"आदमी नामा -नज़ीर अकबराबादी": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Nazeer-Akbarabadi....' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "कुरान" to "क़ुरआन") |
||
पंक्ति 38: | पंक्ति 38: | ||
मस्ज़िद भी आदमी ने बनाई है यां मियाँ। | मस्ज़िद भी आदमी ने बनाई है यां मियाँ। | ||
बनते हैं आदमी ही इमाम और खुतबाख्वाँ। | बनते हैं आदमी ही इमाम और खुतबाख्वाँ। | ||
पढ़ते हैं आदमी ही | पढ़ते हैं आदमी ही क़ुरआन और नमाज़ यां। | ||
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ। | और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ। | ||
जो उनको ताड़ता है सो है वह भी आदमी॥ | जो उनको ताड़ता है सो है वह भी आदमी॥ |
10:32, 14 मई 2013 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||||||
|
दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी |
|
|
|
|
|