"रामनाथ कोविंद का राजनीतिक जीवन": अवतरणों में अंतर
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[[जून]], [[1975]] में [[आपातकाल]] के बाद [[भारतीय जनता पार्टी|जनता पार्टी]] की सरकार बनने पर | [[भारत]] के 14वें राष्ट्रपति [[रामनाथ कोविंद]] [[जून]], [[1975]] में [[आपातकाल]] के बाद [[भारतीय जनता पार्टी|जनता पार्टी]] की सरकार बनने पर वित्तमंत्री [[मोरारजी देसाई]] के निजी सचिव रहे थे। जनता पार्टी की सरकार में [[उच्चतम न्यायालय]] के जूनियर काउंसलर के पद पर कार्य किया। वर्ष [[1977]] में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वह तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] मोरारजी देसाई के निजी सचिव बने। इसके बाद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए। वर्ष [[1991]] में रामनाथ कोविंद [[भारतीय जनता पार्टी]] में सम्मिलित हो गये थे। [[1994]] में वे उत्तर प्रदेश राज्य से [[राज्य सभा]] के लिये निर्वाचित हुए। फिर वर्ष [[2000]] में पुनः उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार बारह वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वे दो बार 'भाजपा अनुसूचित मोर्चा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा [[उत्तर प्रदेश]] के महामंत्री रह चुके हैं। | ||
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रामनाथ कोविंद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। [[8 अगस्त]], [[2015]] को रामनाथ कोविंद की [[बिहार]] के [[राज्यपाल]] के पद पर नियुक्ति हुई। केंद्र में [[नरेंद्र मोदी]] की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद [[उत्तर प्रदेश के राज्यपाल|उत्तर प्रदेश से राज्यपाल]] बनने वाले तीसरे व्यक्ति हैं। | रामनाथ कोविंद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। [[8 अगस्त]], [[2015]] को रामनाथ कोविंद की [[बिहार]] के [[राज्यपाल]] के पद पर नियुक्ति हुई। केंद्र में [[नरेंद्र मोदी]] की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद [[उत्तर प्रदेश के राज्यपाल|उत्तर प्रदेश से राज्यपाल]] बनने वाले तीसरे व्यक्ति हैं। | ||
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[[रामनाथ कोविंद]] स्वयंसेवक हैं। भाजपा के पुराने नेता हैं। संघ और भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं। सांसद रहे हैं। एस.सी.एस.टी. प्रकोष्ठ के प्रमुख का दायित्व भी उन्होंने निभाया है और संगठन की मुख्यधारा की ज़िम्मेदारियां भी कुशलतापूर्वक निभाई हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता के तौर पर रामनाथ कोविंद का एक अच्छा खासा अनुभव है। सरकारी वकील भी रहे हैं। [[राष्ट्रपति]] पद के लिए जिस तरह की मूलभूत आवश्यकताएं समझी जाती हैं, वह उनमें हैं और मृदुभाषी भी हैं। कम बोलना और शांति के साथ काम करना रामनाथ कोविंद की [[शैली]] है।<ref>{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/story/nda-president-candidate-ramnath-kovind-reach-delhi-live-updates-1-936332.html |title=रामनाथ गोविंद, राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक |accessmonthday=20 जून|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=aajtak.intoday.in |language=हिन्दी }}</ref> | [[रामनाथ कोविंद]] स्वयंसेवक हैं। भाजपा के पुराने नेता हैं। संघ और भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं। सांसद रहे हैं। एस.सी.एस.टी. प्रकोष्ठ के प्रमुख का दायित्व भी उन्होंने निभाया है और संगठन की मुख्यधारा की ज़िम्मेदारियां भी कुशलतापूर्वक निभाई हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता के तौर पर रामनाथ कोविंद का एक अच्छा खासा अनुभव है। सरकारी वकील भी रहे हैं। [[राष्ट्रपति]] पद के लिए जिस तरह की मूलभूत आवश्यकताएं समझी जाती हैं, वह उनमें हैं और मृदुभाषी भी हैं। कम बोलना और शांति के साथ काम करना रामनाथ कोविंद की [[शैली]] है।<ref>{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/story/nda-president-candidate-ramnath-kovind-reach-delhi-live-updates-1-936332.html |title=रामनाथ गोविंद, राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक |accessmonthday=20 जून|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=aajtak.intoday.in |language=हिन्दी }}</ref> | ||
