संविधान संशोधन- 66वाँ
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संविधान संशोधन- 66वाँ
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विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
66वाँ संशोधन | 1990 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (66वाँ संशोधन) अधिनियम, 1990
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- इस अधिनियम के तहत भूमि सुधार तथा कृषि भूमि की सीमा से संबंधित राज्य सरकारों के उन 55 नियमों को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल तथा सुरक्षित कर दिया गया है, जिन्हें आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, चेन्नई, उड़ीसा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केंद्रशासित प्रदेश पांडिचेरी के प्रशासन ने इस आशय से बनाया था कि इन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
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