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{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
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! colspan=2| प्रमुख तारीखें<br />[[1857]]
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|विवरण=वैलेंटाइन दिवस को संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है। प्यार के इस दिन को उन सभी के साथ मनाया जा सकता है, जिनसे हम प्रेम करते हैं, चाहें वो मम्मी-पापा भाई बहन दोस्त ही क्यों ना हो।
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|संबंधित लेख=[[शहीद दिवस (गाँधी जी)]], [[भारतीय क्रांति दिवस]], [[स्वतंत्रता दिवस]], [[गणतंत्र दिवस]]
| [[8 जून]] || बादली की सराय का युद्ध।, [[झांसी]] में नरसंहार।
|अन्य जानकारी=[[महात्मा गाँधी]] की याद में भी शहीद दिवस मनाया जाता है। [[30 जनवरी]] को सत्य और अहिंसा के पुजारी [[महात्मा गांधी]] की पुण्यतिथि पर ‘शहीद दिवस’ मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
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| [[11 जून]] || [[लखनऊ]] में पुलिस क्रांति।, [[इलाहाबाद]] में अफ़सर नील का आगमन।
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| [[27 जून]] || [[कानपुर]] में विनाश व हत्याएँ।
'''वैलेंटाइन दिवस''' हर साल [[14 फ़रवरी]] को मनाया जाता है। दुनिया के कई हिस्सों में इसे बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार प्यार का त्यौहार है, जिसे हर प्रेमी जोड़ा अपने ढंग से मनाता है। इस दिवस को संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है। इस दिन प्रेमी पति पत्नी एक-दूसरे को गिफ़्ट देते हैं। प्यार के इस दिन को उन सभी के साथ मनाया जा सकता है, जिनसे हम प्रेम करते हैं, चाहें वो मम्मी-पापा भाई बहन दोस्त ही क्यों ना हो। वैसे प्यार को सेलिब्रेट करने के लिए किसी खास मौके की जरुरत नहीं पढ़ती, जब चाहें लोग इसे मनाते हैं, लेकिन यह खास दिन उन सभी लोगों के लिए है, जो अपनी भाग दौड़ वाली ज़िन्दगी में अपने प्रियजनों को बताना भूल जाते हैं कि वो उनसे कितना प्यार करते हैं। प्रेमी जोड़े को एक-दूसरे का वैलेंटाइन कहा जाता है।<ref>{{cite web |url=http://www.deepawali.co.in/valentine-day-history-gift-idea-hindi/ |title=वैलेंटाइन डे का इतिहास गिफ़्ट आईडिया |accessmonthday= 14 फ़रवरी|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.deepawali.co.in |language=हिंदी }}</ref>
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==वैलेंटाइन का इतिहास==
| [[30 जून]] || लखनऊ रेजिडेन्सी को घेरा गया।
कहा जाता है कि [[रोम]] में तीसरी सदी में राजा क्लैडियस का शासन था। एस समय [[प्लेग]] से एक-दिन में 5000 लोगों की मौत हो गई। काफी संख्या में लोगों के मारे जाने के कारण रोमन सेना सैनिकों की कमी से जूझने लगी। राजा को और सैनिकों की ज़रुरत महसूस होने लगी। क्लैडियस का मानना था कि अविवाहित पुरुष अच्छे तरह से लड़ सकता है, इसलिए उसने सेना में पंरपरागत [[विवाह]] पर रोक लगा दी। उस वक्त रोम में संत वैलेंटाइन पादरी थे या मध्य इटली के टेरनी में बिशप थे। वह रोमन राजा क्लैडियस के आदेश के ख़िलाफ़ थे। उन्होंने गुप्त रूप से सैनिकों का विवाह कराना शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी जब राजा को हुई तो उसने उनकी मौत का फरमान सुना दिया।
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| [[1 जुलाई]] || [[इंदौर]] में क्रांति।
संत वैलेंटाइन को गिरफ़्तार कर लिया गया। जब उनको मौत दी जानी थी। उससे पहले जेलर ऑस्टेरियस ने उनसे अपनी नेत्रहीन बेटी के लिए प्रार्थना करने को कहा। संत वैलेंटाइन के प्रार्थना करने से ऐसा चमत्कार हुआ कि उसकी बेटी की आंखों की रोशनी आ गई और वह देखने लगी। इससे प्रभावित होकर जेलर ने [[ईसाई धर्म]] अपना लिया। [[14 फ़रवरी]] 269 ई. में संत वैलेंटाइन को मौत के घाट उतार दिया गया। फिर 496 ई. में पोप ग्लेसियस ने 14 फ़रवरी को सेंट 'वैलेंटाइन्स डे' घोषित कर दिया। समाज के लोगों के बीच आपसी प्यार व सद्भाव की कामना से शुरू हुआ वैलेंटाइन अब मुख्य रूप से प्रेमी जोड़ों के प्यार के त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा है। [[भारत]] में भी बीते दो दशकों से वैलेंटाइन डे मनाने का प्रचलन काफी बढ़ गया है। भारतीय युवा वैलेनटाइन डे को धूमधाम से मनाने लगे हैं। युवा जोड़े एक-दूसरे को वैलेनटाइन कार्ड से लेकर तरह-तरह के महंगे उपहार देने लगे।<ref>{{cite web |url=http://http://zeenews.india.com/hindi/india/valentines-day-expression-of-love-know-why-it-is-being-celebrated/318672/ |title=वैलेंटाइन डे: प्यार के इजहार का है ये दिन, जानिये इसे क्‍यों मनाया जाता है |accessmonthday= 14 फ़रवरी|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=zeenews.india.com |language=हिंदी }}</ref>
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==स्थान==
| [[2 जुलाई]] || [[बख़्त ख़ान]] का [[दिल्ली]] आगमन।
[[14 फ़रवरी]] को मनाया जाने वाला यह दिन विभिन्न देशों में अलग-अलग तरह से और अलग-अलग विश्वास के साथ मनाया जाता है। पश्चिमी देशों में तो इस दिन की रौनक अपने शबाब पर ही होती है, मगर पूर्वी देशों में भी इस दिन मनाने का अपना-अपना अंदाज होता है। जहां चीन में यह दिन 'नाइट्स ऑफ सेवेन्स' प्यार में डूबे दिलों के लिए खास होता है, वहीं जापान व कोरिया में इस पर्व को 'वाइट डे' का नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं इन देशों में इस दिन से पूरे एक महीने तक लोग अपने प्यार का इज़हार करते हैं और एक-दूसरे को तोहफे व फूल देकर अपनी भावनाओं का इज़हार करते हैं।
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| [[4 जुलाई]] || [[लखनऊ]] में सर हेनरी लोरेन्स की मृत्यु।
 