==देश के राष्ट्रपति== | ==देश के राष्ट्रपति== | ||
रामनाथ कोविंद एन.डी.ए. द्वारा [[19 जून]], [[2017]] को [[भारत के राष्ट्रपति]] पद हेतु उम्मीदवार घोषित किये गए थे। [[भारतीय जनता पार्टी]] के राष्ट्रीय अध्यक्ष [[अमित शाह]] ने प्रेस कांफ्रेंस करके उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। कोविंद [[20 जुलाई]], 2017 को देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार [[मीरा कुमार]] को तीन लाख से ज़्यादा मतों से हराया। कोविंद ने 702044 यानि कुल 65.66% मत हासिल किए। विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को 367314 यानि 34.35% मत मिले। | रामनाथ कोविंद एन.डी.ए. द्वारा [[19 जून]], [[2017]] को [[भारत के राष्ट्रपति]] पद हेतु उम्मीदवार घोषित किये गए थे। [[भारतीय जनता पार्टी]] के राष्ट्रीय अध्यक्ष [[अमित शाह]] ने प्रेस कांफ्रेंस करके उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। कोविंद [[20 जुलाई]], 2017 को देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार [[मीरा कुमार]] को तीन लाख से ज़्यादा मतों से हराया। कोविंद ने 702044 यानि कुल 65.66% मत हासिल किए। विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को 367314 यानि 34.35% मत मिले। जीत के लिए 534680 वोट चाहिए होते हैं। रामनाथ कोविंद को कई विपक्षी पार्टियों के मत भी मिले। उन्होंने जीत के बाद कहा कि- "उनके लिए यह भावुक कर देने वाला पल है। देश के [[प्रधानमंत्री]] [[नरेंद्र मोदी]] सहित कई नेताओं ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दी। [[25 जुलाई]], [[2017]] को राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]] का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद रामनाथ कोविंद ने देश के राष्ट्रपति पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया। | ||
==महत्त्वपूर्ण तथ्य== | ==महत्त्वपूर्ण तथ्य== | ||
*[[रामनाथ कोविंद]] [[उत्तर प्रदेश]] से [[भाजपा]] के दलित नेता हैं। | *[[रामनाथ कोविंद]] [[उत्तर प्रदेश]] से [[भाजपा]] के दलित नेता हैं। |
10:28, 25 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
रामनाथ कोविंद का राजनीतिक जीवन
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पूरा नाम | रामनाथ कोविंद |
जन्म | 1 अक्टूबर, 1945 |
जन्म भूमि | परौंख गांव, कानपुर देहात ज़िला, उत्तर प्रदेश |
अभिभावक | पिता- मैकू लाल, माता- कलावती |
पति/पत्नी | सविता कोविंद |
संतान | दो- प्रशांत और स्वाति |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
कार्य काल | भारत के राष्ट्रपति - 25 जुलाई, 2017 से 25 जुलाई, 2022 |
शिक्षा | वकालत की उपाधि |
विशेष | रामनाथ कोविंद हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित संस्था 'दिव्य प्रेम सेवा मिशन' के आजीवन संरक्षक हैं। |
अन्य जानकारी | रामनाथ कोविंद वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव बने थे। इसके बाद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए। |
अद्यतन | 12:03, 23 जुलाई 2022 (IST)
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भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जून, 1975 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनने पर वित्तमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव रहे थे। जनता पार्टी की सरकार में उच्चतम न्यायालय के जूनियर काउंसलर के पद पर कार्य किया। वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव बने। इसके बाद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए। वर्ष 1991 में रामनाथ कोविंद भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये थे। 1994 में वे उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिये निर्वाचित हुए। फिर वर्ष 2000 में पुनः उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार बारह वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वे दो बार 'भाजपा अनुसूचित मोर्चा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा उत्तर प्रदेश के महामंत्री रह चुके हैं।
