मनोरमा (तमिल अभिनेत्री)
मनोरमा | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- मनोरमा (बहुविकल्पी) |
मनोरमा (तमिल अभिनेत्री)
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प्रसिद्ध नाम | मनोरमा |
अन्य नाम | अची, गोपीशांता |
जन्म | 26 मई, 1937 |
जन्म भूमि | तंजावुर ज़िला, तमिलनाडु |
मृत्यु | 10 अक्टूबर, 2015 |
मृत्यु स्थान | चेन्नई |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | अभिनय, गायन |
मुख्य फ़िल्में | ‘अंबे वा’, ‘एथिर निचल’, ‘गलत्ता कल्याणम’, ‘चित्तूकुरुवी’, ‘दुर्गा देवी’, ‘अन्नलक्ष्मी’ और ‘इमायम’। |
पुरस्कार-उपाधि | पद्मश्री |
प्रसिद्धि | हास्य अभिनेत्री |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | मनोरमा की 1000 फ़िल्में पूरी होने के साथ ही उनका नाम 'गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो गया। |
अद्यतन | 18:25, 1 जुलाई 2017 (IST)
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मनोरमा (अंग्रेज़ी: Manorama, जन्म- 26 मई, 1937, राजमन्नारगुड़ी, तंजावुर ज़िला, तमिलनाडु; मृत्यु- 10 अक्टूबर, 2015, चेन्नई) भारतीय दक्षिण सिनेमा की सुप्रसिद्ध हास्य अभिनेत्री एवं गायिका थीं। उन्होंने 1500 से अधिक तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फ़िल्मों में काम किया था। मनोरमा ने फ़िल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों का खूब प्यार पाया और थान्गावेलु, थेंगाई श्रीनिवासन, छो और नागेश सरीखे दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया। 1000 फ़िल्में पूरी होने के साथ ही उनका नाम 'गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो गया। वर्ष 2002 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।[1]
परिचय
मनोरमा का जन्म 26 मई, 1937 को तमिलनाडु के तंजावुर ज़िले के राजमन्नारगुड़ी शहर में हुआ था। बचपन में उनका नाम गोपीशांता था। प्रशंसक उन्हें प्यार से ‘अची’ बुलाते हैं। उनके परिवार में अभिनेता-गायक बेटे बूप्ति हैं।
फ़िल्मी कॅरियर
मनोरमा को एक ऐतिहासिक हास्य अभिनेत्री के स्तर पर पहुंचने और दक्षिण भारत में घर-घर में पहचाना जाने वाला नाम बनने में 50 साल लगे। उन्होंने अपना कॅरियर बतौर स्ट्रीट गायिका शुरू किया था। वह कभी-कभी रंगमंच कर्मियों के लिए भी गाती थीं। ऐसे ही एक शो के दौरान उनका नाम मनोरमा पड़ गया और वह मंच पर अभिनय करने को मजबूर हो गईं, क्योंकि उस समय अभिनेत्री ने अपनी भूमिका निभाने से इंकार कर दिया था। जल्द ही वह एस. एस. राजेंद्रन की ‘नाटक मंद्रम’ से जुड़ गईं और यहीं उन पर गीतकार कन्नदासन की निगाह पड़ी, जिन्होंने उन्हें तमिल फ़िल्म ‘मलयित्ता मंगै’ (1958) में लिया।
मनोरमा को शुरुआत में एक हास्य अभिनेत्री की भूमिका निभाने में झिझक हुई, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। मनोरमा ने फ़िल्मों में अपनी जोशीली प्रस्तुति के जरिए दर्शकों से खूब प्यार पाया और थान्गावेलु, थेंगाई श्रीनिवासन, छो और नागेश सरीखे दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया। 1963 में उन्होंने तमिल फ़िल्म ‘कुंजुम कुमारी’ से मुख्य अभिनेत्री के रूप में अपनी पारी शुरू की। दो साल बाद वह ए. पी. नागराजन द्वारा निर्देशित तमिल फ़िल्म ‘थिरुविलायादल’ और एक साल बाद दोबारा नागराजन द्वारा निर्देशित फ़िल्म ‘सरस्वती सबथम’ में नज़र आईं।[1]
सम्मान एवं पुरस्कार
- 1989 - ‘पुढ़ी पाड़ै' - राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री)
- 1995 - फ़िल्मफ़ेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड - साउथ
- 2002 - पद्मश्री
- 2013 - तमिलनाडु सिनेमा कलायनमंडम पुरस्कार (पसंदीदा फ़िल्म स्टार)
निधन
78 वर्षीय मनोरमा का निधन 10 अक्टूबर, 2015 को चेन्नई के एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 मनोरमा : बहुमुखी प्रतिभा की धनी उत्कृष्ट हास्य अभिनेत्री (हिंदी) www.dharmpath.com। अभिगमन तिथि: 01 जुलाई, 2017।
बाहरी कड़ियाँ
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