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| [[5 जुलाई]] || जनरल बर्नार्ड की मृत्यु।
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
| [[7 जुलाई]] || हेवलोक की सेना का कानपुर से निकल जाना।
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==बाहरी कड़ियाँ==
| [[11 जुलाई]] || [[अलवर]] में विद्रोह।
==संबंधित लेख==
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{{राष्ट्रीय दिवस}}
| [[16 जुलाई]] || [[कानपुर]] की प्रथम लड़ाई में [[नाना साहब]] की हार।
[[Category:राष्ट्रीय दिवस]][[Category:महत्त्वपूर्ण दिवस]][[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
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__INDEX__
| [[5 अगस्त]] || बशीरतगंज पर हेवलोक की जीत।
__NOTOC__
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| [[9 अगस्त]] || अजमेर जेल में विद्रोह।
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| [[13 अगस्त]] || [[कानपुर]] से हेवलोक की रवानगी।
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| [[14 अगस्त]] || जॉॅन निकोलसन का [[दिल्ली]] आगमन।
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| [[16 अगस्त]] || बिठुर में हेवलोक की विजय।
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| [[21 अगस्त]] || एरिनपुरा में विद्रोह।
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| [[5 सितम्बर]] || जेम्स आउट्रम का [[कानपुर]] में आगमन।
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| [[8 सितम्बर]] || जोधपुर लीजियन में विद्रोह।
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| [[14 सितम्बर]] || [[दिल्ली]] पर आक्रमण।
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| [[19 सितम्बर ]] || हेवलोक व आउट्रम का लखनऊ की ओर कूच।
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| [[20 सितम्बर]] || [[दिल्ली]] पर [[ब्रिटिश सरकार]] का अधिकार।
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| [[21 सितम्बर]] || विलयम हडसन ने [[दिल्ली]] के राजा को कैद किया।
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| [[22 सितम्बर]] || हडसन द्वारा [[दिल्ली]] के राजकुमारों की मौत।
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| [[अक्टूबर]] || धौलपुर राज्य में विद्रोह।
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| [[10 अक्टूबर]] || [[आगरा]] के क्रांतिकारियों की पराजय।
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| [[15 अक्टूबर]] || [[कोटा]] में विद्रोह।
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| [[19 नवम्बर]] || [[लखनऊ]] से औरतों व बच्चों को हटाया गया।
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| [[22 नवम्बर]] || [[लखनऊ]] से ब्रिटिश सरकार का हटना।
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| [[28 नवम्बर]] || हेवलोक की मृत्यु।
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| [[28 नवम्बर]] || [[कानपुर]] के द्वितीय आंदोलन में अफ़सर विंढ़म की हार।
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| [[6 दिसम्बर]] || [[कानपुर]] के तीसरे युद्ध में [[तात्या टोपे]] की हार।
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! colspan=2|[[1858]]
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| [[1858]] || [[राजपूताना|राजपूताने]] के सिक्कों पर [[महारानी विक्टोरिया]] का नाम शुरू।
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| [[6 जनवरी]] || फ़तेहगढ़ पर कैम्पबेल का फिर से अधिकार।
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| [[2 मार्च]] || कैम्पबेल का [[लखनऊ]] लौटना।
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| [[21 मार्च]] || [[लखनऊ]] से अंतिम क्रांति को मिटाना।
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| [[3 अप्रैल]] || [[झांसी]] पर [[ब्रिटिश सरकार]] का अधिकार।
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| [[15 अप्रैल]] || रू ईया में ब्रिटिश अफ़सर वालपोल की हार।
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| [[23 अप्रैल]] || कालपी में ब्रितानी अफ़सर रोज का प्रवेश।
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| [[5 मई]] || [[बरेली]] में कैम्पबेल की जीत।
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| [[5 जून]] || मौलवी अहमद शाह की मृत्यु।
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| [[17 जून]] || [[झांसी]] की रानी [[रानी लक्ष्मीबाई|लक्ष्मी बाई]] की मृत्यु।
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| [[19 जून]] || [[ग्वालियर]] का युद्ध।
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! colspan=2|[[1859]]
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| [[29 मार्च]] || [[बहादुरशाह]] का रोष।
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| [[18 अप्रैल]] || तात्या टोपे की मृत्यु।
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12:58, 14 फ़रवरी 2017 का अवतरण

