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|| '''मीना कुमारी''' अथवा '''महजबीन बानो''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: ''Meena Kumari'' अथवा ''Mahjabeen Bano'') (जन्म-[[1 अगस्त]] 1932, [[मुंबई]]; मृत्यु- [[31 मार्च]] 1972, [[मुंबई]] ) फ़िल्म जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। इनका पूरा नाम महजबीन बानो है। मीना कुमारी अपनी दर्द भरी आवाज और भावनात्मक अभिनय के लिए दर्शकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। मीना कुमारी की 'साहिब बीबी और गुलाम', 'पाकीज़ा', 'परिणीता', 'बहू बेगम और मेरे अपने' दिल को छू लेने वाली कलात्मक फ़िल्में है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मीना कुमारी]] | || '''मीना कुमारी''' अथवा '''महजबीन बानो''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: ''Meena Kumari'' अथवा ''Mahjabeen Bano'') (जन्म-[[1 अगस्त]] 1932, [[मुंबई]]; मृत्यु- [[31 मार्च]] 1972, [[मुंबई]] ) फ़िल्म जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। इनका पूरा नाम महजबीन बानो है। मीना कुमारी अपनी दर्द भरी आवाज और भावनात्मक अभिनय के लिए दर्शकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। मीना कुमारी की 'साहिब बीबी और गुलाम', 'पाकीज़ा', 'परिणीता', 'बहू बेगम और मेरे अपने' दिल को छू लेने वाली कलात्मक फ़िल्में है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मीना कुमारी]] | ||
{ यह कौन-सा | { यह कौन-सा [[संगीत]] [[वाद्य यंत्र|वाद्य]] है? <br /> | ||
[[चित्र: | [[चित्र:Vichitra-Veena.jpg|link=||200px]] | ||
| type="()" } | | type="()" } | ||
- | - [[वीणा]] | ||
- | - [[सितार]] | ||
- | - [[तानपुरा]] | ||
+ [[ | + [[विचित्र वीणा]] | ||
|| | || प्राचीन काल में एकतंत्री [[वीणा]] नाम का एक साज़ हुआ करता था, विचित्र वीणा उसी साज़ का आधुनिक रूप है। विचित्र वीणा उत्तर भारतीय संगीत में वीणा का नवीनतम रूप है। इस वाद्य की गमकदार आवाज़़ और अतिसार सप्तक की धारदार आवाज़़ दोनों ही वीणा की ध्वन्यात्मक विशेषताये हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[विचित्र वीणा]] | ||
{ यह कौन-सा विश्वविद्यालय है? <br /> | { यह कौन-सा विश्वविद्यालय है? <br /> | ||
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- [[राजेंद्र कुमार]] | - [[राजेंद्र कुमार]] | ||
{ | { यह कौन-सा मंदिर है? <br /> | ||
[[चित्र: | [[चित्र:Sarnath-Temple.jpg|link=||200px]] | ||
| type="()" } | | type="()" } | ||
- [[ | - [[जगन्नाथ मंदिर पुरी|जगन्नाथ मंदिर]], [[पुरी]] | ||
- [[जयपुर मन्दिर वृन्दावन|जयपुर मन्दिर]], [[वृन्दावन]] | |||
- [[ | - [[सूर्य मंदिर कोणार्क|सूर्य मंदिर]], [[कोणार्क]] | ||
+ मूलगंध कुटी विहार, [[सारनाथ]] | |||
|| यह विहार धर्मराजिका स्तूप से उत्तर की ओर स्थित है। पूर्वाभिमुख इस विहार की कुर्सी चौकोर है जिसकी एक भुजा 18.29 मी. है। सातवीं शताब्दी में भारत-भ्रमण पर आए चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने इसका वर्णन 200 फुट ऊँचे मूलगंध कुटी विहार के नाम से किया है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सारनाथ]] | |||
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11:06, 20 जुलाई 2011 का अवतरण
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