चकराता उत्तराखण्ड
चकराता एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल है, जो कलसी, उत्तराखण्ड में स्थित है। यह स्थान अपने शांत वातावरण और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण के लिए जाना जाता है। यहाँ दूर-दूर तक फैले घने जंगलों में जौनसारी जनजाति के आकर्षक गाँव हैं। चकराता साहसिक खेलों को पसन्द करने वाले लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण स्थान है। यहाँ पर पैरासेलिंग, ट्रैकिंग, स्कीइंग और तीरंदाजी आदि की अच्छी सुविधाएँ हैं। चकराता में भारतीय सेना के जवानों को कमांडों ट्रेनिंग भी दी जाती है।
स्थिति तथा स्थापना
चकराता समुद्र के तल से सात हज़ार फीट की ऊँचाई पर स्थित है और देहरादून से लगभग 98 किलोमीटर की दूरी पर है। इस नगर की स्थापना कर्नल ह्यूम और उनके सहयोगी अधिकारियों द्वारा की गई थी। कर्नल ह्यूम ब्रिटिश सेना की 55 रेजिमेंट से सम्बन्धित थे। चकराता के शानदार वातावरण को देखते हुए ही अंग्रेज़ों ने इसे समर आर्मी बेस के रूप में प्रयोग किया था।
पर्यटक स्थल
चकराता प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकिंग में रूचि लेने वालों के लिए एकदम उपयुक्त स्थान है। यहाँ विभिन्न साहसिक गतिविधियाँ, जैसे- रिवर राफ्टिंग, कोर्स्सिंग, कयाकिंग, पैरासेलिंग, पुल निर्माण, राप्पेल्लिंग और रॉक क्लाइम्बिंग का आनंद लिया जा सकता है। इन सब गतिविधियों को यहाँ स्थित विभिन्न रिसोर्ट के विशेषज्ञों की देखरेख में आयोजित कराया जाता है। पर्यटक वॉलीबॉल, बाधा पाठ्यक्रम, बास्केटबॉल, गोल्फ और माउंटेन बाइकिंग का भी आनंद ले सकते हैं। इस जगह पैरासेलिंग, ट्रैकिंग, स्कीइंग और तीरंदाजी के लिए भी कई सुविधाएँ है।
कैसे पहुँचें
- वायुमार्ग
चकराता का नजदीकी हवाईअड्डा जौली ग्रान्ट है, जो देहरादून से 25 कि.मी. दूर स्थित है। यह हवाईअड्डा चकराता से लगभग 123 कि.मी. दूर है। चकराता जाने के लिए यहाँ से बस या टैक्सी की सेवाएँ भी ली जा सकती हैं।
- रेलमार्ग
देहरादून रेलवे स्टेशन से चकराता राज्य परिवहन या निजी वाहन के माध्यम से पहुँचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग
मसूरी से चकराता जाने के लिए राज्य राजमार्ग से केम्पटी फॉल, यमुना पुल और लखवाड़ होते हुए चकराता पहुँचा जा सकता है। देहरादून से राष्ट्रीय राजमार्ग 72 से हरबर्टपुर, राष्ट्रीय राजमार्ग 123 से कालसी और वहाँ से राज्य मार्ग की सड़क के माध्यम से चकराता पहुँचा जा सकता है।
कब जाएँ
चकराता जाने के लिए मार्च से जून और अक्टूबर से दिसम्बर का समय सबसे अधिक उपयुक्त रहता है। जून के अंत और सितम्बर के मध्य में यहाँ वर्षा होती है। यहाँ पर सर्दियाँ भी काफ़ी ठण्डी होती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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