ममता कालिया
ममता कालिया (अंग्रेज़ी: Mamta Kalia) समकालीन हिंदी लेखन जगत की अग्रणी हस्ताक्षर हैं। अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए. ममता कालिया का जन्म 1940 में भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में हुआ था। ममता कालिया ने कहानी, नाटक, उपन्यास, निबंध, कविता और पत्रकारिता अर्थात साहित्य की लगभग सभी विधाओं में अपनी कलम का जादू बिखेरा। उन्होंने अपने लेखन में रोजमर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभारा। अपनी रचनाओं में वह न केवल महिलाओं से जुड़े सवाल उठाती हैं, बल्कि उन्होंने उनके उत्तर देने की भी कोशिश की हैं।
प्रमुख कृतियाँ
ममता कालिया की कृतियाँ इस प्रकार हैं-
कहानी संग्रह - छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है, प्रतिदिन, मुखौटा, निर्मोही, थिएटर रोड के कौए, पच्चीस साल की लड़की, ममता कालिया की कहानियाँ (दो खंडों में अब तक की संपूर्ण कहानियाँ)
उपन्यास - बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दौड़, अँधेरे का ताला, दुक्खम् - सुक्खम्
कविता संग्रह - खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, नरक दर नरक, प्रेम कहानी
नाटक संग्रह - यहाँ रहना मना है, आप न बदलेंगे
संस्मरण - कितने शहरों में कितनी बार
अनुवाद - मानवता के बंधन (उपन्यास - सॉमरसेट मॉम)
संपादन - हिन्दी (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक अंग्रेज़ी पत्रिका)[1]
सम्मान और पुरस्कार
- अभिनव भारती सम्मान
- साहित्य भूषण सम्मान
- यशपाल स्मृति सम्मान
- महादेवी स्मृति पुरस्कार
- कमलेश्वर स्मृति सम्मान
- सावित्री बाई फुले स्मृ्ति सम्मान
- अमृत सम्मान
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ममता कालिया (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
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