"छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-1": अवतरणों में अंतर
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14:58, 8 सितम्बर 2011 का अवतरण
- छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय दूसरा का यह प्रथम खण्ड है।
मुख्य लेख : छान्दोग्य उपनिषद
- साम की पंचविध और सप्तविध उपासनाएं-
- इस खण्ड में साम की सम्पूर्ण उपासना को श्रेष्ठ बताया गया है।
- संसार में जो कुछ भी श्रेष्ठ है, वह 'साम' है।
- इस प्रकार जो साम की उपासना करते हैं, उन्हें श्रेष्ठ धर्म की शीघ्र प्राप्ति होती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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