"हरदीप सिंह पुरी": अवतरणों में अंतर
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15 फ़रवरी, 1952 को [[दिल्ली]] में जन्मे हरदीप सिंह पुरी भारतीय विदेश सेवा के [[1974]] बैच के अधिकारी हैं और [[2014]] में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय जनता पार्टी के | 15 फ़रवरी, 1952 को [[दिल्ली]] में जन्मे हरदीप सिंह पुरी भारतीय विदेश सेवा के [[1974]] बैच के अधिकारी हैं और [[2014]] में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय जनता पार्टी के रुख़से प्रभावित होकर उन्होंने भगवा पार्टी में शामिल होने का फैसला किया। अपने छात्र जीवन से ही उन्होंने नेतृत्व क्षमता और अपनी बात को पुरजोर तरीके से रखने का हुनर सीख लिया था और उनका यह गुण हर जिम्मेदारी को पूरी शिद्दत से निभाने में उनके काम आया। | ||
==कॅरियर== | ==कॅरियर== | ||
मोदी सरकार में शामिल किए जाने वाले चेहरों में भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हरदीप पुरी का भी नाम है, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति का माहिर माना जाता है और तकरीबन 40 साल के अपने राजनयिक जीवन के दौरान वह कई देशों में भारत के राजदूत के तौर पर अपनी सेवाएं देने के अलावा [[संयुक्त राष्ट्र]] में अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। | मोदी सरकार में शामिल किए जाने वाले चेहरों में भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हरदीप पुरी का भी नाम है, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति का माहिर माना जाता है और तकरीबन 40 साल के अपने राजनयिक जीवन के दौरान वह कई देशों में भारत के राजदूत के तौर पर अपनी सेवाएं देने के अलावा [[संयुक्त राष्ट्र]] में अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। | ||
अपने लंबे राजनयिक जीवन में हरदीप सिंह पुरी को कई मौकों पर संयुक्त राष्ट्र में [[भारत]] का पक्ष पूरी मजबूती से रखने का श्रेय जाता है। उन्होंने [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के हिंदू कालेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय विदेश सेवा का | अपने लंबे राजनयिक जीवन में हरदीप सिंह पुरी को कई मौकों पर संयुक्त राष्ट्र में [[भारत]] का पक्ष पूरी मजबूती से रखने का श्रेय जाता है। उन्होंने [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के हिंदू कालेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय विदेश सेवा का रुख़किया और इस दौरान जे.पी. आंदोलन में भी सक्रिय रहे। वह कुछ समय तक सेंट स्टीफन कॉलेज में व्याख्याता भी रहे। उन्होंने ब्राजील, जापान, श्रीलंका और ब्रिटेन में महत्वपूर्ण राजनयिक जिम्मेदारियां निभाई हैं। वह न्यूयार्क स्थित अन्तरराष्ट्रीय शांति संस्थान के उपाध्यक्ष रहे और संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में अपनी सेवाएं दीं। | ||
[[संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद]] में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में हरदीप सिंह पुरी ने विश्व संगठन की आतंकवाद निरोधक समित और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत के हितों का पूरी ईमानदारी से संरक्षण किया। विदेश सेवा में रहते हुए हरदीप सिंह पुरी जे.पी. आंदोलन में भी हिस्सा ले चुके हैं। वह संयुक्त राष्ट्र में [[भारत]] के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर न्यूयार्क ([[2009]]-[[2013]]) और जेनेवा ([[2002]]-[[2005]]) में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। | [[संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद]] में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में हरदीप सिंह पुरी ने विश्व संगठन की आतंकवाद निरोधक समित और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत के हितों का पूरी ईमानदारी से संरक्षण किया। विदेश सेवा में रहते हुए हरदीप सिंह पुरी जे.पी. आंदोलन में भी हिस्सा ले चुके हैं। वह संयुक्त राष्ट्र में [[भारत]] के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर न्यूयार्क ([[2009]]-[[2013]]) और जेनेवा ([[2002]]-[[2005]]) में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। |
08:51, 3 फ़रवरी 2021 का अवतरण
हरदीप सिंह पुरी
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पूरा नाम | हरदीप सिंह पुरी |
जन्म | 15 फ़रवरी, 1952 |
जन्म भूमि | दिल्ली |
पति/पत्नी | लक्ष्मी सिंह पुरी |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | भारतीय विदेश सेवा अधिकारी |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
कार्य काल | नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)-30 मई, 2019 आवास और शहरी मामलों के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)-2 सितंबर, 2017 |
विद्यालय | हिन्दू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय |
अन्य जानकारी | अपने लंबे राजनयिक जीवन में हरदीप सिंह पुरी को कई मौकों पर संयुक्त राष्ट्र में भारत का पक्ष पूरी मजबूती से रखने का श्रेय जाता है। |
हरदीप सिंह पुरी (अंग्रेज़ी: Hardeep Singh Puri, जन्म- 15 फ़रवरी, 1952) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। सत्रहवीं लोकसभा के नरेन्द्र मोदी मंत्रिमण्डल में उन्हें आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के राज्य मंत्री का पद दिया गया है। हरदीप सिंह पुरी को राजनयिक जीवन में कई मौकों पर दुनिया के सामने भारत का पक्ष पूरी मजबूती से रखने के लिए जाना जाता है। उन्होंने 1988 से 1991 के दौरान ब्राजील, जापान, श्रीलंका और ब्रिटेन में महत्वपूर्ण राजनयिक जिम्मेदारियां निभाईं।
परिचय
15 फ़रवरी, 1952 को दिल्ली में जन्मे हरदीप सिंह पुरी भारतीय विदेश सेवा के 1974 बैच के अधिकारी हैं और 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय जनता पार्टी के रुख़से प्रभावित होकर उन्होंने भगवा पार्टी में शामिल होने का फैसला किया। अपने छात्र जीवन से ही उन्होंने नेतृत्व क्षमता और अपनी बात को पुरजोर तरीके से रखने का हुनर सीख लिया था और उनका यह गुण हर जिम्मेदारी को पूरी शिद्दत से निभाने में उनके काम आया।
कॅरियर
मोदी सरकार में शामिल किए जाने वाले चेहरों में भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हरदीप पुरी का भी नाम है, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति का माहिर माना जाता है और तकरीबन 40 साल के अपने राजनयिक जीवन के दौरान वह कई देशों में भारत के राजदूत के तौर पर अपनी सेवाएं देने के अलावा संयुक्त राष्ट्र में अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं।
अपने लंबे राजनयिक जीवन में हरदीप सिंह पुरी को कई मौकों पर संयुक्त राष्ट्र में भारत का पक्ष पूरी मजबूती से रखने का श्रेय जाता है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कालेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय विदेश सेवा का रुख़किया और इस दौरान जे.पी. आंदोलन में भी सक्रिय रहे। वह कुछ समय तक सेंट स्टीफन कॉलेज में व्याख्याता भी रहे। उन्होंने ब्राजील, जापान, श्रीलंका और ब्रिटेन में महत्वपूर्ण राजनयिक जिम्मेदारियां निभाई हैं। वह न्यूयार्क स्थित अन्तरराष्ट्रीय शांति संस्थान के उपाध्यक्ष रहे और संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में हरदीप सिंह पुरी ने विश्व संगठन की आतंकवाद निरोधक समित और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत के हितों का पूरी ईमानदारी से संरक्षण किया। विदेश सेवा में रहते हुए हरदीप सिंह पुरी जे.पी. आंदोलन में भी हिस्सा ले चुके हैं। वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर न्यूयार्क (2009-2013) और जेनेवा (2002-2005) में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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