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'''राम मोहन''' जगदीश सेठी द्वारा निर्देशित फ़िल्म 'इंसान' में पहली बार एक अच्छी भूमिका मिली। इसके | '''राम मोहन''' को जगदीश सेठी द्वारा निर्देशित फ़िल्म 'इंसान' में पहली बार एक अच्छी भूमिका मिली। इसके अलावा राम मोहन ने 'मिर्ज़ा ग़ालिब', 'तारा', 'शतरंज', 'संसार', 'बहादुर शाह ज़फ़र', 'ये दिल्ली है' और 'महाभारत' जैसे 15 टेलिविज़न धारावाहिकों में [[अभिनय]] किया। | ||
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राम मोहन की फ़िल्म 'जग्गू' की कामयाबी के बाद उनके रास्ते आसान हो गये। अगले कुछ सालों में उन्होंने 'श्री चैतन्य महाप्रभु' (1953), 'पेंशनर' (1954), 'होटल', 'लाल-ए-यमन' (दोनों 1956), 'देवर भाभी', 'मिस 58', 'नाईट क्लब', 'राजसिंहासन' (सभी 1958), 'भगवान और शैतान', 'चाचा ज़िंदाबा', 'दो बहनें', 'टीपू सुल्तान' (सभी 1959), 'अंगुलिमाल', 'बहादुर लुटेरा', 'चोरों की बारात', 'काला आदमी' और 'मिस्टर सुपरमैन की वापसी' (सभी 1960) जैसी फ़िल्मों में अहम भूमिकाएं निभायीं।<ref>{{cite web |url=http://beetehuedin.blogspot.in/2013/04/dhanno-ki-aankhon-me-pyar-ka-surma.html |title=Ram Mohan |accessmonthday=30 जून |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=beetehuedin.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref> | राम मोहन की फ़िल्म 'जग्गू' की कामयाबी के बाद उनके रास्ते आसान हो गये। अगले कुछ सालों में उन्होंने 'श्री चैतन्य महाप्रभु' (1953), 'पेंशनर' (1954), 'होटल', 'लाल-ए-यमन' (दोनों 1956), 'देवर भाभी', 'मिस 58', 'नाईट क्लब', 'राजसिंहासन' (सभी 1958), 'भगवान और शैतान', 'चाचा ज़िंदाबा', 'दो बहनें', 'टीपू सुल्तान' (सभी 1959), 'अंगुलिमाल', 'बहादुर लुटेरा', 'चोरों की बारात', 'काला आदमी' और 'मिस्टर सुपरमैन की वापसी' (सभी 1960) जैसी फ़िल्मों में अहम भूमिकाएं निभायीं।<ref>{{cite web |url=http://beetehuedin.blogspot.in/2013/04/dhanno-ki-aankhon-me-pyar-ka-surma.html |title=Ram Mohan |accessmonthday=30 जून |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=beetehuedin.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref> |
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राम मोहन की प्रमुख फ़िल्में
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पूरा नाम | राम मोहन |
जन्म | 2 नवंबर, 1929 |
जन्म भूमि | अंबाला |
मृत्यु | 6 दिसम्बर, 2015 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई |
अभिभावक | पिता- डॉक्टर साधुराम शर्मा और माता- योगमाया शर्मा |
संतान | तीन पुत्र और एक पुत्री |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | सिनेमा जगत |
मुख्य फ़िल्में | 'हरियाली और रास्ता', 'मेरे हुज़ूर', 'तक़दीर', 'शोर', 'किताब', 'जियो तो ऐसे जियो', 'अंगूर', 'सावन को आने दो', 'शान', 'नदिया के पार', 'बंटवारा', 'ग़ुलामी', 'रंगीला' और 'कोयला' |
शिक्षा | बी. ए. |
विद्यालय | जी. एम. एन. कॉलेज, अंबाला |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | राम मोहन 4 साल 'सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन' के उपाध्यक्ष और 6 साल महासचिव पद पर रहे तथा इसके अलावा वो सिनेमा से जुड़े लोगों के हित में कार्यरत विभिन्न एसोसिएशनों में भी सक्रिय रहते थे। |
अद्यतन | 16:54, 30 जून 2017 (IST)
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राम मोहन को जगदीश सेठी द्वारा निर्देशित फ़िल्म 'इंसान' में पहली बार एक अच्छी भूमिका मिली। इसके अलावा राम मोहन ने 'मिर्ज़ा ग़ालिब', 'तारा', 'शतरंज', 'संसार', 'बहादुर शाह ज़फ़र', 'ये दिल्ली है' और 'महाभारत' जैसे 15 टेलिविज़न धारावाहिकों में अभिनय किया।
प्रमुख फ़िल्में
राम मोहन की फ़िल्म 'जग्गू' की कामयाबी के बाद उनके रास्ते आसान हो गये। अगले कुछ सालों में उन्होंने 'श्री चैतन्य महाप्रभु' (1953), 'पेंशनर' (1954), 'होटल', 'लाल-ए-यमन' (दोनों 1956), 'देवर भाभी', 'मिस 58', 'नाईट क्लब', 'राजसिंहासन' (सभी 1958), 'भगवान और शैतान', 'चाचा ज़िंदाबा', 'दो बहनें', 'टीपू सुल्तान' (सभी 1959), 'अंगुलिमाल', 'बहादुर लुटेरा', 'चोरों की बारात', 'काला आदमी' और 'मिस्टर सुपरमैन की वापसी' (सभी 1960) जैसी फ़िल्मों में अहम भूमिकाएं निभायीं।[1]
- खलनायक के रूप में
राम मोहन को नायक या सहनायक के रूप में ज़्यादा मौक़े नहीं मिल पाए, लेकिन बहुत जल्द वो खलनायक और आगे चलकर चरित्र अभिनेता के तौर पर पहचाने जाने लगे। 60 सालों के अपने कॅरियर के दौरान राम मोहन ने 'हरियाली और रास्ता', 'मेरे हुज़ूर', 'तक़दीर', 'शोर', 'किताब', 'जियो तो ऐसे जियो', 'अंगूर', 'सावन को आने दो', 'शान', 'नदिया के पार', 'बंटवारा', 'ग़ुलामी', 'रंगीला' और 'कोयला' सहित क़रीब 240 फ़िल्मों में अभिनय किया।
क्र. सं. | फ़िल्म | वर्ष |
---|---|---|
1 | श्री चैतन्य महाप्रभु | 1953 |
2 | पेंशनर | 1954 |
3 | होटल | 1956 |
4 | लाल-ए-यमन | 1956 |
5 | देवर भाभी | 1958 |
6 | मिस 58 | 1958 |
7 | नाईट क्लब | 1958 |
8 | राजसिंहासन | 1958 |
9 | भगवान और शैतान | 1959 |
10 | चाचा ज़िंदाबा | 1959 |
11 | दो बहनें | 1959 |
12 | टीपू सुल्तान | 1959 |
13 | अंगुलिमाल | 1960 |
14 | बहादुर लुटेरा | 1960 |
15 | चोरों की बारात | 1960 |
16 | काला आदमी | 1960 |
17 | मिस्टर सुपरमैन की वापसी | 1960 |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख