"अल्लकप्प": अवतरणों में अंतर
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'''अल्लकप्प''' [[बौद्ध साहित्य]] के अनुसार उन आठ स्थानों में है जहाँ के नरेश [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] के अस्थि [[अवशेष|अवशेषों]] को लेने के लिए [[कुशीनगर]] आए थे। | '''अल्लकप्प''' [[बौद्ध साहित्य]] के अनुसार उन आठ स्थानों में है जहाँ के नरेश [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] के अस्थि [[अवशेष|अवशेषों]] को लेने के लिए [[कुशीनगर]] आए थे। संभव है यह [[अलप्पा]] का ही रूपांतर हो। | ||
*अल्लकप्प में बुलिय<ref>वृज्जियों की एक शाखा</ref> क्षत्रियों की राजधानी थी। | *अल्लकप्प में बुलिय<ref>वृज्जियों की एक शाखा</ref> क्षत्रियों की राजधानी थी। | ||
*यह [[राज्य]] वेठदीप या [[बेतिया बिहार|बेतिया]]<ref>ज़िला चंपारन, [[बिहार]]</ref> के सन्निकट ही रहा होगा क्योंकि धम्मपदटीका<ref>देखें हार्वर्ड ओरियंटल सिरीज 28 पृष्ठ 24</ref> में अल्लकप्प के राजा और बेठदीपक नाम के 'बेठदीप' के राजाओं में परस्पर घनिष्ठ संबंध का उल्लेख है। | *यह [[राज्य]] वेठदीप या [[बेतिया बिहार|बेतिया]]<ref>ज़िला चंपारन, [[बिहार]]</ref> के सन्निकट ही रहा होगा क्योंकि धम्मपदटीका<ref>देखें:- हार्वर्ड ओरियंटल सिरीज 28 पृष्ठ 24</ref> में अल्लकप्प के राजा और बेठदीपक नाम के 'बेठदीप' के राजाओं में परस्पर घनिष्ठ संबंध का उल्लेख है। | ||
*अल्लकप्प की स्थिति लौरियानंदनगढ़ के पास स्थित विस्तृत खण्डहरों के स्थान पर मानी जाती है। | *अल्लकप्प की स्थिति लौरियानंदनगढ़ के पास स्थित विस्तृत खण्डहरों के स्थान पर मानी जाती है। | ||
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09:06, 12 दिसम्बर 2011 का अवतरण
अल्लकप्प बौद्ध साहित्य के अनुसार उन आठ स्थानों में है जहाँ के नरेश भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेषों को लेने के लिए कुशीनगर आए थे। संभव है यह अलप्पा का ही रूपांतर हो।
- अल्लकप्प में बुलिय[1] क्षत्रियों की राजधानी थी।
- यह राज्य वेठदीप या बेतिया[2] के सन्निकट ही रहा होगा क्योंकि धम्मपदटीका[3] में अल्लकप्प के राजा और बेठदीपक नाम के 'बेठदीप' के राजाओं में परस्पर घनिष्ठ संबंध का उल्लेख है।
- अल्लकप्प की स्थिति लौरियानंदनगढ़ के पास स्थित विस्तृत खण्डहरों के स्थान पर मानी जाती है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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