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'''धरती मेरा घर''' [[हिन्दी]] के विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभा वाले प्रसिद्ध उपन्यासकार और साहित्यकार [[रांगेय राघव]] द्वारा रचित उपन्यास है। इस उपन्यास का प्रकाशन [[1 जनवरी]], [[2011]] को किया गया था। 'राजपाल प्रकाशन' द्वारा इस उपन्यास का प्रकाशन हुआ था।   


*'धरती मेरा घर' नामक उपन्यास स्वयं को महाराणा प्रताप का वंशज मानने वाले गाड़िये-लुहारों के जीवन-चरित पर आधारित है।
*'धरती मेरा घर' नामक उपन्यास स्वयं को महाराणा प्रताप का वंशज मानने वाले गाड़िये-लुहारों के जीवन-चरित पर आधारित है।
*आज के प्रगतिशील युग में भी गाड़िये-लुहार आधुनिकता से कोसों दूर अपने ही सिद्धान्तों, आदर्शों और जीवन मूल्यों पर चलते हैं।
*आज के प्रगतिशील युग में भी गाड़िये-लुहार आधुनिकता से कोसों दूर अपने ही सिद्धान्तों, आदर्शों और जीवन मूल्यों पर चलते हैं।
*कभी घर बनाकर न रहने वाले, खानाबदोशों की तरह जीवन यापन करने वाले और समाज से अलग रहने वाले इन गाड़िये-लुहारों के जीवन के अनछुए और अनदेखे पहलुओं का जैसा सजीव वर्णन इस उपन्यास में हुआ है, वह रांगेय राघव जैसा मानव मनोभावों को समझने वाला एक विरला लेखक ही कर सकता है।
*कभी घर बनाकर न रहने वाले, खानाबदोशों की तरह जीवन यापन करने वाले और समाज से अलग रहने वाले इन गाड़िये-लुहारों के जीवन के अनछुए और अनदेखे पहलुओं का जैसा सजीव वर्णन इस उपन्यास में हुआ है, वह रांगेय राघव जैसा मानव मनोभावों को समझने वाला एक विरला लेखक ही कर सकता है।
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धरती मेरा घर -रांगेय राघव
'धरती मेरा घर' उपन्यास का आवरण पृष्ठ
'धरती मेरा घर' उपन्यास का आवरण पृष्ठ
लेखक रांगेय राघव
प्रकाशक राजपाल प्रकाशन
प्रकाशन तिथि 1 जनवरी, 2011
ISBN 9788170288436
देश भारत
पृष्ठ: 112
भाषा हिन्दी
प्रकार उपन्यास

धरती मेरा घर हिन्दी के विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभा वाले प्रसिद्ध उपन्यासकार और साहित्यकार रांगेय राघव द्वारा रचित उपन्यास है। इस उपन्यास का प्रकाशन 1 जनवरी, 2011 को किया गया था। 'राजपाल प्रकाशन' द्वारा इस उपन्यास का प्रकाशन हुआ था।

  • 'धरती मेरा घर' नामक उपन्यास स्वयं को महाराणा प्रताप का वंशज मानने वाले गाड़िये-लुहारों के जीवन-चरित पर आधारित है।
  • आज के प्रगतिशील युग में भी गाड़िये-लुहार आधुनिकता से कोसों दूर अपने ही सिद्धान्तों, आदर्शों और जीवन मूल्यों पर चलते हैं।
  • कभी घर बनाकर न रहने वाले, खानाबदोशों की तरह जीवन यापन करने वाले और समाज से अलग रहने वाले इन गाड़िये-लुहारों के जीवन के अनछुए और अनदेखे पहलुओं का जैसा सजीव वर्णन इस उपन्यास में हुआ है, वह रांगेय राघव जैसा मानव मनोभावों को समझने वाला एक विरला लेखक ही कर सकता है।
  • प्रतिभा के धनी रांगेय राघव का यह उपन्यास राजस्थान के जनजीवन की कलात्मक झलक प्रस्तुत करता है।
  • राजस्थान की पृष्ठभूमि को आधार बनाकर लेखक के संवेदनशील मस्तिष्क ने अनेक कलात्मक कथानकों का सृजन किया है।
  • कथानकों की नवीनता और रोचकता रांगेय राघव का विशेष गुण है और यही कारण है कि पाठक उनकी रचनाओं को बड़े आग्रह से पढ़ते हैं।
  • 'धरती मेरा घर' उपन्यास की कथा पाठक का मनोरंजन करने के साथ-साथ उसके अंतःकरण को भी झकझोरती है।


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