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'''रज़ा पुस्तकालय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Raza Library'') [[उत्तर प्रदेश]] के [[रामपुर]] में स्थित है। इस पुस्तकालय की स्थापना सन 1774 में नवाब फैज़ुल्लाह ख़ान द्वारा की गयी थी। उन्होंने अपनी सारी किताबें दान में दी थीं, जो उन्हें अपने पूर्वजों से मिली थीं। यहाँ वे सभी पुस्तकें हैं, जो उन्होंने नवाबों के तोशाखाना में रखी थीं। यहाँ [[भारत]] और इस्लामी संस्कृति का बहुत अच्छा संग्रह है। | '''रज़ा पुस्तकालय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Raza Library'') [[उत्तर प्रदेश]] के [[रामपुर]] में स्थित है। इस पुस्तकालय की स्थापना सन 1774 में नवाब फैज़ुल्लाह ख़ान द्वारा की गयी थी। उन्होंने अपनी सारी किताबें दान में दी थीं, जो उन्हें अपने पूर्वजों से मिली थीं। यहाँ वे सभी पुस्तकें हैं, जो उन्होंने नवाबों के तोशाखाना में रखी थीं। यहाँ [[भारत]] और इस्लामी संस्कृति का बहुत अच्छा संग्रह है। | ||
*[[रामपुर]] ब्रिटिश काल में स्थापित किया गया था। नवाबों या शासकों के राज्य के दौरान यहाँ बहुत सारे बदलाव हुए। यहाँ के नवाब फैज़ुल्लाह ख़ान अध्ययन के | *[[रामपुर]] ब्रिटिश काल में स्थापित किया गया था। नवाबों या शासकों के राज्य के दौरान यहाँ बहुत सारे बदलाव हुए। यहाँ के नवाब फैज़ुल्लाह ख़ान अध्ययन के महान् संरक्षक थे तथा निपुण उलेमा, [[कवि]], चित्रकार, सुलेखक और संगीतज्ञ उनके संरक्षण का लाभ उठाते थे। | ||
*[[भारत]] की स्वतंत्रता तथा राज्यों के भारत संघ में विलेय के पश्चात् पुस्तकालय को न्यास के प्रबंधन के अधीन कर दिया गया, जिसका सृजन [[6 अप्रैल]], [[1951]] को किया गया। भारत के पूर्व शिक्षामंत्री प्रोफेसर सैयद नुरूलहसन ने इस पुस्तकालय को [[1 जुलाई]], [[1975]] को एक संसद अधिनियम के अधीन कर दिया। | *[[भारत]] की स्वतंत्रता तथा राज्यों के भारत संघ में विलेय के पश्चात् पुस्तकालय को न्यास के प्रबंधन के अधीन कर दिया गया, जिसका सृजन [[6 अप्रैल]], [[1951]] को किया गया। भारत के पूर्व शिक्षामंत्री प्रोफेसर सैयद नुरूलहसन ने इस पुस्तकालय को [[1 जुलाई]], [[1975]] को एक संसद अधिनियम के अधीन कर दिया। | ||
*इस पुस्तकालय में इस्लामी सुलेख के नमूने और खगोलीय उपकरणों का एक विविध और मूल्यवान संग्रह, जैसे- ऐतिहासिक स्मारकों, पांडुलिपियों, मुग़ल लघु चित्रों, [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] और [[अरबी भाषा|अरबी]] भाषाओं के दुर्लभ संग्रह शामिल हैं।<ref>{{cite web |url= http://hindi.nativeplanet.com/moradabad/attractions/raza-library-rampur/|title=रजा लाइब्रेरी, रामपुर |accessmonthday= 17 जून|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= नेटिव प्लेनेट|language= हिन्दी}}</ref> | *इस पुस्तकालय में इस्लामी सुलेख के नमूने और खगोलीय उपकरणों का एक विविध और मूल्यवान संग्रह, जैसे- ऐतिहासिक स्मारकों, पांडुलिपियों, मुग़ल लघु चित्रों, [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] और [[अरबी भाषा|अरबी]] भाषाओं के दुर्लभ संग्रह शामिल हैं।<ref>{{cite web |url= http://hindi.nativeplanet.com/moradabad/attractions/raza-library-rampur/|title=रजा लाइब्रेरी, रामपुर |accessmonthday= 17 जून|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= नेटिव प्लेनेट|language= हिन्दी}}</ref> |
