क्षोभमण्डल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आशा चौधरी (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:34, 2 फ़रवरी 2018 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

क्षोभमण्डल (अंग्रेज़ी:Troposphere) पृथ्वी के वायुमण्डल का सबसे निचला हिस्सा है।

  • क्षोभमण्डल में जलवाष्प एवं धूल कणों की अत्याधिक मात्रा के विद्यमान रहने के कारण वायुमण्डल के गर्म एवं शीतल होने की विकिरण, संचालन तथा संवाहन की क्रियाएं सम्पन्न होती है।
  • यह मण्डल जैव मण्डलीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मौसम संबंधी सारी घटनाएं इसी में घटित होती हैं।
  • प्रति 165 मीटर की ऊंचाई पर वायु का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस की औसत दर से घटता है। इसे सामान्य ताप पतन दर कहते है।
  • इस मण्डल की सीमा विषुवत वृत्त के ऊपर 18 कि.मी. की ऊंचाई तक तथा ध्रवों के ऊपर लगभग 8 कि.मी. तक है।
  • वायुमंडल में इसके ऊपर की परत को समताप मण्डल कहते हैं। इन दोनों परतों के बीच में एक रेखा है जिसे ट्रोपोपौज़ के नाम से जाना जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख