संविधान संशोधन- सातवाँ
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संविधान संशोधन- सातवाँ
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विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
सातवाँ संशोधन | 1956 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और पारिणामिक परिवर्तनों को शामिल करने के उद्देश्य से यह संशोधन किया गया।
- मोटे तौर पर तत्कालीन राज्यों और राज्य क्षेत्रों का राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के रूप में वर्गीकरण किया गया।
- संशोधन में लोकसभा का गठन, प्रत्येक जनगणना के पश्चात पुन: समायोजन, नए उच्च न्यायालयों की स्थापना और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों आदि के बारे में उपबंधों की भी व्यवस्था की गई है।
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