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रज़ा पुस्तकालय, रामपुर
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विवरण | 'रज़ा पुस्तकालय' उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पुस्तकालयों में गिना जाता है। ऐतिहासिक महत्त्व की पाण्डुलिपियों, ताड़पत्रों, पत्रिकाओं तथा कई दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह यहाँ है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | रामपुर |
स्थापना | 1774 ई. |
संस्थापक | नवाब फैज़ुल्लाह ख़ान |
अन्य जानकारी | यह पुस्तकालय 'भारत सरकार' द्वारा संचालित किया जा रहा है। यहाँ 30,000 से भी अधिक पुस्तकों और कई भाषाओं की पत्रिकाओं का संग्रह है। |
रज़ा पुस्तकालय (अंग्रेज़ी: Raza Library) उत्तर प्रदेश के रामपुर में स्थित है। इस पुस्तकालय की स्थापना सन 1774 में नवाब फैज़ुल्लाह ख़ान द्वारा की गयी थी। उन्होंने अपनी सारी किताबें दान में दी थीं, जो उन्हें अपने पूर्वजों से मिली थीं। यहाँ वे सभी पुस्तकें हैं, जो उन्होंने नवाबों के तोशाखाना में रखी थीं। यहाँ भारत और इस्लामी संस्कृति का बहुत अच्छा संग्रह है।
- रामपुर ब्रिटिश काल में स्थापित किया गया था। नवाबों या शासकों के राज्य के दौरान यहाँ बहुत सारे बदलाव हुए। यहाँ के नवाब फैज़ुल्लाह ख़ान अध्ययन के महान् संरक्षक थे तथा निपुण उलेमा, कवि, चित्रकार, सुलेखक और संगीतज्ञ उनके संरक्षण का लाभ उठाते थे।
- भारत की स्वतंत्रता तथा राज्यों के भारत संघ में विलेय के पश्चात् पुस्तकालय को न्यास के प्रबंधन के अधीन कर दिया गया, जिसका सृजन 6 अप्रैल, 1951 को किया गया। भारत के पूर्व शिक्षामंत्री प्रोफेसर सैयद नुरूलहसन ने इस पुस्तकालय को 1 जुलाई, 1975 को एक संसद अधिनियम के अधीन कर दिया।
- इस पुस्तकालय में इस्लामी सुलेख के नमूने और खगोलीय उपकरणों का एक विविध और मूल्यवान संग्रह, जैसे- ऐतिहासिक स्मारकों, पांडुलिपियों, मुग़ल लघु चित्रों, फ़ारसी और अरबी भाषाओं के दुर्लभ संग्रह शामिल हैं।[1]
- हिन्दी, संस्कृत, उर्दू, तमिल, तुर्की और पश्तो साहित्य जैसी दुर्लभ पुस्तकों का खज़ाना रज़ा पुस्तकालय में है। पवित्र क़ुरान का पहला अनुवाद हस्तलिपि में यहाँ हुआ था।
- यहाँ विभिन्न भारतीय भाषाओं में ताड़पत्रों और चित्रों का उत्तम संग्रह मौजूद है। विभिन्न भारतीय और विदेशी भाषाओं में लगभग 60,000 मुद्रित पुस्तकों का संग्रह भी उपलब्ध है।
- पुस्तकालय में 30,000 से भी अधिक पुस्तकों और कई भाषाओं की पत्रिकाओं का संग्रह है।
- इस समय यह पुस्तकालय 'भारत सरकार' द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- रज़ा पुस्तकालय दक्षिण एशिया के मुख्य पुस्तकालयों में से एक है। विभिन्न धर्मों, परंपराओं से संबंधित कार्यों के अतिरिक्त, यह भारतीय-इस्लामी अध्ययन और कलाओं का खज़ाना भी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रजा लाइब्रेरी, रामपुर (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 17 जून, 2015।