"अंकधारी": अवतरणों में अंतर
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*अंकधारी भगवान [[विष्णु]] के उपासक होते है, जो 'तप्त मुद्रा' के चिह्न शरीर पर छपवाते हैं। | *अंकधारी भगवान [[विष्णु]] के उपासक होते है, जो 'तप्त मुद्रा' के चिह्न शरीर पर छपवाते हैं। | ||
*इस प्रथा का महत्व | *इस प्रथा का महत्व 'रामानुज सम्प्रदाय' में अधिक है और [[द्वारका]] इसका केन्द्र माना गया है। | ||
*दक्षिण में भगवान [[शंकर]] के [[भक्त]] भी [[त्रिशूल]] या [[शिवलिंग]] के चिह्न शरीर पर धारण करते हैं। | *दक्षिण में भगवान [[शंकर]] के [[भक्त]] भी [[त्रिशूल]] या [[शिवलिंग]] के चिह्न शरीर पर धारण करते हैं। | ||
07:41, 12 अप्रैल 2013 का अवतरण
अंकधारी अर्थात 'तप्त मुद्रा' के चिह्न धारण करने वाला। इस सम्प्रदाय को मानने वाले लोग 'शंख', 'चक्र', 'त्रिशूल' आदि के साम्प्रदायिक चिह्नों को गरम धातु से अपने शरीर पर छपवाते हैं।
- अंकधारी भगवान विष्णु के उपासक होते है, जो 'तप्त मुद्रा' के चिह्न शरीर पर छपवाते हैं।
- इस प्रथा का महत्व 'रामानुज सम्प्रदाय' में अधिक है और द्वारका इसका केन्द्र माना गया है।
- दक्षिण में भगवान शंकर के भक्त भी त्रिशूल या शिवलिंग के चिह्न शरीर पर धारण करते हैं।
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