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'''प्रयोग'''-  
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#लिखते समय ध्यान सदा अच्छेपन की ओर रहना चाहिए।सुधार का तत्व कभी आँखों से ओझल नहीं होना चाहिए।-([[रामचंद्र वर्मा]])
#लिखते समय ध्यान सदा अच्छेपन की ओर रहना चाहिए। सुधार का तत्व कभी आँखों से ओझल नहीं होना चाहिए।-([[रामचंद्र वर्मा]])
#मैं तो चाहती हूँ कि [[इंद्र]] मेरी आँखों से ओझल न हो।- ([[जयशंकर प्रसाद]])
#मैं तो चाहती हूँ कि [[इंद्र]] मेरी आँखों से ओझल न हो।- ([[जयशंकर प्रसाद]])
#पुराने माडल की डॉज कार के [[आँख|आँखों]] से ओझल होते ही पुलिस की जीपगाड़ी वहाँ आ पहुँची।-(गुलशन नंदा)
#पुराने माडल की डॉज कार के [[आँख|आँखों]] से ओझल होते ही पुलिस की जीपगाड़ी वहाँ आ पहुँची।-(गुलशन नंदा)

09:27, 10 अक्टूबर 2015 का अवतरण

आँख से ओझल होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- दृष्टि-क्षेत्र परे चले जाना।

प्रयोग-

  1. लिखते समय ध्यान सदा अच्छेपन की ओर रहना चाहिए। सुधार का तत्व कभी आँखों से ओझल नहीं होना चाहिए।-(रामचंद्र वर्मा)
  2. मैं तो चाहती हूँ कि इंद्र मेरी आँखों से ओझल न हो।- (जयशंकर प्रसाद)
  3. पुराने माडल की डॉज कार के आँखों से ओझल होते ही पुलिस की जीपगाड़ी वहाँ आ पहुँची।-(गुलशन नंदा)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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