"लक्ष्मीबाई केलकर": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 41: पंक्ति 41:
'''लक्ष्मीबाई केलकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Laxmibai Kelkar'', जन्म- [[6 जुलाई]], [[1905]], [[नागपुर]], [[महाराष्ट्र]]; मृत्यु- [[27 नवम्बर]], [[1978]]) [[भारत]] की प्रख्यात समाज सुधारक थीं। उन्होंने 'राष्ट्र सेविका समिति' नामक एक संगठन की स्थापना की थी। उनका मूल नाम कमल था, किन्तु लोग उन्हें सम्मान से 'मौसी जी' कहा करते थे।
'''लक्ष्मीबाई केलकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Laxmibai Kelkar'', जन्म- [[6 जुलाई]], [[1905]], [[नागपुर]], [[महाराष्ट्र]]; मृत्यु- [[27 नवम्बर]], [[1978]]) [[भारत]] की प्रख्यात समाज सुधारक थीं। उन्होंने 'राष्ट्र सेविका समिति' नामक एक संगठन की स्थापना की थी। उनका मूल नाम कमल था, किन्तु लोग उन्हें सम्मान से 'मौसी जी' कहा करते थे।
==परिचय==
==परिचय==
लक्ष्मीबाई केलकर का जन्म 6 जुलाई, सन 1905 को [[नागपुर]], [[महाराष्ट्र]] में हुआ था। मात्र चौदह [[वर्ष]] की अल्प आयु में ही उनका [[विवाह]] वर्धा के एक विधुर अधिवक्ता पुरुषोत्तम राव केलकर से करा दिया गया था। लक्ष्मीबाई केलकर छः पुत्रों की माता थीं।
लक्ष्मीबाई केलकर का जन्म 6 जुलाई, सन 1905 को [[नागपुर]], [[महाराष्ट्र]] में हुआ था। मात्र चौदह [[वर्ष]] की अल्प आयु में ही उनका [[विवाह]] [[वर्धा ज़िला|वर्धा]] के एक विधुर अधिवक्ता पुरुषोत्तम राव केलकर से करा दिया गया था। लक्ष्मीबाई केलकर छः पुत्रों की माता थीं।
====रूढ़िग्रस्त समाज विरोधी====
====रूढ़िग्रस्त समाज विरोधी====
लक्ष्मीबाई केलकर ने रूढ़िग्रस्त समाज से जमकर टक्कर ली। उन्होंने अपने घर में हरिजन नौकर रखे। [[महात्मा गाँधी]] की प्रेरणा से उन्होंने घर में [[चरखा]] मँगाया। एक बार जब महात्मा गाँधी ने एक सभा में दान करने की अपील की, तो लक्ष्मीबाई ने अपनी [[सोना|सोने]] की जंजीर ही दान कर दी।
लक्ष्मीबाई केलकर ने रूढ़िग्रस्त समाज से जमकर टक्कर ली। उन्होंने अपने घर में हरिजन नौकर रखे। [[महात्मा गाँधी]] की प्रेरणा से उन्होंने घर में [[चरखा]] मँगाया। एक बार जब महात्मा गाँधी ने एक सभा में दान करने की अपील की, तो लक्ष्मीबाई ने अपनी [[सोना|सोने]] की जंजीर ही दान कर दी।

05:16, 6 जुलाई 2018 का अवतरण

लक्ष्मीबाई केलकर
लक्ष्मीबाई केलकर
लक्ष्मीबाई केलकर
पूरा नाम लक्ष्मीबाई केलकर
जन्म 6 जुलाई, 1905
जन्म भूमि नागपुर, महाराष्ट्र
मृत्यु 27 नवम्बर, 1978
पति/पत्नी पुरुषोत्तम राव केलकर
संतान 6 पुत्र
कर्म भूमि भारत
प्रसिद्धि समाज सुधारक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी लक्ष्मीबाई केलकर ने 1936 में स्त्रियों के लिए ‘राष्ट्र सेविका समिति’ नामक एक नया संगठन प्रारम्भ किया। आगामी दस साल के निरन्तर प्रवास से समिति के कार्य का अनेक प्रान्तों में विस्तार हुआ।

लक्ष्मीबाई केलकर (अंग्रेज़ी: Laxmibai Kelkar, जन्म- 6 जुलाई, 1905, नागपुर, महाराष्ट्र; मृत्यु- 27 नवम्बर, 1978) भारत की प्रख्यात समाज सुधारक थीं। उन्होंने 'राष्ट्र सेविका समिति' नामक एक संगठन की स्थापना की थी। उनका मूल नाम कमल था, किन्तु लोग उन्हें सम्मान से 'मौसी जी' कहा करते थे।

परिचय

लक्ष्मीबाई केलकर का जन्म 6 जुलाई, सन 1905 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। मात्र चौदह वर्ष की अल्प आयु में ही उनका विवाह वर्धा के एक विधुर अधिवक्ता पुरुषोत्तम राव केलकर से करा दिया गया था। लक्ष्मीबाई केलकर छः पुत्रों की माता थीं।

रूढ़िग्रस्त समाज विरोधी

लक्ष्मीबाई केलकर ने रूढ़िग्रस्त समाज से जमकर टक्कर ली। उन्होंने अपने घर में हरिजन नौकर रखे। महात्मा गाँधी की प्रेरणा से उन्होंने घर में चरखा मँगाया। एक बार जब महात्मा गाँधी ने एक सभा में दान करने की अपील की, तो लक्ष्मीबाई ने अपनी सोने की जंजीर ही दान कर दी।

'राष्ट्र सेविका समिति' की स्थापना

सन 1932 में लक्ष्मीबाई केलकर के पति का देहान्त हो गया। अब अपने बच्चों के साथ बाल विधवा ननद का दायित्व भी उन पर आ गया था। लक्ष्मीबाई ने घर के दो कमरे किराये पर उठा दिये। इससे आर्थिक समस्या कुछ हल हुई। इन्हीं दिनों उनके बेटों ने संघ की शाखा पर जाना शुरू किया। उनके विचार और व्यवहार में आये परिवर्तन से लक्ष्मीबाई केलकर के मन में संघ के प्रति आकर्षण जागा और उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार से भेंट की। उन्होंने 1936 में स्त्रियों के लिए ‘राष्ट्र सेविका समिति’ नामक एक नया संगठन प्रारम्भ किया। आगामी दस साल के निरन्तर प्रवास से समिति के कार्य का अनेक प्रान्तों में विस्तार हुआ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख