"छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2": अवतरणों में अंतर
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छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2
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विवरण | 'छान्दोग्य उपनिषद' प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। नाम के अनुसार इस उपनिषद का आधार छन्द है। |
अध्याय | द्वितीय |
कुल खण्ड | 24 (चौबीस) |
सम्बंधित वेद | सामवेद |
संबंधित लेख | उपनिषद, वेद, वेदांग, वैदिक काल, संस्कृत साहित्य |
अन्य जानकारी | सामवेद की तलवकार शाखा में छान्दोग्य उपनिषद को मान्यता प्राप्त है। इसमें दस अध्याय हैं। इसके अन्तिम आठ अध्याय ही छान्दोग्य उपनिषद में लिये गये हैं। |
छान्दोग्य उपनिषद के दूसरे अध्याय में कुल 24 (चौबीस) खण्ड हैं। इस अध्याय में 'साम' को श्रेष्ठता से जोड़ते हुए विभिन्न प्रकार की उपासनाओं का वर्णन किया गया है।
खण्ड
इस अध्याय के 24 खण्डों में 'पंचविध' और 'सप्तविध' साम की उपासना प्रणालियों का वर्णन है, जो इस प्रकार हैं-
- पहला खण्ड
- दूसरा खण्ड
- तीसरा खण्ड
- चौथा खण्ड
- पांचवाँ खण्ड
- छठा खण्ड
- सातवाँ खण्ड
- आठवाँ खण्ड
- नौवाँ खण्ड
- दसवाँ खण्ड
- ग्यारहवाँ खण्ड
- बारहवाँ खण्ड
- तेरहवाँ खण्ड
- चौदहवाँ खण्ड
- पन्द्रहवाँ खण्ड
- सोलहवाँ खण्ड
- सत्रहवाँ खण्ड
- अठ्ठारहवाँ खण्ड
- उन्नीसवाँ खण्ड
- बीसवाँ खण्ड
- इक्कीसवाँ खण्ड
- बाईसवाँ खण्ड
- तेईसवाँ खण्ड
- चौबीसवाँ खण्ड
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1 |
खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 | खण्ड-4 | खण्ड-5 | खण्ड-6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 | खण्ड-10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 |
खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 | खण्ड-4 | खण्ड-5 | खण्ड-6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 | खण्ड-10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 | खण्ड-14 | खण्ड-15 | खण्ड-16 | खण्ड-17 | खण्ड-18 | खण्ड-19 | खण्ड-20 | खण्ड-21 | खण्ड-22 | खण्ड-23 | खण्ड-24 |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-3 |
खण्ड-1 से 5 | खण्ड-6 से 10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 से 19 |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-4 | |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-5 | |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-6 |
खण्ड-1 से 2 | खण्ड-3 से 4 | खण्ड-5 से 6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 से 13 | खण्ड-14 से 16 |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-7 | |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-8 |