संविधान संशोधन- 18वाँ
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संविधान संशोधन- 18वाँ
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विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
18वाँ संशोधन | 1966 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (18वाँ संशोधन) अधिनियम, 1966
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- इस अधिनियम द्वारा अनुच्छेद 3 का संशोधन यह स्पष्ट करने के लिए किया गया कि 'राज्य' शब्द में केंद्रशासित प्रदेश भी शामिल होगा और इस अनुच्छेद के तहत नया राज्य बनाने की शाक्ति में किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के एक भाग की किसी दूसरे राज्य या केन्द्रशासित प्रदेश से मिलाकर एक नया राज्य या केन्द्रशासित प्रदेश बनाने की शक्ति को भी शामिल किया गया।
- इसका उद्देश्य पंजाब और हिमाचल प्रदेश संघ राज्य-क्षेत्रों के पुनर्गठन के लिए संसद को शक्ति प्रदान करना है।
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