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'''रामायणमंजरी''' क्षेमेन्द्र द्वारा रचित [[राम|भगवान श्रीराम]] की कथाओं से सम्बंधित ग्रंथ है।
'''रामायणमंजरी''' [[क्षेमेन्द्र]] द्वारा रचित [[राम|भगवान श्रीराम]] की कथाओं से सम्बंधित ग्रंथ है।


*रामकथा साहित्य का पर्यवेक्षण, रामयुग के सम्बन्ध में जानकारी का आधिकारिक स्रोत यद्यपि “[[वाल्मीकि रामायण]]” है, तथापि रामकथा का वर्णन न केवल [[संस्कृत साहित्य]], वरन् [[भारत]] की अन्य भाषाओं के [[साहित्य]] में भी हुआ है, साथ ही अन्य देशों में भी रामकथा का प्रचलन मिलता है।
*रामकथा साहित्य का पर्यवेक्षण, रामयुग के सम्बन्ध में जानकारी का आधिकारिक स्रोत यद्यपि “[[वाल्मीकि रामायण]]” है, तथापि रामकथा का वर्णन न केवल [[संस्कृत साहित्य]], वरन् [[भारत]] की अन्य भाषाओं के [[साहित्य]] में भी हुआ है, साथ ही अन्य देशों में भी रामकथा का प्रचलन मिलता है।

06:54, 21 जनवरी 2020 के समय का अवतरण

रामायणमंजरी क्षेमेन्द्र द्वारा रचित भगवान श्रीराम की कथाओं से सम्बंधित ग्रंथ है।

  • रामकथा साहित्य का पर्यवेक्षण, रामयुग के सम्बन्ध में जानकारी का आधिकारिक स्रोत यद्यपि “वाल्मीकि रामायण” है, तथापि रामकथा का वर्णन न केवल संस्कृत साहित्य, वरन् भारत की अन्य भाषाओं के साहित्य में भी हुआ है, साथ ही अन्य देशों में भी रामकथा का प्रचलन मिलता है।
  • यद्यपि राम का उल्लेख ऋग्वेद के सातवें मण्डल के अनुवाक 86 में मन्त्र रामायण प्रकरण में मिलता है। ‘श्रीरामतापनी उपनिषद’ में भी राम का वर्णन है, परन्तु रामकथा का विशद् वर्णन पद्मपुराण, ब्रह्मपुराण, श्रीमद्-भागवतपुराण आदि पुराणों के साथ-साथ महाभारत के वनपर्व में भी मिलता है। इसके अलावा भी संस्कृत साहित्य में रामकथा पर आधारित अनेक ग्रन्थों की रचना हुई है। कृष्णामाचार्य ने अपनी पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ क्लासिकल संस्कृत लिटरेचर’ में ऐसे 54 महाकाव्यों की सूची दी है, जो रामकथा पर आश्रित हैं। इसी प्रकार उन्होंने रामकथा पर आधारित अनेक रुपकों एवं चम्पू साहित्य का भी उल्लेख किया है।


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