"मौसमी चटर्जी का जीवन परिचय": अवतरणों में अंतर
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मौसमी चटर्जी ने अपने अभिनय जीवन की शुरूआत साल [[1967]] में प्रदर्शित बंगला फिल्म ‘बालिका वधु’ से की। उनकी यह फिल्म टिकट खिडक़ी पर सुपरहिट साबित हुई। उस समय मौसमी की उम्र केवल 14 साल थी, लेकिन उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा। इस फिल्म के निर्देशक तरुण मजूमदार ने कहा कि इंदिरा से ज्यादा उन पर मौसमी नाम सूट करेगा और इस तरह मौसमी चटर्जी फिल्मी दुनिया में आ गई और चौदह साल की उम्र में इंदिरा बालिका वधु बन गईं। इस दौरान पांचवीं कक्षा में पढ़ती थीं इंदिरा चटर्जी। | मौसमी चटर्जी ने अपने अभिनय जीवन की शुरूआत साल [[1967]] में प्रदर्शित बंगला फिल्म ‘बालिका वधु’ से की। उनकी यह फिल्म टिकट खिडक़ी पर सुपरहिट साबित हुई। उस समय मौसमी की उम्र केवल 14 साल थी, लेकिन उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा। इस फिल्म के निर्देशक तरुण मजूमदार ने कहा कि इंदिरा से ज्यादा उन पर मौसमी नाम सूट करेगा और इस तरह मौसमी चटर्जी फिल्मी दुनिया में आ गई और चौदह साल की उम्र में इंदिरा बालिका वधु बन गईं। इस दौरान पांचवीं कक्षा में पढ़ती थीं इंदिरा चटर्जी। | ||
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मौसमी जितनी कम उम्र में परदे पर आई, उतनी ही कम उम्र में उनका विवाह भी हो गया था। उस समय के प्रसिद्ध गायक [[हेमंत कुमार]] ने अपने बेटे जयंत के लिए मौसमी का हाथ मांगा। विवाह समारोह और [[मुंबई]] में आयोजित पार्टी में फिल्मों के काफी लोग जुटे थे। सभी को उस [[अभिनेत्री]] को देखने की उत्सुकता थी, जिन्होंने अपनी पहली ही फिल्म के जरिए पूरे [[बंगाल]] का दिल जीत लिया था। उनकी दो बेटियां हैं जिनके नाम पायल और मेघा हैं। उन्होंने अपना फ़िल्मी सफ़र शादी के बाद शुरू किया था जो कि उस समय बड़ी ही अनोखी बात थी।<br /> | |||
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मौसमी ने अपने पैसे से मर्सिडीज कार भी खरीदी थी। 18 साल की उम्र में एक बेटी की मां बन गई थी। डॉक्टर ने उनसे कहा था कि मेरे नर्सिंग होम में पहली बार एक बेबी ने बेबी को जन्म दिया। सभी ने उस समय उनको माँ न बनने की नसीहत दी थी। सबको लगता था कि वे अपने करियर को लेकर गंभीर नहीं हैं, उन्होंने भी कई निर्माताओं को पैसा लौटा दिया था। उन्हें भी लगा कि यही सेटेल होने का समय है। फिर एक के बाद एक फिल्में आती गईं और उन्होंने वापसी की। | |||
12:16, 23 जून 2017 का अवतरण
मौसमी चटर्जी का जीवन परिचय
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पूरा नाम | मौसमी चटर्जी |
जन्म | 26 अप्रैल, 1953 |
जन्म भूमि | कोलकाता |
पति/पत्नी | जयंत मुखर्जी |
कर्म-क्षेत्र | अभिनेत्री |
मुख्य फ़िल्में | 'अनुराग', 'रोटी कपड़ा और मकान', 'अंगूर' |
पुरस्कार-उपाधि | फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (दो बार), |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | शक्ति सामंत के निर्देशन में बनी फिल्म ‘अनुराग’ में मौसमी चटर्जी ने अंधी लडक़ी का किरदार निभाया था। |
अद्यतन | 17:41, 22 जून 2017 (IST)
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मौसमी चटर्जी हिन्दी फ़िल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। इनका जन्म 26 अप्रैल 1953 को कोलकाता में हुआ और वे वहीं पली बढ़ी। हिन्दी सिनेमा की कई बेहतरीन फिल्में जैसे 'अंगूर', 'मंजिल' और 'रोटी कपड़ा और मकान' अभिनेत्री मौसमी चटर्जी के नाम हैं। मौसमी ने राजेश खन्ना, शशि कपूर, जीतेंद्र, संजीव कुमार, विनोद मेहरा और अमिताभ बच्चन जैसे, उस समय के दिग्गज कलाकारों के साथ काम भी किया है।[1]
जीवन परिचय
मौसमी चटर्जी ने अपने अभिनय जीवन की शुरूआत साल 1967 में प्रदर्शित बंगला फिल्म ‘बालिका वधु’ से की। उनकी यह फिल्म टिकट खिडक़ी पर सुपरहिट साबित हुई। उस समय मौसमी की उम्र केवल 14 साल थी, लेकिन उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा। इस फिल्म के निर्देशक तरुण मजूमदार ने कहा कि इंदिरा से ज्यादा उन पर मौसमी नाम सूट करेगा और इस तरह मौसमी चटर्जी फिल्मी दुनिया में आ गई और चौदह साल की उम्र में इंदिरा बालिका वधु बन गईं। इस दौरान पांचवीं कक्षा में पढ़ती थीं इंदिरा चटर्जी।
विवाह
मौसमी जितनी कम उम्र में परदे पर आई, उतनी ही कम उम्र में उनका विवाह भी हो गया था। उस समय के प्रसिद्ध गायक हेमंत कुमार ने अपने बेटे जयंत के लिए मौसमी का हाथ मांगा। विवाह समारोह और मुंबई में आयोजित पार्टी में फिल्मों के काफी लोग जुटे थे। सभी को उस अभिनेत्री को देखने की उत्सुकता थी, जिन्होंने अपनी पहली ही फिल्म के जरिए पूरे बंगाल का दिल जीत लिया था। उनकी दो बेटियां हैं जिनके नाम पायल और मेघा हैं। उन्होंने अपना फ़िल्मी सफ़र शादी के बाद शुरू किया था जो कि उस समय बड़ी ही अनोखी बात थी।
- कम उम्र में माँ बनी
मौसमी ने अपने पैसे से मर्सिडीज कार भी खरीदी थी। 18 साल की उम्र में एक बेटी की मां बन गई थी। डॉक्टर ने उनसे कहा था कि मेरे नर्सिंग होम में पहली बार एक बेबी ने बेबी को जन्म दिया। सभी ने उस समय उनको माँ न बनने की नसीहत दी थी। सबको लगता था कि वे अपने करियर को लेकर गंभीर नहीं हैं, उन्होंने भी कई निर्माताओं को पैसा लौटा दिया था। उन्हें भी लगा कि यही सेटेल होने का समय है। फिर एक के बाद एक फिल्में आती गईं और उन्होंने वापसी की।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि: अमान्य
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नामक संदर्भ की जानकारी नहीं है
बाहरी कड़ियाँ
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