असितभैरव
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असितभैरव का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। महाभारत के उल्लेखानुसार यह श्रीकृष्ण के दाहिने नेत्र से प्रकट हुए थे, जो आठ भैरवों में से एक थे।[1]
- भैरव शिव के समान ही तेजस्वी थे। भैरव के आठ रूप माने गये हैं, जो कि निम्न हैं-
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्मवैवर्त पुराण |प्रकाशक: गोविन्द भवन कार्यालय, गीताप्रेस गोरखपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 36 |
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