"आँख से ओझल होना": अवतरणों में अंतर
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#मैं तो चाहती हूँ कि [[इंद्र]] मेरी आँखों से ओझल न हो।- ([[जयशंकर प्रसाद]]) | #मैं तो चाहती हूँ कि [[इंद्र]] मेरी आँखों से ओझल न हो।- ([[जयशंकर प्रसाद]]) | ||
#पुराने माडल की डॉज कार के [[आँख|आँखों]] से ओझल होते ही पुलिस की जीपगाड़ी वहाँ आ पहुँची।-(गुलशन नंदा) | #पुराने माडल की डॉज कार के [[आँख|आँखों]] से ओझल होते ही पुलिस की जीपगाड़ी वहाँ आ पहुँची।-(गुलशन नंदा) |
09:27, 10 अक्टूबर 2015 का अवतरण
आँख से ओझल होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- दृष्टि-क्षेत्र परे चले जाना।
प्रयोग-
- लिखते समय ध्यान सदा अच्छेपन की ओर रहना चाहिए। सुधार का तत्व कभी आँखों से ओझल नहीं होना चाहिए।-(रामचंद्र वर्मा)
- मैं तो चाहती हूँ कि इंद्र मेरी आँखों से ओझल न हो।- (जयशंकर प्रसाद)
- पुराने माडल की डॉज कार के आँखों से ओझल होते ही पुलिस की जीपगाड़ी वहाँ आ पहुँची।-(गुलशन नंदा)