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'''नागार्जुन सागर बाँध''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nagarjuna Sagar Dam'') [[भारत]] का बहुत ही महत्वपूर्ण तथा आधुनिक तकनीक से बनाया हुआ [[बाँध]] है। यह बाँध [[नागार्जुन सागर परियोजना]] के अंतर्गत बनाया गया है। बाँध [[कृष्णा नदी]] पर बना है एवं इसका जलाशय दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाता है।. नागार्जुन सागर बाँध [[आँध्र प्रदेश]] में बहुत ही लोकप्रिय एवं आकर्षण का केन्द्र है। | |||
*[[आन्ध्र प्रदेश]] के [[गुंटूर]] और [[तेलंगाना]] के [[नलगोंडा ज़िला|नलगोंडा ज़िलों]] की सीमा पर नंदीकोड ग्राम के पास नागार्जुन सागर बाँध बनाया गया है। | |||
*बाँध का निर्माण सन [[1955]] और [[1967]] के बीच हुआ था। इस बाँध को बनाने की परिकल्पना [[1903]] में ब्रिटिश राज के समय की गयी थी। | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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नागार्जुन सागर बाँध (अंग्रेज़ी: Nagarjuna Sagar Dam) भारत का बहुत ही महत्वपूर्ण तथा आधुनिक तकनीक से बनाया हुआ बाँध है। यह बाँध नागार्जुन सागर परियोजना के अंतर्गत बनाया गया है। बाँध कृष्णा नदी पर बना है एवं इसका जलाशय दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाता है।. नागार्जुन सागर बाँध आँध्र प्रदेश में बहुत ही लोकप्रिय एवं आकर्षण का केन्द्र है।
- आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर और तेलंगाना के नलगोंडा ज़िलों की सीमा पर नंदीकोड ग्राम के पास नागार्जुन सागर बाँध बनाया गया है।
- बाँध का निर्माण सन 1955 और 1967 के बीच हुआ था। इस बाँध को बनाने की परिकल्पना 1903 में ब्रिटिश राज के समय की गयी थी।
- 10 दिसम्बर, 1955 में इस बाँध की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी।
- नागार्जुन सागर बाँध हैदराबाद से 150 कि.मी. की दूरी पर कृष्णा नदी पर स्थित है। 4 अगस्त, 1967 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा इसकी दोनों नहरों में पहली बार पानी छोड़ा गया था।
- यह भारत का सबसे उँचा और लंबा बाँध है। इस बाँध से निर्मित 'नागार्जुन सागर झील' दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है।
- इस बाँध के द्वारा नलगोंडा, प्रकाशम, खम्मम, कृष्णा और गुंटूर ज़िलों की सिंचाई होती है।
- बाँध के निर्माण से प्राचीन बौद्ध शहर नागार्जुनकोंडा, जो की प्राचीन इक्ष्वाकु वंश की राजधानी थी, वह डूब गयी।
- यहाँ 110 मेगावाट की एक और 100 मेगावाट की सात जलविद्युत इकाइयाँ लगाई गयी हैं।[1]
- बाँध में 11,472 मिलियन क्यूबिक मीटर जल को धारण करने की क्षमता है।
- नागार्जुन सागर बाँध की ऊँचाई 490 फीट एवं लम्बाई 1.6 कि.मी. है, जो काफी शानदार है तथा आगन्तुकों के लिए इसे देखना एक सुन्दर अनुभव हो सकता है।
- इस बाँध में 42 फीट चौड़े व 45 फिट लम्बे कुल 26 फाटक हैं।
- बाँध का भारत के इतिहास में बहुत महत्व है, क्योंकि देश में हरित क्रांति के एक हिस्से के रूप में शुरू की जाने वाली यह पहली परियोजना थी। यही पहला ऐसा बाँध था, जिसे सिंचाई के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र को पनबिजली उपलब्ध कराने के लिए भी इस्तेमाल किया गया।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ (हिन्दी) वाइवेस पेनोरमा। अभिगमन तिथि: 12 नवम्बर, 2014।
- ↑ नागार्जुन सागर बांध, नागार्जुनसागर (हिन्दी) hindi.nativeplanet.com। अभिगमन तिथि: 08 अक्टूबर, 2017।