर लिया तभी यह राज्य संयुक्त रूप से 'कुरु-पंचाल' कहलाया। परन्तु कुछ समय बाद ही पंचाल पुन: स्वतन्त्र हो गया।
*राजा सुदास के बाद संवरण के पुत्र [[कुरु]] ने शक्ति बढ़ाकर पंचाल राज्य को अपने अधीन कर लिया तभी यह राज्य संयुक्त रूप से 'कुरु-पंचाल' कहलाया। परन्तु कुछ समय बाद ही पंचाल पुन: स्वतन्त्र हो गया।
 
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==संबंधित लेख==
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08:51, 14 जून 2011 का अवतरण

  • सम्राट भरत के समय में राजा हस्ति हुए जिन्होंने अपनी राजधानी हस्तिनापुर बनाई।
  • राजा हस्ति के पुत्र अजमीढ़ को पंचाल का राजा कहा गया है।
  • राजा अजमीढ़ के वंशज राजा संवरण जब हस्तिनापुर के राजा थे तो पंचाल में उनके समकालीन राजा सुदास का शासन था।
  • राजा सुदास का संवरण से युद्ध हुआ जिसे कुछ विद्वान ऋग्वेद में वर्णित 'दाशराज्ञ युद्ध' से जानते हैं। राजा सुदास के समय पंचाल राज्य का विस्तार हुआ।
  • राजा सुदास के बाद संवरण के पुत्र कुरु ने शक्ति बढ़ाकर पंचाल राज्य को अपने अधीन कर लिया तभी यह राज्य संयुक्त रूप से 'कुरु-पंचाल' कहलाया। परन्तु कुछ समय बाद ही पंचाल पुन: स्वतन्त्र हो गया।

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