"ऐ शरीफ़ इन्सानो -साहिर लुधियानवी": अवतरणों में अंतर
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टैंक आगे बढे की पीछे हटे, | टैंक आगे बढे की पीछे हटे, | ||
कोख धरतीकी बौझ होती है ! | कोख धरतीकी बौझ होती है ! | ||
फ़तह का जश्न हो की हारका सोग, | |||
ज़िंदगी मय्यतोंपे रोंती है ! | ज़िंदगी मय्यतोंपे रोंती है ! | ||
12:10, 5 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
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खून आपना हो या पराया हो |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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