"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-च": अवतरणों में अंतर
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अर्थ - बहुत धीरे-धीरे और रूक रूककर बात करना। | अर्थ - बहुत धीरे-धीरे और रूक रूककर बात करना। | ||
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|85- [[चमक उठना]] | |||
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अर्थ - उन्नत होना, समृद्ध होना, भाग्य खुलना। | |||
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|86-[[चमड़ा उधेड़ना|चमड़ा उधेड़ना/चमड़ी उधेड़ना]]। | |||
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अर्थ - चमड़ा खींचकर शरीर से अलग करना, बहुत अधिक मारना, पीटना, चमड़ी उधेड़ना। | |||
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|87- [[चमड़ी मोटी होना]]। | |||
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अर्थ - बेशर्म होना। | |||
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|88- [[चरका देना]]। | |||
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अर्थ - धोखा देना। | |||
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|89- [[चरण चापना]]। | |||
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अर्थ - सेवा करना। | |||
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|90- [[चरण चूमना|चरण चूमना/चरण छूना]]। | |||
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अर्थ - अत्यधिक सम्मान देना, पाँव छूकर प्रणाम करना। | |||
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|91- [[चरबी चढ़ना]]। | |||
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अर्थ - मोटा होना। | |||
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|92- [[चल पड़ना]] | |||
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अर्थ - रवाना होना। | |||
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|93- [[चाँदी का जूता]]। | |||
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अर्थ - रिश्वत,घूस। | |||
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|94- [[चलता कर देना]]। | |||
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अर्थ - टाल-मटोल कर या डाँट-डपटकर भगाना। | |||
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|95- [[चरणामृत लेना]]। | |||
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अर्थ - चरणामृत पीना, थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ पीना। | |||
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|96- [[चरम बिंदु पर पहुँच जाना]]। | |||
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अर्थ - बहुत अधिक बढ़ जाना। | |||
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|97- [[चलते फिरते नज़र आना]]। | |||
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अर्थ - नमूना पेशकर चलते बने, कहीं से जाना। | |||
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|98- [[चलना]]। | |||
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अर्थ - प्रचलन में होना, गतिशील रहना या होना। | |||
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|99- [[चराना]]। | |||
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अर्थ - बहकावा देना| उन जैसों को बहुत देखा है। हमें क्या चराएँगे वे? | |||
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|100- [[चर्चा चलना]]। | |||
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अर्थ - ज़िक्र छिड़ना। | |||
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|101-[[चल देना]]। | |||
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अर्थ - बिना कहे सुने या चुपके से कहीं से हट जाना,महाप्रयाण करना। | |||
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|102- [[चलता करना]]। | |||
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अर्थ - जल्दी-जल्दी या जैसे-तैसे करना। | |||
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|103- [[चाँदी कर डालना]]। | |||
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अर्थ - ख़ूब लाभ होना। | |||
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12:29, 10 अक्टूबर 2015 का अवतरण
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ | |
