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'''भारत का संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992'''
'''भारत का संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992'''
*[[भारत]] के संविधान में एक और [[संविधान संशोधन|संशोधन]] किया गया।
*[[भारत]] के संविधान में एक और [[संविधान संशोधन|संशोधन]] किया गया।
*[[त्रिपुरा]] राज्य में जहाँ गड़बड़ी का माहौल बना हुआ है, शांति और सद्भाव कायम करने के लिए गत [[12 अगस्त]], 1988 को भारत सरकार और त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के बीच एक समझौते को लागू करने के लिए संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992 माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 332 में संशोधन किया गया है, ताकि त्रिपुरा राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या निर्धारित करने के लिए तब तक के लिए अस्थाई व्यवस्था की जा सके, जब तक कि संविधान के 170 वें अनुच्छेद के अंतर्गत वर्ष 2000 के बाद प्रथम जनगणना के आधार पर सीटों का तालमेल न हो जाए।
*[[त्रिपुरा]] राज्य में जहाँ गड़बड़ी का माहौल बना हुआ है, शांति और सद्भाव क़ायम करने के लिए गत [[12 अगस्त]], 1988 को भारत सरकार और त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के बीच एक समझौते को लागू करने के लिए संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992 माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 332 में संशोधन किया गया है, ताकि त्रिपुरा राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या निर्धारित करने के लिए तब तक के लिए अस्थाई व्यवस्था की जा सके, जब तक कि संविधान के 170 वें अनुच्छेद के अंतर्गत वर्ष 2000 के बाद प्रथम जनगणना के आधार पर सीटों का तालमेल न हो जाए।





14:16, 29 जनवरी 2013 का अवतरण

भारत का संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • त्रिपुरा राज्य में जहाँ गड़बड़ी का माहौल बना हुआ है, शांति और सद्भाव क़ायम करने के लिए गत 12 अगस्त, 1988 को भारत सरकार और त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के बीच एक समझौते को लागू करने के लिए संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992 माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 332 में संशोधन किया गया है, ताकि त्रिपुरा राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या निर्धारित करने के लिए तब तक के लिए अस्थाई व्यवस्था की जा सके, जब तक कि संविधान के 170 वें अनुच्छेद के अंतर्गत वर्ष 2000 के बाद प्रथम जनगणना के आधार पर सीटों का तालमेल न हो जाए।


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