राज्यपाल
रामनाथ कोविंद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। 8 अगस्त, 2015 को रामनाथ कोविंद की बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यपाल बनने वाले तीसरे व्यक्ति हैं।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार
श्री रामनाथ कोविंद का नाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 19 जून, 2017 को एन.डी.ए. के सर्वसम्मत राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में घोषित किया।
रामनाथ कोविंद स्वयंसेवक हैं। भाजपा के पुराने नेता हैं। संघ और भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं। सांसद रहे हैं। एस.सी.एस.टी. प्रकोष्ठ के प्रमुख का दायित्व भी उन्होंने निभाया है और संगठन की मुख्यधारा की ज़िम्मेदारियां भी कुशलतापूर्वक निभाई हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता के तौर पर रामनाथ कोविंद का एक अच्छा खासा अनुभव है। सरकारी वकील भी रहे हैं। राष्ट्रपति पद के लिए जिस तरह की मूलभूत आवश्यकताएं समझी जाती हैं, वह उनमें हैं और मृदुभाषी भी हैं। कम बोलना और शांति के साथ काम करना रामनाथ कोविंद की शैली है।[1]
देश के राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद एन.डी.ए. द्वारा 19 जून, 2017 को भारत के राष्ट्रपति पद हेतु उम्मीदवार घोषित किये गए थे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस करके उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। कोविंद 20 जुलाई, 2017 को देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को तीन लाख से ज़्यादा मतों से हराया। कोविंद ने 702044 यानि कुल 65.66% मत हासिल किए। विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को 367314 यानि 34.35% मत मिले। जीत के लिए 534680 वोट चाहिए होते हैं। रामनाथ कोविंद को कई विपक्षी पार्टियों के मत भी मिले। उन्होंने जीत के बाद कहा कि- "उनके लिए यह भावुक कर देने वाला पल है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दी। 25 जुलाई, 2017 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद रामनाथ कोविंद ने देश के राष्ट्रपति पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
- रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश से भाजपा के दलित नेता हैं।
- वे दो बार राज्य सभा के सदस्य रहे हैं।
- वे सरकारी वकील रहे और 1971 में बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए।
- उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में 16 साल तक प्रैक्टिस की है।
- रामनाथ कोविंद ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बी.कॉम और एल.एल.बी. की पढ़ाई की है।
- दिल्ली हाईकोर्ट में कोविंद 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे। 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे।
- वर्ष 1994 में रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के लिए सांसद चुने गए थे। वह 12 साल तक राज्य सभा सांसद रहे। वे कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं।
- कोविंद गवर्नर्स ऑफ़ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के भी सदस्य रहे हैं।
- 2002 में रामनाथ कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वे कई देशों की यात्रा कर चुके हैं।
- रामनाथ कोविंद बीजेपी दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोली समाज के अध्यक्ष रहे हैं।
- 8 अगस्त, 2015 में उनकी बिहार के राज्यपाल पद पर नियुक्ति हुई थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रामनाथ गोविंद, राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक (हिन्दी) aajtak.intoday.in। अभिगमन तिथि: 20 जून, 2017।
बाहरी कड़ियाँ
- रामनाथ कोविंद होंगे देश के 14वें राष्ट्रपति, बोले- संविधान की रक्षा मेरा कर्तव्य
- परचून की दुकान चलाते थे कोविंद के पिता, पढ़ें- परिवार के बारे में
- रामनाथ कोविंद का जीवन परिचय : जीवन
- रामनाथ कोविंद के बारे में क्या क्या जानते हैं?
- रामनाथ कोविंद के गांव में यूं मनाया जा रहा जश्न, देखें तस्वीरें
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