---|---|---|
1- चोर की दाढ़ी में तिनका होना। |
अर्थ -मन में पाप रखने वाला नज़रें नहीं मिला पाता। | |
2- चोर चोरी से जाये, हेरा-फेरी से न जाये। |
अर्थ - बुरी आदतें मुश्किल से दूर होती हैं। | |
3- चक्की में कौर डालोगे तो चून पाओगे। |
अर्थ - कुछ करोगे तो फल मिलेगा। | |
4- चट मँगनी पट ब्याह। |
अर्थ - तत्काल कार्य होना। | |
5- चढ़ जा बेटा सूली पर, भली करेंगे राम। |
अर्थ - किसी के कहने पर विपत्ति में पड़ना। | |
6- चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए। |
अर्थ - दोषी के साथ कहीं निर्दोष न मारा जाए। | |
7- चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटके तुम भी लटको। |
अर्थ - ग़रीब आदमी क्या आवभगत करेगा। | |
8- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए। |
अर्थ - बहुत कंजूसी करना। | |
9- चमार चमड़े का यार। |
अर्थ - स्वार्थी व्यक्ति होना।। | |
10- चरसी यार किसके दम लगाया खिसके। |
अर्थ - एकदम स्वार्थी होना। आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।। | |
11- चलती का नाम गाड़ी है। |
अर्थ - जिसका काम चल निकले, उसी का बोलबाला है। | |
12- चाँद को भी ग्रहण लगता है। |
अर्थ - कभी भले आदमी की भी बदनामी हो जाती है। | |
13- चाकरी में न करी क्याद। |
अर्थ - नौकरी में स्वामी की आज्ञा माननी पड़ती है। | |
14- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात। |
अर्थ - सुख थोड़े ही दिन का होता है। | |
15- चिकना मुँह पेट ख़ाली। |
अर्थ - देखने में अच्छा–भला भीतर से दु:खी होना। | |
16- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता। |
अर्थ - निर्लज्ज आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता है। | |
17- चिकने मुँह को सब चूमते हैं। |
अर्थ - ऊँचे आदमी के सब यार हैं। | |
18- चित भी मेरी पट भी मेरी। |
अर्थ - हर हालत में मेरा ही लाभ। | |
19- चिराग तले अँधेरा। |
अर्थ - अपने पास का वातावरण ठीक न होना, पास की चीज़ दिखाई न पड़ना। | |
20- चिराग में बत्ती और आँख पे पट्टी। |
अर्थ - शाम होते ही सोने लगना। | |
21- चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं। |
अर्थ - घमंड करने से नाश होता है।। | |
22- चील के घोसले में मांस कहाँ। |
अर्थ - यहाँ कुछ भी नहीं बचा रह सकता। | |
23- चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है। |
अर्थ - जो चीज़ पसंद हो वह सब से अच्छी मान लेना। | |
24- चुल्लू़ भर पानी में डूब मरना। |
अर्थ - शर्म के मारे मुँह न दिखाना। | |
25- चुल्लून–चुल्लू साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा। |
अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करके अमीर हो जाओगे। | |
26- चूल्हे की न चक्की की। |
अर्थ -घर का कोई काम न करना। | |
27- चूहे का बच्चा बिल ही खोदता है। |
अर्थ - जन्मजात कार्य, स्वभाव नहीं बदलता। | |
28-चूहे के नाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं। |
अर्थ - थोड़ी वस्तु से बड़ा काम नहीं हो सकता। | |
29- चूहों की मौत बिल्ली का खेल। |
अर्थ - किसी को कष्ट देकर मौज करना।। | |
30- चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली पर। |
अर्थ - चोर को रक्षा करने के कार्य पर लगाना। | |
31- चोर के पैर नहीं होते। |
अर्थ - दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है। | |
32- चोर-चोर मौसेरे भाई। |
अर्थ - एक जैसे बदमाश का मेल हो जाता है। | |
33- चोर–चोरी से गया तो क्या हेरा-फेरी से भी गया। |
अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। | |
34- चोर –चोरी से जाए, हेरा-फेरी न जाए। |
अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। | |
35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले। |
अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं। | |
36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो। |
अर्थ - दो पक्षों को लड़ाने वाला। | |
37- चोरी और सीनाज़ोरी। |
अर्थ - एक तो अपराध उस पर अकड़ दिखाना। | |
38- चोरी का धन मोरी में। |
अर्थ - हराम की कमाई बेकार जाती है। | |
39- चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी ही रह गए। |
अर्थ - अधिक पाने के लालच में अपना सब कुछ गँवा बैठे। | |
40- चंडाल चौकड़ी। |
अर्थ - निकम्मे बदमाश लोगों का समूह। | |
41- चंडूखाने की गप्प मारना। |
अर्थ - पागलों की सी झूठी-मूठी बातें करना। | |
42- चचा बनाकर। |
अर्थ - खूब मरम्मत करना देख लेना। | |
