प्रेम कुमार धूमल

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प्रेम कुमार धूमल
प्रेम कुमार धूमल
प्रेम कुमार धूमल
पूरा नाम प्रेम कुमार धूमल
जन्म 10 अप्रॅल, 1944
जन्म भूमि गांव समीरपुर, जिला हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
पति/पत्नी डॉ. साधना ठाकुर
संतान अरुण ठाकुर और अनुराग ठाकुर
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद भूतपूर्व मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश

प्रथम बार- 24 मार्च 1998 से 5 मार्च 2003 तक
दूसरी बार- 30 दिसम्बर 2007 से 25 दिसम्बर 2012 तक

शिक्षा एमए अंग्रेज़ी, दोआबा कालेज, जालंधर

एलएलबी, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर

अन्य जानकारी प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश में सड़कों का ऐसा जाल बिछाया कि आज भी प्रदेशभर की जनता उन्हें 'सड़कों वाले मुख्यमंत्री' के तौर पर याद करती है।
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प्रेम कुमार धूमल (अंग्रेज़ी: Prem Kumar Dhumal, जन्म- 10 अप्रॅल, 1944) हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री हैं। वे दो बार मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं। वे राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में हिमाचल प्रदेश विधानसभा की हमीरपुर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रेम कुमार धूमल 1989 में पहली बार लोकसभा पहुंचे, उन्होंने हमीरपुर सीट पर उपचुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद वो 1998 और 2003 में विधानसभा चुनाव जीते। 2007 में भी उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। जब पहली बार 1984 में लोकसभा चुनाव लड़े थे तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा 1996 के लोकसभा चुनावों में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।[1]

परिचय

प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल का जन्म 10 अप्रैल, 1944 को गांव समीरपुर, जिला हमीरपुर में हुआ था। उनकी शादी शीला से हुई जिनसे उन्हें दो बेटे हैं- अरुण ठाकुर और अनुराग ठाकुर। अनुराग ठाकुर राजनीति में काफी सक्रिय हैं। वे बीसीसीआई के चेयरमैन भी रह चुके हैं। इसके अलावा मौजूदा समय में हमीरपुर लोकसभा से सांसद हैं। अनुराग बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान भी संभाल चुके हैं।

शिक्षा

प्रेम कुमार धूमल की प्रारंभिक शिक्षा मिडिल स्कूल भगवाड़ा में हुई और मैट्रिक डीएवी हाई स्कूल टौणी देवी, जिला हमीरपुर से की। सन 1970 में उन्होंने दोआबा कालेज, जालंधर में एमए अंग्रेज़ी में प्रथम श्रेणी से पूरी की। प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने पंजाब विश्वविद्यालय (जालंधर) में प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। इसके बाद वे दोआब कालेज जालंधर चले गए। नौकरी करते हुए इन्होंने एलएलबी किया।

कॅरियर

  • 1984 में उन्होंने संसदीय चुनावों में भाग लिया और पराजित हुए, लेकिन वे 1989 में विजयी हुए।
  • 1991 में दोबारा हमीरपुर की लोकसभा सीट से विजयी हुए और हिमाचल प्रदेश की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष बने।
  • 1996 के लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।
  • इसके बाद वे फिर से 1998 के विधानसभा चुनावों में बमसन क्षेत्र से जीतकर प्रदेश में भाजपा-हिविंका गठबंधन के मार्च 1998 से मार्च 2003 तक मुख्यमंत्री रहे।[1]
  • दिसंबर 2007 से दिसंबर 2012 तक वे मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे। वे दो बार मुख्यमंत्री पद पर रहे।

सड़कों वाले मुख्यमंत्री

प्रेम कुमार धूमल जब हिमाचल प्रदेश की राजनीति में आये, तब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सड़कों का ऐसा जाल बिछाया कि आज भी प्रदेशभर की जनता उन्हें सड़कों वाले मुख्यमंत्री के तौर पर याद करती है। प्रदेश भर में प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की पहचान 'सड़क वाले मुख्यमंत्री' के रूप में है। वे भारतीय जनता पार्टी के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। साल 1998 और फिर साल 2007 में धूमल हिमाचल प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे।[2]

प्रेम कुमार धूमल की गिनती हिमाचल के कद्दावर नेताओं में होती है। वह राजनीति में आने से पहले जब एलआईसी में क्लर्क के पद पर तैनात थे, वहीं उस दौरान के एक बस ड्राइवर की कही बात आज भी प्रेम कुमार धूमल के जहन में है। दरअसल, बात कुछ ऐसी थी कि वह धूमल के दिल में घर कर गई। हिमाचल प्रदेश की राजनीति को बेहद करीब से समझने वाले पत्रकार शशिकांत शर्मा बताते हैं कि प्रेम कुमार धूमल एलआईसी एजेंट रहते हुए अक्सर जालंधर से अपने घर आया करते थे। उस समय घर आने के लिए प्रेम कुमार धूमल बस का इस्तेमाल करते थे। उनके घर के रास्ते की सड़क पर एक जगह ऐसी ढलान आती थी, जिस पर बस का चढ़ना मुश्किल हो जाता था। कई बार जब बस में भीड़ ज्यादा होती थी तो कुछ यात्रियों को नीचे उतर कर बस को धक्का लगाना पड़ता था। कभी-कभी बस की छत पर सब्जियां होने की वजह से भी बस उस ढलान को पार नहीं कर पाती थी।

एक बार जब बस की छत सब्जियों से भरी थी, तब बस ढलान को पार नहीं कर सकी, तो प्रेम कुमार धूमल ने ड्राइवर से कहा कि जब बस चढ़ती नहीं है तो इतनी सब्जियां बस की छत पर क्यों लदवा लेते हो। इस पर बस ड्राइवर ने कहा कि मुझे यह बातें कहने से बेहतर है कि अच्छे नेता को चुनों, जिसे कम से कम यह मालूम हो कि सड़क की एलिवेशन कितनी होनी चाहिए? इस बस में कोई खराबी नहीं, सड़क की ढलान ही ऐसी है कि यहां बस चल ही नहीं पाती है। बस ड्राइवर ने भले ही बात को सहजता से कहा हो, लेकिन प्रेम कुमार धूमल के जहन में यह बात उतर गई। पहले एलआईसी एजेंट और फिर प्रोफेसर बनने के बाद प्रेम कुमार धूमल की एंट्री जब हिमाचल प्रदेश की राजनीति में हुई, तब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सड़कों का ऐसा जाल बिछाया कि आज भी प्रदेशभर की जनता उन्हें 'सड़क वाले मुख्यमंत्री' के तौर पर याद करती है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सड़कों को लेकर उनके विजन के पीछे शायद उस बस ड्राइवर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की जीवनी (हिंदी) jivanihindi.com। अभिगमन तिथि: 04 जुलाई, 2023।
  2. हिमाचल में 'सड़क वाला सीएम' नाम से मशहूर हैं प्रेम कुमार धूमल (हिंदी) abplive.com। अभिगमन तिथि: 04 जुलाई, 2023।

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