निसिथ प्रमाणिक
निसिथ प्रमाणिक
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पूरा नाम | निसिथ प्रमाणिक |
जन्म | 17 जनवरी, 1986 |
जन्म भूमि | कूचबिहार, पश्चिम बंगाल |
अभिभावक | पिता- बिथु भूषण प्रमाणिक तथा माता- चंदा प्रमाणिक |
पति/पत्नी | प्रियांका प्रमाणिक |
संतान | दो |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | गृह राज्य मंत्री- 7 जुलाई, 2021 से युवा मामले और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री- 7 जुलाई, 2021 से |
संबंधित लेख | भारतीय जनता पार्टी, नरेन्द्र मोदी का मंत्रिमण्डल |
अन्य दल | ऑल इंडिया तृणमूल काँग्रेस |
अन्य जानकारी | 2019 लोकसभा चुनावों में निसिथ प्रमाणिक पहली बार सांसद बने। फिर 2021 के विधानसभा चुनाव में दीनहाटा सीट से उन्होंने तृणमूल के विधायक उदयन गुहा को महज़ 57 वोटों से मात दी। |
अद्यतन | 17:15, 12 जुलाई 2021 (IST)
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निसिथ प्रमाणिक (अंग्रेज़ी: Nisith Pramanik, जन्म- 17 जनवरी, 1986) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं जो साल 2019 में भाजपा के टिटक पर बंगाल के कूचबिहार से सांसद हैं। हालांकि इससे पहले निसिथ तृणमूल कांग्रेस में थे और साल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने टीएमसी से किनारा कर लिया और भाजपा में शामिल हो गए। 7 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल में विस्तार तथा फेरबदल के बाद निसिथ प्रमाणिक को 'गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री' तथा 'युवा मामले और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री' बनाया गया है।
परिचय
निसिथ प्रमाणिक का जन्म 17 जनवरी, 1986 को कूचबिहार, पश्चिम बंगाल में हुआ था। उनके पिता का नाम बिथु भूषण प्रमाणिक तथा माता का नाम चंदा प्रमाणिक है। निसिथ प्रमाणिक का विवाह प्रियांका प्रमाणिक से हुआ है। वह दो बच्चों के पिता हैं। 35 साल के निसिथ प्रमाणिक अपने ज़िले से पहले केंद्रीय मंत्री हैं। उत्तर बंगाल की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट कूचबिहर से सांसद बनने वाले निसिथ, राजवंशी समुदाय से आते हैं। वे साधारण परिवार में जन्मे हैं। उनके शिक्षक उन्हें तेज दिमाग़ का बताते हैं।
क़रीब 17 साल पहले पश्चिम बंगाल के कूचबिहार ज़िले का एक 18 साल का लड़का (निसिथ प्रमाणिक) घर वालों की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ जाकर अपनी प्रेमिका से शादी करता है और उसे लेकर बैंगलोर के लिए निकल जाता है। रास्ते में खड़गपुर में उसे एक अनाथ बच्ची मिलती है। लड़का उसे पहले खाना देता है, बाद में बच्ची उससे कहती है कि उसका कोई नहीं है, इसलिए वो उसे अपने साथ ले चले। बच्ची बैंगलोर तक नए जोड़े के साथ ही रहती है। वहां पहुंचकर लड़का बच्ची को पुलिस की देखरेख में छोड़ने की कोशिश करता है, लेकिन बाद में पुलिस की ही सलाह पर उसे अपने साथ रखने का फैसला करता है। महज 18 साल की उम्र में उस नौजवान ने पत्नी के साथ एक अनाथ बच्ची का भी ख्याल रखने की जिम्मेदारी ले ली और 17 साल बाद 7 जुलाई, 2021 को इस लड़के ने भारत सरकार में राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने की शपथ ली।[1]
राजनीतिक सफ़र
निसिथ प्रमाणिक की मां चंदा प्रमाणिक तृणमूल कांग्रेस में थीं और प्रधान रह चुकी थीं। निसिथ बड़े हुए तो उनका भी सियासी झुकाव तृणमूल की तरफ़ था। तब तक वो मेखलिगंज कॉलेज से डिप्लोमा इन एलेमेंटरी एजुकेशन कर प्राइमरी स्कूल में सहायक टीचर बन चुके थे। बंगाल में 3 दशक से ज्यादा समय तक अपराजित रही वामपंथी सरकार को 2011 में हराकर तृणमूल सत्ता में आई। इसके बाद पार्टी ने 25 जुलाई, 2011 को अपने युवा मोर्चा, ‘तृणमूल युवा’ का गठन किया। इसके नेता बने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी। तभी निसिथ प्रमाणिक भी तृणमूल युवा में शामिल हुए और 2013 के पंचायत चुनाव में अपने गांव भेटागुडी से उप-प्रधान चुने गए।
इसके बाद पार्टी में उनका क़द बढ़ता गया। पार्टी के अंदर युवाओं को ज़्यादा मौक़ा देने की लड़ाई निसिथ प्रमाणिक ने शुरू कर दी। धीरे-धीरे उन्होंने तृणमूल युवा की गतिविधियों को तेज किया और अभिषेक बनर्जी के ख़ास बन गए। इस दौरान निसिथ के खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज हुए। उनकी छवि बाहुबली नेता की थी। ज़िले के बड़े नेताओं से उनकी अनबन शुरू हो गई थी।
अब निसिथ प्रमाणिक भारत के गृह राज्य मंत्री हैं। बहुत ही छोटा राजनीतिक जीवन रहा है उनका। 2019 लोकसभा चुनावों में वो पहली बार सांसद बने। फिर 2021 के विधानसभा चुनाव में दीनहाटा सीट से उन्होंने तृणमूल के विधायक उदयन गुहा को महज़ 57 वोटों से मात दी, लेकिन पार्टी के आदेश अनुसार उन्होंने विधानसभा में शपथ नहीं ली।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पीएम मोदी के सबसे युवा मंत्री (हिंदी) thelallantop.com। अभिगमन तिथि: 12 जुलाई, 2021।
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