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'''राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''National Ayurveda Day'') हर साल 'धन्वंतरी जयंती' या '[[धनतेरस]]' के दिन मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल [[2016]] में हुई थी। साल [[2021]] में [[भारत]] में छठवाँ आयुर्वेद दिवस मनाया जायेगा। जैसा कि नाम से ही समझ आता है, इस दिवस को मनाने का उद्देश्य [[आयुर्वेद]] को बढ़ावा देने के साथ ही इससे जुड़े लोगों और उद्यमियों में कारोबार के नए अवसरों के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
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}}'''राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''National Ayurveda Day'') हर साल '[[धन्वंतरि जयन्ती|धन्वंतरी जयंती]]' या '[[धनतेरस]]' के दिन मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल [[2016]] में हुई थी। साल [[2021]] में [[भारत]] में छठवाँ आयुर्वेद दिवस मनाया जायेगा। जैसा कि नाम से ही समझ आता है, इस दिवस को मनाने का उद्देश्य [[आयुर्वेद]] को बढ़ावा देने के साथ ही इससे जुड़े लोगों और उद्यमियों में कारोबार के नए अवसरों के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
==धन्वंतरि कौन हैं?==
==धन्वंतरि कौन हैं?==
हर साल राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस को आयुष मंत्रालय द्वारा धन्वंतरि जयंती यानी धनतेरस के दिन मनाया जाता है। जब इंसान को दवाओं की समझ नहीं थी, तब रोगों का उपचार आयुर्वेद के माध्यम से ही किया जाता था और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है, इसलिए इसकी महत्ता है।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.jagran.com/lifestyle/miscellaneous-ayurveda-day-2021-why-ayurveda-day-is-celebrated-on-the-day-of-dhanteras-know-here-22171309.html |title=धनतेरस के दिन ही क्यों मनाया जाता है आयुर्वेद दिवस|accessmonthday=02 नवम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=jagran.com |language=हिंदी}}</ref>
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भारतीय पौराणिक दृष्टि से धनतेरस को स्वास्थ्य के [[देवता]] का दिवस माना जाता है। भगवान धन्वंतरि आरोग्य, सेहत, आयु और तेज के आराध्य देवता हैं। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद जगत के प्रणेता तथा वैद्यक शास्त्र के देवता माने जाते हैं। आदिकाल में आयुर्वेद की उत्पत्ति [[ब्रह्मा]] से हुई ऐसा माना जाता है। आदि काल के ग्रंथों में [[रामायण]]-[[महाभारत]] और भी कई दूसरे महत्वपूर्ण पुराणों की रचना हुई है, जिसमें सभी ग्रंथों ने आयुर्वेदावतरण के प्रसंग में भगवान धन्वंतरि का उल्लेख किया है।
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==धनतेरस के दिन ही क्यों?==
==धनतेरस के दिन ही क्यों?==
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर साल धनतेरस के दिन मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरी को आयुर्वेद और आरोग्य का देवता माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति [[समुद्र मंथन]] से हुई थी। समुद्र मंथन से निकले भगवान धन्वंतरि के हाथों में कलश था। इसी वजह से [[दिपावाली]] के दो दिन पहले भगवान धन्वंतरी के जन्मदिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में आयुर्वेद के देवता कहे जाने वाले भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन यानी [[धनतेरस]] के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है।,जो सेहतमंद रखने का बेहतरीन जरिया है।<ref name="pp"/>
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11:38, 2 नवम्बर 2021 का अवतरण

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
देश भारत
शुरुआत 2016
संबंधित लेख आयुर्वेद, धन्वंतरि, धन्वंतरि जयन्ती, धनतेरस
अन्य जानकारी हर साल राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस को आयुष मंत्रालय द्वारा धन्वंतरि जयंती यानी धनतेरस के दिन मनाया जाता है।

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (अंग्रेज़ी: National Ayurveda Day) हर साल 'धन्वंतरी जयंती' या 'धनतेरस' के दिन मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2016 में हुई थी। साल 2021 में भारत में छठवाँ आयुर्वेद दिवस मनाया जायेगा। जैसा कि नाम से ही समझ आता है, इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आयुर्वेद को बढ़ावा देने के साथ ही इससे जुड़े लोगों और उद्यमियों में कारोबार के नए अवसरों के प्रति जागरूकता पैदा करना है।

धन्वंतरि कौन हैं?

हर साल राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस को आयुष मंत्रालय द्वारा धन्वंतरि जयंती यानी धनतेरस के दिन मनाया जाता है। जब इंसान को दवाओं की समझ नहीं थी, तब रोगों का उपचार आयुर्वेद के माध्यम से ही किया जाता था और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है, इसलिए इसकी महत्ता है।[1]

भारतीय पौराणिक दृष्टि से धनतेरस को स्वास्थ्य के देवता का दिवस माना जाता है। भगवान धन्वंतरि आरोग्य, सेहत, आयु और तेज के आराध्य देवता हैं। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद जगत के प्रणेता तथा वैद्यक शास्त्र के देवता माने जाते हैं। आदिकाल में आयुर्वेद की उत्पत्ति ब्रह्मा से हुई ऐसा माना जाता है। आदि काल के ग्रंथों में रामायण-महाभारत और भी कई दूसरे महत्वपूर्ण पुराणों की रचना हुई है, जिसमें सभी ग्रंथों ने आयुर्वेदावतरण के प्रसंग में भगवान धन्वंतरि का उल्लेख किया है।

धनतेरस के दिन ही क्यों?

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर साल धनतेरस के दिन मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरी को आयुर्वेद और आरोग्य का देवता माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। समुद्र मंथन से निकले भगवान धन्वंतरि के हाथों में कलश था। इसी वजह से दीपावली के दो दिन पहले भगवान धन्वंतरी के जन्मदिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में आयुर्वेद के देवता कहे जाने वाले भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन यानी धनतेरस के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है।,जो सेहतमंद रखने का बेहतरीन जरिया है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 धनतेरस के दिन ही क्यों मनाया जाता है आयुर्वेद दिवस (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 02 नवम्बर, 2021।

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