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मौसम -अनूप सेठी
जगत में मेला' का आवरण चित्र
जगत में मेला' का आवरण चित्र
कवि अनूप सेठी
मूल शीर्षक जगत में मेला
प्रकाशक आधार प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, एस. सी. एफ. 267, सेक्‍टर 16, पंचकूला - 134113 (हरियाणा)
प्रकाशन तिथि 2002
देश भारत
पृष्ठ: 131
भाषा हिन्दी
विषय कविता
प्रकार काव्य संग्रह
अनूप सेठी की रचनाएँ

       एक


हवा के रास्ते
सूरज वस्त्र वस्त्र जल सोख लेने पर उतारू है
नदी के वास्ते
यह भी एक ऋतु आई है.

        दो


पहाड़ों ने रख दिया
कतरा कतरा समुद्र घाटियों के हाथ
नदी उठी
चली पीहर
ले उत्सवी सौगात.

        तीन

रात भर दहकते रहे हैं बादल
चार पग उतर क्यों नहीं आए तुम
हवा के आंचल ही बांध भेज देते
तनिक सी एक फुहार.

     चार


हवा उड़ी ले
विश्वासों के कुछ भीगे हिन्से
युकिलिप्टस झर चला
बस ताकता आकाश.

(1978)


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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