रिंकू
विवरण वैलेंटाइन दिवस को संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है। प्यार के इस दिन को उन सभी के साथ मनाया जा सकता है, जिनसे हम प्रेम करते हैं, चाहें वो मम्मी-पापा भाई बहन दोस्त ही क्यों ना हो।
अन्य नाम संत वैलेंटाइन दिवस
तिथि 14 फ़रवरी
संत वैलेंटाइन दिवस संत वैलेंटाइन
उत्पत्ति रोम
संबंधित लेख शहीद दिवस (गाँधी जी), भारतीय क्रांति दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस
अन्य जानकारी महात्मा गाँधी की याद में भी शहीद दिवस मनाया जाता है। 30 जनवरी को सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर ‘शहीद दिवस’ मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

वैलेंटाइन दिवस हर साल 14 फ़रवरी को मनाया जाता है। दुनिया के कई हिस्सों में इसे बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार प्यार का त्यौहार है, जिसे हर प्रेमी जोड़ा अपने ढंग से मनाता है। इस दिवस को संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है। इस दिन प्रेमी पति पत्नी एक-दूसरे को गिफ़्ट देते हैं। प्यार के इस दिन को उन सभी के साथ मनाया जा सकता है, जिनसे हम प्रेम करते हैं, चाहें वो मम्मी-पापा भाई बहन दोस्त ही क्यों ना हो। वैसे प्यार को सेलिब्रेट करने के लिए किसी खास मौके की जरुरत नहीं पढ़ती, जब चाहें लोग इसे मनाते हैं, लेकिन यह खास दिन उन सभी लोगों के लिए है, जो अपनी भाग दौड़ वाली ज़िन्दगी में अपने प्रियजनों को बताना भूल जाते हैं कि वो उनसे कितना प्यार करते हैं। प्रेमी जोड़े को एक-दूसरे का वैलेंटाइन कहा जाता है।[1]

