संविधान संशोधन- 12वाँ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
संविधान संशोधन- 12वाँ
भारत का संविधान
भारत का संविधान
विवरण 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है।
संविधान लागू होने की तिथि 26 जनवरी, 1950
पहला संशोधन 1961
संबंधित लेख संविधान सभा
अन्य जानकारी 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है।

भारत का संविधान (11वाँ संशोधन) अधिनियम, 1961

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस संशोधन का उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद 66 और 71 का इस दृष्टि से संशोधन करना था, जिसमें उपयुक्त निर्वाचकमंडल में किसी ख़ाली पद के आधार पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन को चुनौती न दी जा सके।
  • इस संशोधन को डॉ. खरे के मामले के पश्चात्त पारित किया गया था।
  • डॉ. खरे ने राष्ट्रपति के चुनाव को इसी आधार पर चुनौती दी थी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


भारत का संविधान (12वाँ संशोधन) अधिनियम,1962

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस संशोधन के द्वारा गोवा, दमन और दीव को केंद्रशासित प्रदेश के रूप में शामिल किया गया और इस प्रयोजन के लिए अनुच्छेद 240 का संशोधन किया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख