दस्यु
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- दस्यु आभीर तथा म्लेच्छ है जो श्राद्ध के लिए वर्जित हैं।[1]
- दस्यु असुर, अनार्य तथा चोर हैं जिसका वर्णन वेदों में मिलता है।
- इन्द्र ने बहुत से दस्युपतियों का नाश किया था।
- ऐतरेय ब्राह्मणों में दस्यु विश्वामित्र द्वारा उत्पन्न तथा शाप द्वारा भ्रष्ट कहे गये हैं।
- महाभारत में अर्जुन द्वारा दस्युयों का नाश लिखा है।
- दस्युयों ने 16000 स्त्रियों को बंदी बनाया था।
- श्रीकृष्ण से दस्यु परास्त हुये थे।
- दस्यु का मुख्य अस्त्र डंडा था।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्माण्ड पुराण 3.14.43; विष्णु पुराण 5.38.13; 25.27.497
- ↑ विष्णु पुराण 5.38.51, 70, 82, 84