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'''ओज़ोन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ozone'') [[ऑक्सीजन]] के तीन [[परमाणु|परमाणुओं]] से मिलकर बनने वाली एक [[गैस]] है जो कि वातावरण में बहुत कम मात्रा<ref>0.02 %</ref> में पाई जाती है। जहाँ निचले वातावरण में [[पृथ्वी]] के निकट इसकी उपस्थिति [[प्रदूषण]] को बढ़ाने वाली और मानव [[ऊतक]] के लिए नुकसानदेह है, वहीं ऊपरी [[वायुमंडल]] में इसकी उपस्थिति परमावश्यक है। इसकी सघनता 10 लाख में 10वां हिस्सा है। यह गैस प्राकृतिक रूप से बनती है। जब [[सूर्य]] की किरणें वायुमंडल से ऊपरी सतह पर ऑक्सीजन से टकराती हैं तो उच्च [[ऊर्जा]] विकरण से इसका कुछ हिस्सा ओज़ोन में परिवर्तित हो जाता है। साथ ही [[विद्युत]] विकास क्रिया, [[बादल]], आकाशीय विद्युत एवं मोटरों के विद्युत स्पार्क से भी ऑक्सीजन ओज़ोन में बदल जाती है। पृथ्वी के धरातल से 20-30 किमी की ऊंचाई पर वायुमण्डल के समताप मंडल क्षेत्र में ओज़ोन गैस का एक झीना-सा आवरण है, जिसे ओज़ोन परत कहते हैं। वायुमंडल के आयतन कें संदर्भ में [[ओज़ोन परत]] की सांद्रता लगभग 10 पीपीएम है। यह ओज़ोन परत पर्यावरण की रक्षक है। ओज़ोन परत हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है।
'''ओज़ोन''' ([[अंग्रेज़ी]]: Ozone) [[ऑक्सीजन]] के तीन [[परमाणु|परमाणुओं]] से मिलकर बनने वाली एक [[गैस]] है जो कि वातावरण में बहुत कम मात्रा<ref>0.02 %</ref> में पाई जाती है। जहाँ निचले वातावरण में [[पृथ्वी]] के निकट इसकी उपस्थिति [[प्रदूषण]] को बढ़ाने वाली और मानव [[ऊतक]] के लिए नुकसानदेह है, वहीं ऊपरी [[वायुमंडल]] में इसकी उपस्थिति परमावश्यक है। इसकी सघनता 10 लाख में 10वां हिस्सा है। यह गैस प्राकृतिक रूप से बनती है। जब [[सूर्य]] की किरणें वायुमंडल से ऊपरी सतह पर ऑक्सीजन से टकराती हैं तो उच्च [[ऊर्जा]] विकरण से इसका कुछ हिस्सा ओज़ोन में परिवर्तित हो जाता है। साथ ही [[विद्युत]] विकास क्रिया, [[बादल]], आकाशीय विद्युत एवं मोटरों के विद्युत स्पार्क से भी ऑक्सीजन ओज़ोन में बदल जाती है। पृथ्वी के धरातल से 20-30 किमी की ऊंचाई पर वायुमण्डल के समताप मंडल क्षेत्र में ओज़ोन गैस का एक झीना-सा आवरण है, जिसे ओज़ोन परत कहते हैं। वायुमंडल के आयतन कें संदर्भ में [[ओज़ोन परत]] की सांद्रता लगभग 10 पीपीएम है। यह ओज़ोन परत पर्यावरण की रक्षक है। ओज़ोन परत हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है।
 
 
 


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ओज़ोन (अंग्रेज़ी: Ozone) ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो कि वातावरण में बहुत कम मात्रा[1] में पाई जाती है। जहाँ निचले वातावरण में पृथ्वी के निकट इसकी उपस्थिति प्रदूषण को बढ़ाने वाली और मानव ऊतक के लिए नुकसानदेह है, वहीं ऊपरी वायुमंडल में इसकी उपस्थिति परमावश्यक है। इसकी सघनता 10 लाख में 10वां हिस्सा है। यह गैस प्राकृतिक रूप से बनती है। जब सूर्य की किरणें वायुमंडल से ऊपरी सतह पर ऑक्सीजन से टकराती हैं तो उच्च ऊर्जा विकरण से इसका कुछ हिस्सा ओज़ोन में परिवर्तित हो जाता है। साथ ही विद्युत विकास क्रिया, बादल, आकाशीय विद्युत एवं मोटरों के विद्युत स्पार्क से भी ऑक्सीजन ओज़ोन में बदल जाती है। पृथ्वी के धरातल से 20-30 किमी की ऊंचाई पर वायुमण्डल के समताप मंडल क्षेत्र में ओज़ोन गैस का एक झीना-सा आवरण है, जिसे ओज़ोन परत कहते हैं। वायुमंडल के आयतन कें संदर्भ में ओज़ोन परत की सांद्रता लगभग 10 पीपीएम है। यह ओज़ोन परत पर्यावरण की रक्षक है। ओज़ोन परत हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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