नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) ('{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=तालजंघ|लेख का नाम=तालज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - " महान " to " महान् ") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=तालजंघ|लेख का नाम=तालजंघ (बहुविकल्पी)}} | {{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=तालजंघ|लेख का नाम=तालजंघ (बहुविकल्पी)}} | ||
'''तालजंघ''' [[हिन्दू]] पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] के अनुसार एक ब्रह्मद्रोही दानव था, [[महाभारत वन पर्व]] के अनुसार माननीय [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] का सम्मान न करने के कारण ही | '''तालजंघ''' [[हिन्दू]] पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] के अनुसार एक ब्रह्मद्रोही दानव था, [[महाभारत वन पर्व]] के अनुसार माननीय [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] का सम्मान न करने के कारण ही महान् [[असुर]] [[वातापि |वातापि]] और उसी प्रकार तालजंघ ब्रह्मदण्ड से मारे गये थे।<ref>महाभारत वन पर्व 303.1-17</ref> | ||
14:15, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
![]() |
एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- तालजंघ (बहुविकल्पी) |
तालजंघ हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत के अनुसार एक ब्रह्मद्रोही दानव था, महाभारत वन पर्व के अनुसार माननीय ब्राह्मणों का सम्मान न करने के कारण ही महान् असुर वातापि और उसी प्रकार तालजंघ ब्रह्मदण्ड से मारे गये थे।[1]
इन्हें भी देखें: महाभारत, वातापि एवं महाभारत वन पर्व
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 52 |
- ↑ महाभारत वन पर्व 303.1-17
संबंधित लेख