वैलेंटाइन का इतिहास

कहा जाता है कि रोम में तीसरी सदी में राजा क्लैडियस का शासन था। एस समय प्लेग से एक-दिन में 5000 लोगों की मौत हो गई। काफी संख्या में लोगों के मारे जाने के कारण रोमन सेना सैनिकों की कमी से जूझने लगी। राजा को और सैनिकों की ज़रुरत महसूस होने लगी। क्लैडियस का मानना था कि अविवाहित पुरुष अच्छे तरह से लड़ सकता है, इसलिए उसने सेना में पंरपरागत विवाह पर रोक लगा दी। उस वक्त रोम में संत वैलेंटाइन पादरी थे या मध्य इटली के टेरनी में बिशप थे। वह रोमन राजा क्लैडियस के आदेश के ख़िलाफ़ थे। उन्होंने गुप्त रूप से सैनिकों का विवाह कराना शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी जब राजा को हुई तो उसने उनकी मौत का फरमान सुना दिया।

संत वैलेंटाइन को गिरफ़्तार कर लिया गया। जब उनको मौत दी जानी थी। उससे पहले जेलर ऑस्टेरियस ने उनसे अपनी नेत्रहीन बेटी के लिए प्रार्थना करने को कहा। संत वैलेंटाइन के प्रार्थना करने से ऐसा चमत्कार हुआ कि उसकी बेटी की आंखों की रोशनी आ गई और वह देखने लगी। इससे प्रभावित होकर जेलर ने ईसाई धर्म अपना लिया। 14 फ़रवरी 269 ई. में संत वैलेंटाइन को मौत के घाट उतार दिया गया। फिर 496 ई. में पोप ग्लेसियस ने 14 फ़रवरी को सेंट 'वैलेंटाइन्स डे' घोषित कर दिया। समाज के लोगों के बीच आपसी प्यार व सद्भाव की कामना से शुरू हुआ वैलेंटाइन अब मुख्य रूप से प्रेमी जोड़ों के प्यार के त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा है। भारत में भी बीते दो दशकों से वैलेंटाइन डे मनाने का प्रचलन काफी बढ़ गया है। भारतीय युवा वैलेनटाइन डे को धूमधाम से मनाने लगे हैं। युवा जोड़े एक-दूसरे को वैलेनटाइन कार्ड से लेकर तरह-तरह के महंगे उपहार देने लगे।[2]

स्थान

14 फ़रवरी को मनाया जाने वाला यह दिन विभिन्न देशों में अलग-अलग तरह से और अलग-अलग विश्वास के साथ मनाया जाता है। पश्चिमी देशों में तो इस दिन की रौनक अपने शबाब पर ही होती है, मगर पूर्वी देशों में भी इस दिन मनाने का अपना-अपना अंदाज होता है। जहां चीन में यह दिन 'नाइट्स ऑफ सेवेन्स' प्यार में डूबे दिलों के लिए खास होता है, वहीं जापान व कोरिया में इस पर्व को 'वाइट डे' का नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं इन देशों में इस दिन से पूरे एक महीने तक लोग अपने प्यार का इज़हार करते हैं और एक-दूसरे को तोहफे व फूल देकर अपनी भावनाओं का इज़हार करते हैं।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वैलेंटाइन डे का इतिहास गिफ़्ट आईडिया (हिंदी) www.deepawali.co.in। अभिगमन तिथि: 14 फ़रवरी, 2017।
  2. वैलेंटाइन डे: प्यार के इजहार का है ये दिन, जानिये इसे क्‍यों मनाया जाता है (हिंदी) zeenews.india.com। अभिगमन तिथि: 14 फ़रवरी, 2017।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख