महेन्द्रलाल सरकार
महेन्द्रलाल सरकार
| |
पूरा नाम | महेन्द्रलाल सरकार |
जन्म | 2 नवंबर, 1833 |
जन्म भूमि | हावड़ा ज़िला, पश्चिम बंगाल |
मृत्यु | 23 फ़रवरी, 1904 |
पति/पत्नी | राजकुमारी |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | चिकित्सक व समाज सुधारक |
नागरिकता | भारतीय |
योगदान | 'इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स' की स्थापना। |
अन्य जानकारी | महेन्द्रलाल सरकार ने ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन की एक बैठक में होम्योपैथी को पश्चिमी इलाज से बेहतर बताया था। |
महेन्द्रलाल सरकार (अंग्रेज़ी: Mahendralal Sarkar, जन्म- 2 नवंबर, 1833; मृत्यु- 23 फ़रवरी, 1904) भारत में होम्योपैथी को अहम चिकित्सा विधा के तौर पर स्थापित करने वालों में अग्रणी थे। वह एक चिकित्सक, समाज सुधारक तथा वैज्ञानिक चेतना के प्रसारक नेता थे। 'इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स' की स्थापना महेन्द्रलाल सरकार ने ही की थी। वह कलकता मेडिकल कॉलेज के दूसरे स्नातक मेडिकल डॉक्टर थे। यद्यपि उन्होंने एलोपैथी की शिक्षा ली थी, फिर भी होम्योपैथी को अपनाया और उसी के माध्यम से चिकित्सा की।
परिचय
महेन्द्रलाल सरकार का जन्म 2 नवंबर, 1833 को कलकता (वर्तमान कोलकाता) के पास पाइकपाड़ा (मुसिरहाट) नामक गाँव में हुआ था, जो हावड़ा ज़िला के अन्तर्गत आता था। उनके पिता का नाम तारकनाथ सरकार था। महेन्द्रलाल सरकार जब पाँच वर्ष के थे, तब उनके पिता का देहान्त हो गया और जब वह नौ वर्ष के थे, तब उनकी माता का निधन हो गया। उनकी माँ उनके मामा के घर कोलकाता में आ गयीं थीं और उनकी मृत्यु के पश्चात उनका पालन-पोषण अपने मामा के घर ही हुआ, जो कलकाता के नेबूतला में था।
बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, रामकृष्ण परमहंस और त्रिपुरा के महाराजा जैसे दिग्गजों के महेन्द्रलाल सरकार डॉक्टर थे।
- उन्हें कई बार कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान कई विषयों पर लेक्चर देने का मौका मिला।
- महेन्द्रलाल सरकार ने ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन की एक बैठक में होम्योपैथी को पश्चिमी इलाज से बेहतर बताया था।
- उन्होंने दवाओं से जुड़कर पारंपरिक यूरोपीय अध्ययन करने के बावजूद होम्योपैथी में ज्यादा यकीन दिखाया।
होम्योपैथी को बढ़ावा
जहाँ भारत में आज भी अंग्रेजी दवाईयों का दबदबा है, वहाँ महेन्द्रलाल सरकार ने अंग्रेजी दवाइयों के सामने होम्योपैथी को बढ़ावा दिया। वह मानते थे कि जो असर होम्योपैथी दवाइयों में हैं, वह किसी अंग्रेजी दवा में नहीं है। आज भी ऐसी कई बीमारियां है, जिनका इलाज होम्योपैी दवाइयों से किया जाता है।
योगदान
महेन्द्रलाल सरकार ने साल 1876 में फादर यूजेन लफॉ के साथ मिलकर 'इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस' की नींव रखी। यह देश का सबसे पुराना शोध संस्थान है।
|
|
|
|
|