43- चप्पा-चप्पा छान मारना। |
अर्थ - हर जगह ढूँढ लेना। | |
44- चलता पुरजा। |
अर्थ - चालाक और व्यवहार कुशल। | |
45- चलता बनना। |
अर्थ - खिसक जाना। | |
46- चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना। |
अर्थ - बनते काम में विघ्ऩ डालना। | |
47- चल बसना। |
अर्थ - मर जाना। | |
48- चांद खुजलाना। |
अर्थ - पीटने का जी करना। | |
49- चाँद पर थूकना। |
अर्थ - किसी अच्छे आदमी पर कलंक लगाना। | |
50- चाँदी काटना। |
अर्थ - खूब धन पैदा करना। | |
51- चादर से बाहर पैर पसारना। |
अर्थ - आमदनी से अधिक व्यय करना। | |
52- चार चाँद लगना। |
अर्थ - बहुत शोभा होना। | |
53- चार दिन की चाँदनी। |
अर्थ - थोड़े दिनों का सुख। | |
54- चारपाई से लगना। |
अर्थ - बीमारी से उठ न पाना। | |
55- चिकना घड़ा। |
अर्थ - बेशर्म पर कोई असर नहीं होना। | |
56- चित्त से उतरना। |
अर्थ - भूल जाना। | |
57- चींटी के पर निकलना। |
अर्थ - नष्ट होने के क़्ररीब होना। | |
58- चुटिया हाथ में होना। |
अर्थ - वश में होना। | |
59- चुल्लुओं लहू पीना। |
अर्थ - बहुत परेशान करना। | |
60- चूड़ियां पहनना। |
अर्थ - औरतों की तरह डरपोक होना। | |
61- चूना लगाना। |
अर्थ - धोखा देना। | |
62- चूलें ढीली होना। |
अर्थ - अंग-अंग शिथिल होना। | |
63- चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना। |
अर्थ - डर से घबराना। | |
64- चोटी का पसीना एड़ी तक आना। |
अर्थ - कड़ा परिश्रम करना। | |
65- चोली दामन का साथ। |
अर्थ - घनिष्ठा संबंध। | |
66- चौदहवीं का चाँद। |
अर्थ - बहुत सुन्दर होना। | |
67- चटकारे /चटखारे/लेना। |
अर्थ - मज़ा लेना। | |
68- चटनी करना/बनाना। |
अर्थ - तोड़ -फोड़ डालना अथवा चूर चूर कर डालना, ख़ूब मारना। | |
69-चटनी होना/हो जाना। |
अर्थ - किसी चीज़ का थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लोगों में बँट जाना। | |
70- चटाक से। |
अर्थ - बहुत तेज़ी से या जल्दी जल्दी। | |
71- चटाके का। |
अर्थ - ज़ोरों का। | |
72- चटाना। |
अर्थ - खिलाना, रिश्वत देना। | |
73- चढ्ढी देना। |
अर्थ - हारने पर पीठ पर सवार कराना। | |
74- चट्टे-बट्टे लड़ाना। |
अर्थ - इधर की बातें उधर और उधर की बातें इधर पहुँचाकर दो व्यक्तियों या पक्षों में वैर-विरोध खड़ा करना। | |
75- चढ़ जाना। |
अर्थ - आक्रमाण करना। | |
76- चड्ढी गाँठना। |
अर्थ - सवारी करना। | |
75- चढ़ बैठना। |
अर्थ - बुरी तरह पीछे पड़ जाना। | |
76- चढ़ती उमर/जवानी। |
अर्थ - वह अवस्था जिसमें कोई यौवन में प्रवेश कर रहा हो। | |
77- चढ़ा जाना। |
अर्थ - पी या खा जाना। | |
78- चढ़ा देना। |
अर्थ - श्रद्धापूर्वक देना उत्सर्ग या बलिदान करना। | |
79- चढ़ा -उपरी। |
अर्थ - एक दूसरे से आगे बढ़ निकलने के लिए की जाने वाली होड़। | |
80- चढ़ाकर आना। |
अर्थ - धुत होकर आना, नशा करके आना। | |
81- चपत पड़ना। |
अर्थ - आघात लगना। | |
82- चपरगट्टू बनाना। |
अर्थ - खूब दुर्दशा करना। | |
83- चप्पा चप्पा छान डालना। |
अर्थ - हर एक जगह देख आना। | |
84- चना चबाकर बातें करना। |
अर्थ - बहुत धीरे-धीरे और रूक रूककर बात करना। | |
85- चमक उठना |
अर्थ - उन्नत होना, समृद्ध होना, भाग्य खुलना। | |
86-चमड़ा उधेड़ना/चमड़ी उधेड़ना। |
अर्थ - चमड़ा खींचकर शरीर से अलग करना, बहुत अधिक मारना, पीटना, चमड़ी उधेड़ना। | |
87- चमड़ी मोटी होना। |
अर्थ - बेशर्म होना। | |
88- चरका देना। |
अर्थ - धोखा देना। | |
89- चरण चापना। |
अर्थ - सेवा करना। | |
90- चरण चूमना/चरण छूना। |
अर्थ - अत्यधिक सम्मान देना, पाँव छूकर प्रणाम करना। | |
91- चरबी चढ़ना। |
अर्थ - मोटा होना। | |
92- चल पड़ना |
अर्थ - रवाना होना। | |
93- चाँदी का जूता। |
अर्थ - रिश्वत,घूस। | |
94- चलता कर देना। |
अर्थ - टाल-मटोल कर या डाँट-डपटकर भगाना। | |
95- चरणामृत लेना। |
अर्थ - चरणामृत पीना, थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ पीना। | |
96- चरम बिंदु पर पहुँच जाना। |
अर्थ - बहुत अधिक बढ़ जाना। | |
97- चलते फिरते नज़र आना। |
अर्थ - नमूना पेशकर चलते बने, कहीं से जाना। | |
98- चलना। |
अर्थ - प्रचलन में होना, गतिशील रहना या होना। | |
99- चराना। |
अर्थ - बहकावा देना| उन जैसों को बहुत देखा है। हमें क्या चराएँगे वे? | |
100- चर्चा चलना। |
अर्थ - ज़िक्र छिड़ना। | |
101-चल देना। |
अर्थ - बिना कहे सुने या चुपके से कहीं से हट जाना,महाप्रयाण करना। | |
102- चलता करना। |
अर्थ - जल्दी-जल्दी या जैसे-तैसे करना। | |
103- चाँदी कर डालना। |
अर्थ - ख़ूब लाभ होना। |