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'''सिपाही विद्रोह''' का प्रारम्भ सन [[1857]] ई. में [[बिहार]] के [[मंगल पाण्डेय]] ने [[बैरकपुर]] छावनी में [[अंग्रेज़]] अफ़सरों पर गोली दाग कर किया। यह विद्रोह शीघ्र ही देश के एक कोने से दूसरे कोने तक तेजी से फैल गया।
'''सिपाही विद्रोह''' का प्रारम्भ सन [[1857]] ई. में [[बिहार]] के [[मंगल पाण्डेय]] ने [[बैरकपुर]] छावनी में [[अंग्रेज़]] अफ़सरों पर गोली दाग कर किया। यह विद्रोह शीघ्र ही देश के एक कोने से दूसरे कोने तक तेजी से फैल गया। इस विद्रोह ने ही देश की स्वतंत्रता के लिए एक महत्त्वपूर्ण आधारशिला रख दी थी।


*विद्रोह के अंतर्गत शाहाबाद में बाबू कुंअर सिंह तथा उनके अनुज बाबू अमर सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ अंग्रेज़ों से जो लोहा लिया।
*विद्रोह के अंतर्गत शाहाबाद में बाबू कुंअर सिंह तथा उनके अनुज बाबू अमर सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ अंग्रेज़ों से लोहा लिया।
*घायल होकर बाबू कुंअर सिंह के अचानक स्वर्गवासी हो जाने के कारण यह संग्राम दब अवश्य गया, लेकिन देश वासियों के [[हृदय]] पर यह अपना प्रभाव छोड़ता गया।
*घायल होकर बाबू कुंअर सिंह के अचानक स्वर्गवासी हो जाने के कारण यह संग्राम दब अवश्य गया, लेकिन देश वासियों के [[हृदय]] पर यह अपना प्रभाव छोड़ता गया।



13:06, 9 सितम्बर 2012 का अवतरण

सिपाही विद्रोह का प्रारम्भ सन 1857 ई. में बिहार के मंगल पाण्डेय ने बैरकपुर छावनी में अंग्रेज़ अफ़सरों पर गोली दाग कर किया। यह विद्रोह शीघ्र ही देश के एक कोने से दूसरे कोने तक तेजी से फैल गया। इस विद्रोह ने ही देश की स्वतंत्रता के लिए एक महत्त्वपूर्ण आधारशिला रख दी थी।

  • विद्रोह के अंतर्गत शाहाबाद में बाबू कुंअर सिंह तथा उनके अनुज बाबू अमर सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ अंग्रेज़ों से लोहा लिया।
  • घायल होकर बाबू कुंअर सिंह के अचानक स्वर्गवासी हो जाने के कारण यह संग्राम दब अवश्य गया, लेकिन देश वासियों के हृदय पर यह अपना प्रभाव छोड़ता गया।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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