"सासाराम": अवतरणों में अंतर
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*शेरशाह सूरी ने युवा होने पर सहसराम में 21वर्षों तक सफल शासन व्यवस्था | *शेरशाह सूरी ने युवा होने पर सहसराम में 21वर्षों तक सफल शासन व्यवस्था क़ायम की। | ||
*सहसराम उसके पिता की जागीर थी। | *सहसराम उसके पिता की जागीर थी। | ||
*इस समय का उसका सबसे महत्त्वपूर्ण काम लगान सम्बन्धी एक श्रेष्ठ व्यवस्था की स्थापना करना था। | *इस समय का उसका सबसे महत्त्वपूर्ण काम लगान सम्बन्धी एक श्रेष्ठ व्यवस्था की स्थापना करना था। |
14:17, 29 जनवरी 2013 का अवतरण
![](/w/images/thumb/6/66/Shershah_Tomb2.jpg/250px-Shershah_Tomb2.jpg)
Sher Shah Suri Tomb, Sasaram, Bihar
- सासाराम (सहसराम) बिहार के शाहाबाद ज़िले में स्थित है।
- सूर वंश के संस्थापक अफ़ग़ान शासक शेरशाह सूरी का मक़बरा सासाराम में है और देश का प्रसिद्ध 'ग्रांड ट्रंक रोड' भी इसी शहर से होकर गुज़रता है।
- सहसराम के समीप एक पहाड़ी पर गुफ़ा में अशोक का लघु शिलालेख संख्या एक उत्कीर्ण है।
- अफ़ग़ान शेरशाह सूरी का बाल्यकाल यहीं बीता था।
- शेरशाह सूरी ने युवा होने पर सहसराम में 21वर्षों तक सफल शासन व्यवस्था क़ायम की।
- सहसराम उसके पिता की जागीर थी।
- इस समय का उसका सबसे महत्त्वपूर्ण काम लगान सम्बन्धी एक श्रेष्ठ व्यवस्था की स्थापना करना था।
- सहसराम में शेरशाह सूरी का शानदार मक़बरा बना हुआ है।
- इसे स्वयं शेरशाह सूरी ने अपने जीवन काल में बनवाया था।
- यह अपने समय की कला का श्रेष्ठतम नमूना है।
- एक विशाल झील के मध्य उठे हुए चबूतरे पर बना यह मक़बरा उसके 'व्यक्तित्व का प्रतीक' है।
- यह तुग़लक़ बादशाहों की इमारतों की सादगी और शाहजहाँ की इमारतों की स्त्रियोचित सुन्दरता के बीच की कड़ी है।
- यह भवन अपनी परिकल्पना में इस्लामी पर इसका भीतरी भाग हिन्दू वास्तुकला से सजाया-सँवारा गया है।
- इसे उत्तर भारत की श्रेष्ठ इमारतों में से एक कहा गया है।
- इस पर हिन्दू और इस्लामी कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।
- वस्तुतः अकबर के राज्यकाल के पूर्व हिन्दू-मुस्लिम स्थापत्य के समंवय का सबसे सुन्दर नमूना शेरशाह का मक़बरा है।
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